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शरीर को बीमारियों का घर बना सकती है Emotional Eating, छुटकारा पाने के लिए अपनाएं ये 5 असरदार टिप्स

सिर्फ गलत खानपान ही नहीं बल्कि हेल्दी चीजों का गलत तरीके से सेवन भी आपकी सेहत बिगाड़ सकता है। अगर आप भी उदास गुस्सा या स्ट्रेस में होने पर या बिना भूख के कुछ भी खाने लगते हैं तो यह इमोशनल ईटिंग का लक्षण है। बता दें यह आदत आपको कई बीमारियों का शिकार बना सकती है ऐसे में आइए जानते हैं इससे छुटकारा पाने के कुछ कारगर उपाय।

By Nikhil Pawar Edited By: Nikhil Pawar Updated: Fri, 17 May 2024 04:40 PM (IST)
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सेहत के लिए दुश्मन साबित हो सकती है इमोशनल ईटिंग, जानिए इससे निजात पाने के तरीके (Image Source: Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। How to Stop Emotional Eating: स्ट्रेस, उदासी, एंग्जायटी या लो फीलिंग के कारण अक्सर खाने की क्रेविंग्स बढ़ जाती हैं। ऐसे में लोग बिना भूख के तो खाने ही लगते हैं, साथ ही हेल्दी या अनहेल्दी का ख्याल रखना भी भूल जाते हैं। इसे इमोशनल ईटिंग या स्ट्रेस ईटिंग कहा जाता है, जिसके चलते आपका वजन को बढ़ता ही है, बल्कि इससे शरीर भी डायबिटीज जैसी बीमारियों की चपेट में आ जाता है। अगर आप भी चॉकलेट, पिज्जा, आइसक्रीम, मिठाइयां और जंक फूड्स को बिना सोचे समझे खा रहे हैं, तो यह आर्टिकल आप ही के लिए है। यहां हम आपको बताएंगे कि कैसे आप इस बुरी आदत पर काबू पा सकते हैं। आइए जानें।

मेडिटेशन

इमोशनल ईटिंग या स्ट्रेस ईटिंग से छुटकारा दिलाने में मेडिटेशन काफी मददगार साबित हो सकता है। रोजाना मेडिटेशन करने से एंग्जायटी कम होती है और इसका सीधा असर आपके खानपान पर भी दिखाई देता है। तनाव से दूर रहने पर आप खाने पीने के लिए सही चीजों को तो चुनते ही हैं, साथ ही बिना भूख के खाने से भी बच पाते हैं।

एक्सरसाइज

इमोशनल ईटिंग से निजात दिलाने में एक्सरसाइज का भी काफी बड़ा रोल होता है। अगर आप भी रोजाना के रूटीन में थोड़ी बहुत एक्सरसाइज को जगह देता हैं, तो इससे शारीरिक ही नहीं, बल्कि मानसिक समस्याएं भी दूर होती हैं। बता दें, कि दिन में आधा घंटा टहलने या फिर कुछ अन्य फिजिकल एक्टिविटीज से ईटिंग हैबिट्स को सही करने में मदद मिल सकती है।

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फाइबर रिच फूड्स

प्रोटीन और फाइबर से भरपूर चीजों को डाइट में शामिल करने से भी इमोशनल ईटिंग की समस्या को दूर किया जा सकता है। बता दें, कि इससे आपका पेट ज्यादा देर तक भरा रहता है और आप ओवरईटिंग से बच जाते हैं। इससे वजन तो काबू में रहता ही है, साथ ही डायबिटीज और दिल से जुड़ी बीमारियों के जोखिम को भी कम किया जा सकता है।

फूड डायरी

इमोशनल ईटिंग को मैनेज करने के लिए आप एक फूड डायरी भी मेंटेन कर सकते हैं। बता दें, कि आप इस डायरी में नोट कर सकते हैं कि उदास या गुस्से में होने पर आपको किन चीजों की क्रेविंग होती है, ऐसे में इसे कंट्रोल करना भी आसान हो सकता है और ज्यादा परेशानी होने पर आप इस डायरी को अपने डॉक्टर के साथ भी शेयर कर सकते हैं।

डॉक्टर से संपर्क करें

तनाव और स्ट्रेस के साथ डील करना कई बार काफी चैलेंजिंग भी हो जाता है। ऐसे में अगर आपको भी इमोशनल ईटिंग के चलते सेहत से जुड़ी कुछ समस्याएं नजर आने लगी हैं और आप अपनी इस आदत को काबू में नहीं कर पा रहे हैं, तो डॉक्टर से सलाह लेने में बिल्कुल भी न झिझकें। ध्यान रहे, कि इसकी अनदेखी आपको कई जानलेवा बीमारियों की चपेट में भी ला खड़ा कर सकती है।

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Disclaimer: लेख में उल्लेखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो, तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।