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Children's Dental care: छोटे बच्चों के दांतों को इन तरीकों से रख सकते हैं हेल्दी

Childrens Dental care आजकल बच्चों को कई तरह की दातों की समस्या होने लगी हैं. ऐसे में बच्चों के ओरल हाइजीन का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. कई बार बच्चों के दातों से जुड़ी समस्याओं को नजरअंदाज करना काफी भारी पड़ सकता है.

By Priyanka SinghEdited By: Priyanka SinghUpdated: Mon, 05 Jun 2023 01:00 PM (IST)
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Children's Dental care: बच्चों के दांतों की ऐसे करें केयर
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Children's Dental care: बहुत सारे पेरेंट्स को यह समझ नहीं आता कि छोटे बच्चों में होने वाली डेंटल प्रॉब्लम के लिए डॉक्टर के पास जाना चाहिए या नहीं। घर के बड़े-बूढ़े घरेलू उपायों से दांतों की छोटी-मोटी प्रॉब्लम्स को ठीक करने की सलाह देते हैं। लेकिन कई बार ये उपाय पूरी तरह से कारगर नहीं होते, जिससे दांतों को अलग तरह के नुकसान हो सकते हैं।

छोटे बच्चों को घरवाले लाड़-प्यार में चक्कर में अक्सर चॉकलेट या दूसरी मीठी चीजें खाने को देते हैं। लेकिन ऐसी चीजों को लगातार या जरूरत से ज्यादा खाने से बच्चों के दूध के दांत सड़ने लगते हैं। उनमें कैविटी हो जाती हैं। मल्टिपल कैविटी की प्रॉब्लम होने पर उनमें फिलिंग करानी पड़ती है। कैविटी गहरी हो जाने पर रूट कैनाल कराने की भी नौबत आ सकती है। सही समय पर उपचार न होने पर दांत खराब हो जाते हैं। तो बच्चों के दांतों में होने वाली किसी भी समस्या को इग्नोर न करें। ऐसे रखें उनके दांतों का ख्याल।

नवजात बच्चों के लिए

-   जब आपके बच्चे के दांत निकलने का समय हो, तो उनके मसूड़ों को एक साफ कपड़े से दिन में दो बार साफ करें।

-   पहला दांत निकलने के बाद अपने बच्चे को डेंटिस्ट के पास ले जाएं।

 

2 साल से कम के बच्चों के लिए

-   अपने बच्चे के दांत को ब्रश से साफ करने के लिए फ्लोराइड रहित टूथपेस्ट का इस्तेमाल करें।

-   अपने बच्चे को स्तनपान के बाद हर बार थोड़ा पानी पिलाएं।

 

दो साल से ज्यादा उम्र के बच्चों के लिए

-   बच्चे को बोतल से दूध पिलाते हुए सुलाने से परहेज करें, क्योंकि इससे बच्चे के दांतों को नुकसान पहुंच सकता है।

-   बच्चों के लिए बोतल के बजाय सिपर कप (स्ट्रॉ या हार्ड स्पाउट के साथ) इस्तेमाल करना चाहिए। इससे बच्चे के दांत के आसपास लिक्विड जमा होने से रोकने में मदद मिलेगी।

-   जब आपका बच्चा लगभग दो साल का हो जाए, तो उसे थूकना सिखाना शुरू करें। जब वह थूमना सीख लेगा, तो 1,000 पीपीएम का फ्लोराड टूथपेस्ट इस्तेमाल करें।

-   हर तीन महीने बाद अपने बच्चे को नियमित तौर पर डेंटिस्ट के पास ले जाएं।

-   अपने बच्चे को जूस जैसे मीठे तरल पदार्थ देने से परहेज करें, क्योंकि ये कई घंटे तक उनके दांतों से चिपके रहते हैं, जिससे इनेमल को नुकसान पहुंच सकता है। इनेमल दांतों की सड़न या खराब होने से बचाने के लिए सुरक्षा के तौर पर काम करता है। इससे ‘बोटल माउथ’ या ‘बेबी बोटल टूथ डिके’ की समस्या हो सकती है। इसकी वजह से आगे के दांत बदरंग, टेढ़े या गंदे हो सकते हैं। टेढ़े या असामान्य दांतों की वजह से कैविटी पैदा हो सकती है, जिससे दांतों को निकालना भी पड़ सकता है।

 

इन बातों का रखें ध्यान

1. दिन में दो बार अपने बच्चे को ब्रश कराएं- नाश्ते के बाद और रात को सोने से पहले। ब्रेकफास्ट और लंच के बीच का समय बहुत जरूरी है। बच्चे के मुंह में कोई भी फूड 4-5 घंटे नहीं चिपका रहना चाहिए, क्योंकि इससे दांतों को नुकसान पहुंचता है।

2. भोजन के बाद माउथवॉश और/या गुनगुने पानी से कुल्ला कराया जा सकता है।

3. 1-2 मिनट तक उन्हें ब्रश कराएं। 

4. भोजन या कोई मीठा पेय पदार्थ या मिठाई लेने के बाद बच्चे को कुल्ला कराने की आदत डालें।

5. अपने बच्चे की डाइट में फाइबर-युक्त फूड्स, जैसे- खीरा, अजवाइन, गाजर शामिल करें, क्योंकि इनसे उनके दांतों को मजबूत बनाए रखने में मदद मिलती है।

6. बच्चों में दांतों की समस्या को कभी नजरअंदाज न करें, और जल्द से जल्द इसे रोकने के लिए उपाय करें। 

(डॉ. श्वेता सेतिया थरेजा, प्रोस्थोडॉन्टिस्ट से बातचीत पर आधारित)

Pic credit- freepik