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Cancer का खतरा बढ़ाता है तेल को बार-बार गर्म करना, ICMR ने बताया कितने दिन पुराना तेल कर सकते हैं इस्तेमाल

आमतौर पर घरों या होटल-रेस्टोरेंट में एक ही तेल को बार-बार इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि इस्तेमाल किए गए तेल को दोबारा इस्तेमाल करना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। हाल ही में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडीकल रिसर्च (ICMR) ने इसे लेकर चौंकाने वाला खुलासा किया है। ICMR ने बताया कि तेल को दोबारा इस्तेमाल करने से हार्ट डिजीज (Heart Disease) और कैंसर (Cancer) का खतरा बढ़ता है।

By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Updated: Fri, 17 May 2024 12:19 PM (IST)
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आपको कैंसर का शिकार बना सकता है तेल का दोबारा इस्तेमाल (Picture Credit- Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। कई सारे होटल-रेस्टोरेंट्स में एक ही तेल को बार-बार इस्तेमाल किया जाता है। इतना ही नहीं आमतौर पर घरों में एक बार इस्तेमाल किए तेल को दोबारा इस्तेमाल कर लिया जाता है। हालांकि, आपकी यह आदत आपकी सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकती है। दरअसल, वनस्पति तेल या फैट को 'बार-बार गर्म करने' से गंभीर नुकसान हो सकते हैं। इस बारे में हाल ही में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने चौंकाने वाला खुलासा किया है।

बीते दिनों ICMR ने भारतीयों के लिए एक रिवाइज्ड डाइटरी गाइडलाइन्स जारी की थी, जिसमें खानपान और इसे जुड़ी आदतों को लेकर कई सारे दिशानिर्देश किए हैं। अपनी इन्हीं गाइडलाइन्स में उन्होंने बताया कि वनस्पति तेलों को बार-बार गर्म करने से जहरीले कंपाउंड उत्पन्न हो सकते हैं, जो डार्ट डिजीज और कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं क्या कहती है ICMR की रिपोर्ट-

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बार-बार तेल गर्म करने से हो सकता है कैंसर

जारी दिशानिर्देशों में कहा गया है कि खाना पकाने के लिए वनस्पति तेलों का दोबारा इस्तेमाल करने की आदत घरों और होटल-रेस्टोरेंट दोनों में बहुत आम है। ऐसे में रिपोर्ट में बताया गया है कि यह कैसे हानिकारक कंपाउंड को छोड़ सकता है, जो चिंताजनक स्वास्थ्य स्थितियों की वजह बन सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है, "वनस्पति तेल/फैट को बार-बार गर्म करने से पीयूएफए का ऑक्सीकरण होता है, जिससे ऐसे कंपाउंड का निर्माण होता है, जो हानिकारक/टॉक्सिक होते हैं और हार्ट डिजीज और कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं।"

दिल के लिए हानिकारक

हाई टेम्परेचर पर तेल में मौजूद कुछ फैट ट्रांस फैट में बदल जाते हैं। ट्रांस फैट हानिकारक फैट हैं, जो दिल की बीमारी के खतरे को बढ़ाते हैं। जब तेलों का दोबारा उपयोग किया जाता है, तो ट्रांस फैट की मात्रा बढ़ जाती है। इससे पहले भी कुछ अध्ययनों से यह भी पता चला है कि कैसे खाना पकाने के लिए तेल को दोबारा गर्म करने से टॉक्सिक पदार्थ निकल सकते हैं और शरीर में फ्री रेडिकल्स भी बढ़ सकते हैं, जिससे सूजन और विभिन्न पुरानी बीमारियां हो सकती हैं।

तेलों के दोबारा इस्तेमाल पर क्या कहता है ICMR?

अपनी इन गाइडलाइन्स में ICMR ने भी बताया कि बचे हुए वनस्पति तेल का दोबारा इस्तेमाल कैसे और कब तक किया जा सकता है। ICMR ने करी की तैयारी के लिए तेल फिल्टर करने और एक या दो दिन के अंदर बचे हुए तेल का उपयोग करने का सुझाव दिया है। उन्होंने यह कि कहा कि घरों में एक बार तलने के लिए उपयोग किए गए वनस्पति तेल को फिल्टर किया जाना चाहिए और करी में इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन तलने के लिए उसी तेल का दोबारा उपयोग करने से बचना चाहिए।

इसके अलावा, ऐसे तेलों को एक या दो दिन में इस्तेमाल करना चाहिए। साथ ही लंबे समय तक ऐसे तेलों से बचना चाहिए, क्योंकि ऐसे तेलों में खराब होने की संभावना अधिक होती है।

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