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काम को आसान बनाने के लिए कर रहे हैं Non-Stick Cookware का इस्तेमाल, तो ICMR ने बताएं इसके गंभीर नुकसान

बीते कुछ समय से लोगों के बीच नॉन-स्टिक कुकवेयर (Non-Stick Cookware) काफी लोकप्रिय हो चुका है। नॉन-स्टिक होने की वजह से यह काम को बेहद आसान बना देता है जिसकी वजह से कई लोग इसे इस्तेमाल करना पसंद करते हैं। हालांकि हाल ही में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने इसे लेकर डराने वाली चेतावनी जारी की है। आइए जानते हैं क्या है यह चेतावनी।

By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Updated: Wed, 15 May 2024 05:02 PM (IST)
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ICMR ने नॉन-स्टिक कुकवेयर के इस्तेमाल को लेकर जताई चिंता (Picture Credit- Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। पिछले कुछ समय से लोगों के बीच के नॉन-स्टिक कुकवेयर (Non-Stick Cookware) का चलन काफी ज्यादा बढ़ गया है। ज्यादातर घरों के किचन में वर्तमान में नॉन-स्टिक कुकवेयर का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह काम को बेहद आसान बना देता है, जिसकी वजह से कई लोग इसे पसंद करते हैं, लेकिन अब हाल ही में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने इसे लेकर डराने वाली चेतावनी जारी की है।

ICMR ने बीते दिनों भारतीयों के लिए एक रिवाइज्ड डाइटरी गाइडलाइन्स जारी की, जिसमें उन्होंने नॉन-स्टिक कुकवेयर के इस्तेमाल को लेकर लोगों को आगाह किया। आइए जानते हैं नॉन-स्टिक बर्तनों को लेकर क्या कहती है ICMR की ताजा रिपोर्ट-

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क्या कहता है ICMR?

हाल ही में जारी की गई अपनी इस गाइडलाइन्स में ICMR ने नॉन-स्टिक बर्तनों से जुड़े हार्मोनल असंतुलन और कैंसर जैसे स्वास्थ्य जोखिमों को लेकर गंभीर चिंताएं जताई हैं। दरअसल, पॉलीटेट्राफ्लुओरोएथिलीन (PTFE), जिसे आमतौर पर टेफ्लॉन के नाम से जाना जाता है, एक सिंथेटिक रसायन है जिसमें कार्बन और फ्लोरीन परमाणु होते हैं।

यह पहली बार 1930 के दशक में बनाया गया था और बर्तनों को एक नॉनस्टिक सतह प्रदान करता है। इसमें खाना पकाना और साफ करना सुविधाजनक है और इसमें कम तेल का उपयोग होता है, लेकिन पिछले एक दशक में नॉनस्टिक कुकवेयर की सुरक्षा सवालों के घेरे में आ गई है। हांलाकि, हाल के शोध और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा उठाई गई चिंताओं ने नॉन-स्टिक कुकवेयर के संभावित खतरों पर प्रकाश डाला है।

क्यों खतरनाक है नॉन-स्टिक कुकवेयर?

नॉन-स्टिक कुकवेयर को लेकर चिंता का विषय पेरफ्लूरूक्टेनोइक एसिड (पीएफओए) और पेरफ्लूरूक्टेनसल्फोनिक एसिड (पीएफओएस) है, जो टेफ्लॉन जैसे नॉन-स्टिक कोटिंग्स को बनाने में इस्तेमाल होने वाला केमिकल है।

जब नॉन-स्टिक कुकवेयर को हाई तापमान पर गर्म किया जाता है, तो ये केमिकल हवा में जहरीला धुआं छोड़ते हैं, जिसके संपर्क से लोगों के लिए स्वास्थ्य जोखिम पैदा हो सकता है। इस धुएं में सांस लेने से विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं जैसे रेस्पिरेटरी समस्याएं, थायरॉयड डिसऑर्डर और यहां तक ​​​​कि कुछ प्रकार के कैंसर भी हो सकते हैं।

इन विकल्पों पर करें विचार

नॉन-स्टिक कुकवेयर के इन्हीं गंभीर और हानिकारक प्रभावों को देखते हुए ICMR ने लोगों से खाना पकाने के लिए नॉन-स्टिक कुकवेयर के इस्तेमाल पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। ICMR ने इसके बजाय लोगों से पर्यावरण-अनुकूल कुकवेयर, जैसे मिट्टी के बर्तन और कोटिंग-मुक्त ग्रेनाइट पत्थर के बर्तन का उपयोग करने के लिए कहा है।

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