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Mental Health: जब प्यार में टूट जाए दिल, तो खुद को कैसे सम्भालें?

Mental Health किसे से प्यार करना और फिर उसी को पसंद न करना आसान नहीं है। प्यार हमारे शरीर में ऐसे केमिकल्स रिलीज़ करती है जिससे हम हमेशा खुश महसूस करते हैं। हालांकि अपने उसी पार्टनर के साथ रिश्ता ख़त्म होने पर आप भावनात्मक और शारीरिक पीड़ा से गुज़रते हैं।

By Ruhee ParvezEdited By: Updated: Mon, 10 Oct 2022 06:05 PM (IST)
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Mental Health: ब्रेकअप के बाद अपने मानसिक स्वास्थ्य का कैसे ख्याल रखना चाहिए?
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Mental Health: ब्रेकअप चाहे दो लोगों के फैसले के बाद ही क्यों न हुआ हो, इससे गुज़रना बेहद मुश्किल होता है। एक खराब रिश्ते के बाद अगर आप टूटे हुए दिल को सम्भालने की कोशिश कर रहे हैं, तो स्थिति कई बार और खराब भी हो जाती है। आप ज़्यादातर समय उदास रहते हैं और भावनात्मक रूप से कमज़ोर महसूस कर सकते हैं। इसलिए इस दौरान अपने मानसिक स्वास्थ्य को संतुलित रखना महत्वपूर्ण है।

ब्रेकअप के आम लक्षणों में अकेलापन, उदासी, चिड़चिड़ापन, भूख न लगना और नींद न आना शामिल है। आज विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर बात करते हैं कि किस तरह हम अपने टूटे दिल को कम से कम नुकसान पहुंचाए कैसे दोबारा खुशी दे सकते हैं।

ब्रेकअप के बाद मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल कैसे रखें?

दुख मनाएं लेकिन इससे उबरें भी

ब्रेकअप के बाद खुद को दुखी होने दें। दिल टूटने के दर्द का अनुभव करें और अपनी भावनाओं को पूरी तरह से बाहर आने दें। इसके बाद खुद पर दया न दिखाएं और आगे आने वाले समय प फोकस करें।

अपनी सीमा तय करें

अपने विचारों और ख्यालों को लेकर एक सीमा तय करें, क्योंकि अगर आप एक ही चीज़ के बारे में सोचते रहेंगे, तो तनाव के अलावा और कुछ नहीं होगा।

खुद को समय दें

कई बार ब्रेकअप के बाद हम आत्मविश्वास खो देते हैं, जिससे तनाव और अवसाद बढ़ने लगता है। इसलिए यह सोचने की जगह कि गलती कहां हुई, हमें अपनी गलतियों से सीखना चाहिए और खुद को उबरने का समय देना चाहिए।

अकेले न रहें

ब्रेकअप या दिल टूटने के बाद किसी से भी मिलने का दिल नहीं होता और यह आम बात है। हालांकि, कोशिश करें कि इस दौरान अकेले न रहें। बाहर जाकर पार्टी करने की ज़रूरत नहीं है, लेकिन अपने दोस्त और परिवार से टच में रहें।

ध्यान का अभ्यास करें

बीते हुए कल हको भूल कर कोशिश करें कि आज पर फोकस करें। इसके लिए आप ध्यान की मदद ले सकते हैं। शोध से पता चलता है कि अच्छे से ध्यान करने और सांस लेने की एक्सरसाइज़ करने से आपकी चिंता कम होती है और आप समझदारी से सोच पाते हैं।

थेरेपी की मदद लें

अगर समय के साथ आप आगे बढ़ पाने में असमर्थ महसूस कर रह हैं, तो थेरेपिस्ट से मिलें। थेरेपिस्ट से बात कर अपनी दिमाग को आराम दें। इससे आप हल्का महसूस करेंगे और तनाव दूर होगा।

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Picture Courtesy: Freepik/Pexel