Hyperpigmentation Treatment: मां में विटामिन बी-12 की कमी से बच्चे हो रहे हाइपर पिगमेंटेशन के शिकार
Hyperpigmentation Treatment बाल एवं शिशुरोग विभागाध्यक्ष डा अजय गौड़ का कहना है कि विटामिन बी 12 की आपूर्ति के लिए सबसे अच्छा व सुगम साधन है कि पोष्टिक अहार का सेवन करना। गर्भवती माताएं अपने पोष्टिक अहार में हरी पत्तेदार सब्जियां और फलों का सेवन करें।
By Sanjay PokhriyalEdited By: Updated: Wed, 31 Aug 2022 11:00 AM (IST)
ग्वालियर अजय उपाध्याय। Hyperpigmentation Treatment मांस व अंडे की तरह फल व हरी पत्तेदार सब्जियों में भरपूर मात्रा में विटामिन बी12 की उपलब्धता होती है। यदि हरे पत्तेदार सब्जी और फलों का सेवन गर्भवती महिलाएं करें तो उनमें विटामिन बी 12 की कमी नहीं रहती। लेकिन हाल में जीआर मेडिकल कालेज के बाल एवं शिशुरोग विशेषज्ञों द्वारा किए गए शोध में सामने आया कि जिन माताओं में विटामिन बी 12 की कमी रही उनके बच्चें में भी विटामिन बी 12 की कमी पाई गई। यह समस्या उन महिलाओं में अधिक देखी गई जो शाकाहारी है और उनके पाष्टिक अहार में हरी पत्तेदार सब्जी व फल शामिल नहीं रहे या कम रहे।
असल में विटामिन बी 12 की कमी से एक से 12 महीने के बच्चें की त्वचा में काले धब्बे, झटके आना,शरीर में कंपन होने की शिकायत रही। शरीर में खून की कमी से बच्चे का मानसिक व शारीरिक विकास अवरुध होता है। इस तरह की शिकायत को हाइपर पिग्मेंटेशन कहते हैं, यह रोग इस उम्र के बच्चों में तेजी से देखा गया। ग्वालियर के इन बाल रोग विशेषज्ञों का यह शोध इंटरनेशनल जनरल आफ मेडिकल साइंस एवं इनोवेटिव रिसर्च में प्रकाशित किया गया है।
69 शिशुओं पर किया शोध
जीआर मेडिकल कालेज के बाल एवं शिशुरोग विभाग के विशेषज्ञों ने 69 शिशुओं में विटामिन बी12 की कमी होने का पता लगाने के लिए उनकी मां में विटामिन का पता लगाने के लिए जांच की गई। देखा कि 64 शिशुओं की मांओं में बी-12 की कमी थी। जबकि पांच मांताएं मांसाहारी थीं और उनमें विटामिन बी12 भरपूर मात्रा में पाया गया। 9 माताएं अंडे का सेवन करती थी उमें कुछ कम था जबकि 54 माताएं पूरी तरह से शाकाहारी थी और उनमें विटामिन बी 12 की अधिक कमी थी।
शिशुओं की मां में विटामिन की उपलब्धता-
प्रकार संख्या विटामिन बी 12शाकाहारी 54 112मांसाहारी 05 180अंडा 09 330नोट: स्वस्थ्य माता में विटामिन बी-12 की उपलब्धता 211 से 911 pg/mL होना चाहिए।