दुनियाभर में 28 करोड़ लोग हैं Depression का शिकार, इन लक्षणों से करें Workplace पर इसकी पहचान
डिप्रेशन एक गंभीर मेंटल डिसऑर्डर है जिसके कारण व्यक्ति का जीवन काफी प्रभावित होने लगता है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं जिनमें वर्कप्लेस से जुड़ी बातें भी शामिल हैं। कुछ लक्षणों की मदद से वर्कप्लेस पर डिप्रेशन (Depression) का पता लगाया जा सकता है। आइए जानें वर्कप्लेस पर दिखने वाले डिप्रेशन के लक्षणों (Symptoms of Depression at Workplace) के बारे में।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Tips to Identify Depression at Workplace: अपनी मेंटल हेल्थ से जुड़ी ऐसी कई बातें हैं, जिन्हें हम अनदेखा कर देते हैं या उन्हें काफी गंभीरता से नहीं लेते। मेंटल हेल्थ से जुड़ी इन परेशानियों में वर्कप्लेस डिप्रेशन भी शामिल है। वर्कप्लेस डिप्रेशन के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें काम का बढ़ता दबाव, ऑफिस में भेदभाव, काम करने का तरीका और टॉक्सिक सहकर्मी जैसे कई कारण हो सकते हैं। यह एक बेहद गंभीर समस्या है, जिससे दुनियाभर में कई लोग जूझ रहे हैं, लेकिन अमेरिका के आंकड़ें और भी डराने वाले हैं, जिसका द कॉन्फ्रेंस बोर्ड की एक शोध में पता चला है। आइए जानें इस शोध के आंकड़ें और क्या क्या हैं वर्कप्लेस डिप्रेशन के लक्षण।
28 करोड़ लोगों को है डिप्रेशन (Depression)
द कॉन्फ्रेंस बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, अमेरिका में तकरीबन 34% कर्मचारी डिप्रेशन से गुजर रहे हैं और दुनियाभर में 28 करोड़ लोग डिप्रेशन का शिकार हैं, जिसके पीछे कई अलग-अलग कारण हैं। इसलिए डिप्रेशन के बारे में बात करना और इसके लक्षणों को पहचानना काफी जरूरी है। डिप्रेशन मेंटल हेल्थ से जुड़ी एक ऐसी समस्या है, जिसका कई बार पता आसानी से नहीं लग पाता। कई लोगों को इससे जुड़े लक्षण बेहद आम लगते हैं, जिन्हें वे अनदेखा कर देते हैं। हालांकि, वर्कप्लेस पर डिप्रेशन को पहचानने के लिए आप कुछ बातों पर ध्यान दे सकते हैं, जिनकी मदद से इसका पता लगाने में आसानी होती है।
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क्यों जरूरी है डिप्रेशन का इलाज?
डिप्रेशन का वक्त पर इलाज न किया जाए, तो यह कई बार जानलेवा भी हो जाता है। इसके कारण लोगों की मानसिक सेहत इस कदर प्रभावित होने लगती है कि उन्हें अपने जीवन का कोई लक्ष्य नजर नहीं आता और वे नीरसता से भर जाते हैं। इसके कारण कई बार वे खुजकुशी जैसा भयावह कदम भी उठाने पर मजबूर हो जाते हैं। इसलिए इसका जल्द से जल्द पता लगाना और डॉक्टर से परामर्श लेना बहुत जरूरी है। इसका इलाज करके ही हम अपने व्यक्तिगत जीवन और प्रोफेशनल लाइफ को बेहतर बना सकते हैं। इसके लिए लोगों में इस बारे में जागरुकता होनी जरूरी है और साथ ही, डिप्रेशन की पहचान के लिए स्क्रीनिंग प्रोग्राम होने की भी जरूरत है।
वर्कप्लेस पर डिप्रेशन के लक्षण
- सहकर्मियों से दूरी- वर्कप्लेस डिप्रेशन का एक सबसे बड़ा लक्षण है, अपने सहकर्मियों से दूरी बनाने लगना। अगर आप पहले काफी मिलनसार थे और अपने सहकर्मियों के साथ हंसी-मजाक में भाग लेते थे, बातचीत करते थे, लेकिन अब आप इन चीजों से अचानक दूरी बनाने लगे हैं, तो यह डिप्रेशन का लक्षण हो सकता है। इसके कारण आप काफी अकेलापन महसूस करने लगते हैं और आपकी प्रोडक्टिविटी पर भी प्रभाव पड़ने लगता है।
- समय पर काम न करना- अगर आप पहले समय के पाबंद थे और समय से अपना काम पूरा करते थे, लेकिन अचानक अब आपने ऑफिस देर से आना शुरू कर दिया है या काम की डेड लाइन मिस करने लगे हैं, तो यह डिप्रेशन का संकेत हो सकता है। डिप्रेशन की वजह से व्यक्ति की कार्य क्षमता, फोकस और टाइम मैनेजमेंट प्रभावित होने लगता है। साथ ही, काम में अरुचि भी इसका एक संकेत हो सकता है।
- बिना रुके काम करना- अगर आप खुद को काम में व्यस्त रखने के लिए बीच-बीच में ब्रेक या छुट्टी लेना बंद करने लगे हैं, तो यह डिप्रेशन का संकेत हो सकता है। इसके पीछे एक कारण हो सकता है कि आप काम के जरिए किसी चीज से अपना ध्यान भटकाना चाह रहे हैं।
- काम को नजरअंदाज करना- पहले आपको अपने काम से संतुष्टि मिलती थी और आप अपने काम के प्रति काफी उत्साहित रहते थे, लेकिन अब आपकी आपके काम में दिलचस्पी कम हो गई है या आप अपने काम को पूरा नहीं कर रहे हैं, जरूरी कामों को नजरअंदाज कर रहे हैं या अपने लैपटॉप की स्क्रीन पर खाली समय बर्बाद कर रहे हैं, तो हो सकता है कि आप डिप्रेशन का शिकार हों।