गर्भावस्था में मतली व उल्टी के लिए जिम्मेदार हार्मोन की पहचान, मॉर्निंग सिकनेस के भी हो सकते हैं लक्षण; क्या है असली वजह?
गर्भावस्था के पहले तीन महीनों में होने वाली मतली और उल्टी का प्रारंभिक कारण विज्ञानियों ने एक ही हार्मोन को बताया है। शोधकर्ताओं ने कहा कि इस खोज से मार्निंग सिकनेस का बेहतर इलाज हो सकता है जिसमें इसके घातक मामले शामिल हैं। मार्निंग सिकनेस के गंभीर रूप वजन घटाने और निर्जलीकरण जैसे जोखिम पैदा करते हैं जिससे मां और अजन्मे बच्चे दोनों को खतरा होता है।
By Jagran NewsEdited By: Prince SharmaUpdated: Sat, 16 Dec 2023 02:01 AM (IST)
एजेंसी, न्यूयॉर्क। महिलाओं में गर्भावस्था के पहले तीन महीनों में होने वाली मतली और उल्टी का प्रारंभिक कारण विज्ञानियों ने एक ही हार्मोन को बताया है। इस दौरान दो-तिहाई से अधिक महिलाओं को अलग-अलग स्तर की मतली और उल्टी का अनुभव होता है, जिसे मार्निंग सिकनेस के रूप में जाना जाता है।
शोधकर्ताओं ने कहा कि इस खोज से मार्निंग सिकनेस का बेहतर इलाज हो सकता है, जिसमें इसके घातक मामले शामिल हैं। मार्निंग सिकनेस के गंभीर रूप वजन घटाने और निर्जलीकरण जैसे जोखिम पैदा करते हैं जिससे मां और अजन्मे बच्चे दोनों को खतरा होता है। नेचर जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पूर्व के अध्ययन की पुष्टि की है जिसमें 'जीडीएफ 15' नामक हार्मोन को इसके लिए जिम्मेदार बताया गया था। ये हार्मोन गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के रक्त में संचारित हो जाते हैं।
जीडीएफ 15 हार्मोन ऐसे रसायन होते हैं, जो बदलते रहते हैं
विशेषज्ञों ने कहा कि मार्निंग सिकनेस के दौरान लगभग दो प्रतिशित महिलाओं को हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम की स्थिति में अस्पताल में भर्ती कराना पड़ता है। अध्ययन की सह लेखिका और यूनिवर्सिटी आफ साउदर्न कैलिफोर्निया केक स्कूल आफ मेडिसिन में गायनेकोलाजिस्ट मार्लेना फेजो ने कहा कि मैं इस पर 20 वर्षों से काम कर रही हूं, और अभी भी इससे महिलाओं के मरने और महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार की खबरें आ रही हैं। -तनाव के दौरान कई ऊतक स्त्रावित करते हैं। जीडीएफ 15 हार्मोन ऐसे रसायन होते हैं जो पूरे शरीर में संदेश भेजते हैं। जीडीएफ 15 किसी संक्रमण जैसे तनाव की प्रतिक्रिया में कई ऊतकों द्वारा स्त्रावित होता है।महिलाओं में जीडीएफ 15 का स्तर काफी बढ़ा हुआ पाया गया है
हार्मोन को प्राप्त करने वाले मस्तिष्क के एक हिस्से में जमा हो जाते हैं जो बीमार महसूस करने और उल्टी के लिए जिम्मेदार होते हैं। शोधकर्ताओं ने हल्के लक्षणों वाली गर्भवती महिलाओं की तुलना में गंभीर मार्निग सिकनेस का अनुभव करने वाली महिलाओं में जीडीएफ 15 का स्तर काफी बढ़ा हुआ पाया। अध्ययन में गर्भधारण से पहले महिलाओं में जीडीएफ 15 के स्तर को बढ़ाकर गर्भावस्था के दौरान मार्निंग सिकनेस के गंभीर रूपों के खतरे को कम करने की संभावना पर प्रकाश डाला गया है।