यूटरीन कैंसर का खतरा बढ़ाती है Diabetes, ICMR की ताजा स्टडी में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
Diabetes एक ऐसी बीमारी है जो दुनियाभर में चिंता का विषय बनी हुई है। खुद में भारत के इसके मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। ऐसे में इसे लेकर सावधानी बरतना जरूरी है। इसी बीच हाल ही में ICMR) की तरफ से एक स्टडी जारी की गई है जिसमें पता चला कि डायबिटीज से गर्भाशय कैंसर (uterine cancer) का खतरा बढ़ सकता है।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। डायबिटीज (Diabetes) इन दिनों दुनियाभर में परेशानी की वजह बना हुआ है। पूरी दुनिया के तेजी से इसके मामले बढ़ते जा रहे हैं, जो अब एक चिंता का विषय बन चुका है। हर साल लाखों लोग इस बीमारी की चपेट में आते हैं। यह एक लाइलाज बीमारी है, जिसे दवाओं और लाइफस्टाइल में कुछ बदलावों की मदद से कंट्रोल किया जाता है। आमतौर पर डायबिटीज की वजह से हार्ट डिजीज, किडनी डिजीज और नर्वस डैमेज जैसी जटिलताएं होती हैं, लेकिन अब हाल ही में इसे लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।
हाल ही में इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (ICMR) की तरफ से एक स्टडी जारी की गई है, जिसमें डायबिटीज और गर्भाशय कैंसर (uterine cancer) के बीच संबंध सामने आया है। आइए जानते हैं इस नए अध्ययन के बारे में विस्तार से-
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डायबिटीज और यूटरीन कैंसर का संबंध
हालिया स्टडी में डायबिटीज के कारण होने वाले हार्मोनल असंतुलन को कैंसर का जिम्मेदार ठहराया गया है। अध्ययन में पता चला कि शरीर में इंसुलिन के हाई लेवल से एस्ट्रोजन प्रोडक्शन बढ़ जाता है, जो गर्भाशय में सेल्स में बढ़ोतरी और डिवीजन को बढ़ावा दे सकता है, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
इसके अलावा टाइप 2 डायबिटीज वाले व्यक्तियों में इंसुलिन रेजिस्टेंस के कारण ज्यादा वजन या मोटापे की संभावना ज्यादा होती है। ऐसे में शरीर की अतिरिक्त चर्बी ज्यादा एस्ट्रोजन प्रोडक्शन कर सकती है, जिससे यूटरीन कैंसर का खतरा भी बढ़ सकता है। इतना ही नहीं डायबिटीज की वजह से शरीर में पुरानी सूजन भी हो सकती है, जो कैंसर सेल्स के विकास और ग्रोथ में योगदान कर सकती है।
ऐसे करें यूटरीन कैंसर से बचाव
- यूटरीन कैंसर से बचाव के लिए जरूरी है कि डायबिटीज पीड़ित लोग अपना ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रखें।
- जैसाकि अध्ययन में सामने आया कि मोटापा और डायबिटीज यूटरीन कैंसर के प्रमुख कारक है, इसलिए हेल्दी डाइट और फिजिकल एक्टिविटी की मदद से अपना वेट मेंटेन रखें।
- स्मोकिंग भी गर्भाशय कैंसर के लिए एक जोखिम कारक होता है। ऐसे में अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं और धूम्रपान करते हैं, तो इस कैंसर का खतरा दोगुना हो जाता है। अगर आप डायबिटीज है और आप स्मोकिंग करते हैं, तो कैंसर का खतरा कम करने के लिए धूम्रपान छोड़ना जरूरी है।
- समय रहते गर्भाशय कैंसर का पता लगाना और इसके सही इलाज के लिए नियमित जांच करवा रहते हैं। खासकर अगर आप डायबिटीज की मरीज हैं, तो पैल्विक टेस्ट और पैप टेस्ट जरूर करवाएं।
- गर्भाशय कैंसर की रोकथाम के लिए इसकी शुरुआती लक्षणों की पहचान जरूरी है। इसके कुछ सामान्य लक्षणों में वेजाइनल ब्लीडिंग, पेल्विक पेन या दबाव और सेक्स के दौरान दर्द आदि शामिल हैं।