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क्या आप भी खाने के बाद या पहले लेते हैं चाय-कॉफी की चुस्कियां, तो जानें क्यों ICMR ने दी ऐसा न करने की सलाह

शायद ही कोई ऐसा हो चाय या कॉफी (Tea-Coffee) पीना पसंद नहीं करता है। यह दुनियाभर में पसंद किया जाने वाला ड्रिंक है जिसे लोग सुबह-शाम किसी भी वक्त पीना पसंद करते हैं। हालांकि हाल ही में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) इन्हें पीने को लेकर गाइडलाइन्स जारी की है। ICMR ने बताया कि क्यों खाने के बाद चाय या कॉफी नहीं पीना चाहिए।

By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Published: Tue, 14 May 2024 04:30 PM (IST)Updated: Tue, 14 May 2024 04:30 PM (IST)
ICMR ने जारी की चाय-कॉफी के लिए गाइडलाइंस (Picture Credit- Freepik)

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। चाय या कॉफी (Tea-Coffee) दुनियाभर में पसंद किया जाना वाला सबसे लोकप्रिय ड्रिंक है। खासकर अपने देश भारत में लोग बड़े चाव से इसे पीते हैं। यहां इसकी दीवानगी इस हद तक है कि लोगों की सुबह चाय या कॉफी के एक कप के साथ होती है और उनका दिन भी चाय की चुस्की के साथ ढलता है। कुछ लोगों को तो चाय या कॉफी की ऐसी आदत होती है कि वह दिनभर में कभी भी इसे पीने से परहेज नहीं करते हैं। हालांकि, ज्यादा मात्रा में इनका सेवन आपके लिए हानिकारक हो सकता है।

खासकर खाने से पहले या बाद में चाय या कॉफी पीना आपकी सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकता है। ऐसा हम नहीं, बल्कि खुद इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) का कहना है। हाल ही में ICMR भारतीयों के लिए एक रिवाइस्ड डाइट गाइडलाइंस जारी की, जिसमें उन्होंने चाय और कॉफी पीने को लेकर सलाह भी साझा की है। आइए जानते हैं चाय-कॉफी के लिए क्या कहती है ICMR की गाइडलाइन्स-

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खाने के बाद या पहले क्यों नहीं पिएं चाय-कॉफी

ICMR के मुताबिक खाने से पहले और बाद में कम से कम एक घंटे तक चाय और कॉफी पीने से बचना चाहिए, क्योंकि यह आयरन के अब्जॉर्प्शन में बाधा डालती है और एनीमिया होने का खतरा पैदा करती है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च ने अपनी जारी संशोधित गाइडलाइन्स में लोगों को अपनी चाय और कॉफी के सेवन के समय पर नजर रखने की सलाह दी, क्योंकि दोनों ही पेय पदार्थों में मौजूद टैनिन आयरन के अब्जॉर्प्शन में बाधा डालने के लिए जाना जाता है।

चाय और कॉफी का सेहत पर प्रभाव

बात करें चाय और कॉफी के सेहत पर प्रभाव की, तो दोनों में ही कैफीन होता है, जो एक उत्तेजक पदार्थ जो सेंट्रल नर्वस सिस्टम को प्रभावित करने और मनोवैज्ञानिक निर्भरता को प्रेरित करने के लिए जाना जाता है। जरूरत से ज्यादा कॉफी पीने से ब्लड प्रेशर में बढ़ोतरी, अनियमित दिल की धड़कन और एलडीएल यानी बैड कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने का खतरा रहता है, जो हार्ट डिजीज में योगदान देता है।

एक कप (150 मिली) ब्रूड कॉफी में 80-120 मिलीग्राम कैफीन होता है, इंस्टेंट कॉफी में 50-65 मिलीग्राम और चाय में 30-65 मिलीग्राम कैफीन होता है। रिपोर्ट के अनुसार, इन पेय पदार्थों को सीमित मात्रा (300mg/दिन से अधिक नहीं) में पीना चाहिए।

बिना दूध वाली चाय बेहतर

इन नई गाइडलाइन्स में ICMR ने यह भी बताया कि दूध वाली चाय को छोड़कर, बिना दूध वाली यानी ग्री या ब्लैक टी को पीना ज्यादा लाभकारी हो सकता है। दरअसल, चाय में थियोब्रोमाइन और थियोफिलाइन होते हैं, जो आर्टरीज को आराम देने के लिए जाने जाते हैं और इस तरह ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ावा देते हैं। इनमें फ्लेवोनोइड और अन्य एंटीऑक्सीडेंट पॉलीफेनोल्स भी होते हैं, जो कोरोनरी हार्ट डिजीज और पेट के कैंसर के खतरे को कम कर सकते हैं। हालांकि, ये सभी लाभ तभी प्राप्त किए जा सकते हैं, जब चाय में दूध नहीं मिलाया जाए या फिर इसकी मात्रा बेहद कम रखी जाए।

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