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Coronavirus Re-infection: एक बार कोविड हो जाने के बाद कितने समय में हो सकता है रि-इंफेक्शन?

वायरस पहले ही हम पर कई वेरिएंट्स के रूप में हमला कर चुका है और भविष्य में नए वेरिएंट्स के उभरने से इंकार नहीं किया जा सकता है। साथ ही अगर कोविड-19 से जुड़े एहतियात न बरते गए तो यह संक्रमण दोबारा हो सकता है।

By Ruhee ParvezEdited By: Updated: Mon, 07 Feb 2022 04:18 PM (IST)
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Coronavirus Re-infection: एक बार कोविड हो जाने के बाद कितने समय में हो सकता है रि-इंफेक्शन?
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Coronavirus Re-infection: कोविड-19 संक्रमण और कोरोना वायरस इस जीवन का हिस्सा बन गए हैं, हालांकि, इसके साथ ही उठते हैं कई सवाल। इनमें से ही एक सवाल यह भी है कि हम एक बार संक्रमित होने के बाद दूसरी बार कितनी जल्दी संक्रमित हो सकते हैं? कोविड-19 संक्रमण SARS-CoV2 की वजह से होता है, जो एक अत्यधिक संक्रामक वायरस माना जाता है।

वायरस पहले ही हम पर कई वेरिएंट्स के रूप में हमला कर चुका है, और भविष्य में नए वेरिएंट्स के उभरने से इंकार नहीं किया जा सकता है। साथ ही अगर कोविड-19 से जुड़े एहतियात न बरते गए, तो यह संक्रमण दोबारा हो सकता है। कोविड-19 को फैलने से रोकने में मास्क, हाथों को साफ रखना और दूसरों से शारीरिक दूरी बनाए रखना प्रभावी उपाय हैं।

कोविड-19 से दोबारा संक्रमित होने का क्या मतलब है?

जब कोई व्यक्ति वायरल से एक से अधिक बार संक्रमित हो जाता है, तो उसे दोबारा संक्रमित होना कहा जाता है। कोविड-19 का कारण बनने वाले वायरस के साथ दोबारा संक्रमण का अर्थ है कि एक व्यक्ति संक्रमित था, ठीक हो गया, और फिर बाद में फिर से संक्रमित हो गया। कोरोना से ठीक होने के बाद कई लोगों को इ वायरस से सुरक्षा मिल जाती है, हालांकि, कोविड से दोबारा संक्रमित होना संभव है।

एक बार कोविड होने के बाद दोबारा इंफेक्शन कितने समय में हो सकता है?

कई विशेषज्ञों ने प्रतिरक्षा को पुन: संक्रमण से जोड़ा है। इस बात का कोई निश्चित जवाब नहीं है कि कोई व्यक्ति कितनी जल्दी इस बीमारी को फिर से संक्रमित हो सकता है। अगर आप संक्रमण के तीन महीने बाद दोबारा लक्षण महसूस कर रहे हैं, तो टेस्ट ज़रूर करवाएं।

कोविड-19 से दोबारा संक्रमण की संभावना क्यों है?

अधिक से अधिक लोगों के संक्रमित होने के साथ, वायरस पहले ही मानव आबादी के भीतर अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुका है। कोविड से जुड़ी सावधानियां को लोग नज़रअंदाज़ करने लगते हैं, जिससे वायरस और तेज़ी से फैलने लगता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) सभी देशों की सरकारों के साथ मिलकर कोविड-19 संक्रमण के बारे में लगातार जागरूकता पैदा करने में लगा है।

एसिम्प्टोमैटिक लोगों के ज़रिए दोबारा संक्रमण होने का जोखिम बढ़ जाता है। ये वे लोग होते हैं, जो वायरस को कैरी तो कर रहे हैं लेकिन उनमें इसके लक्षण नज़र नहीं आते हैं। कोविड​​​​-19 की तीसरी लहर के दौरान, जिसके लिए ओमिक्रॉन सबसे ज़्यादा ज़िम्मेदार था, अधिकांश तौर पर एसिम्प्टोमैटिक लोगों द्वारा ही फैलाया गया था।

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।