दूसरों की देखभाल करते-करते कहीं आप न हो जाएं Depression का शिकार, ऐसे रखें खुद का ख्याल
घर में किसी बीमार वृद्ध की देखभाल करते-करते कई बार व्यक्ति इतना ज्यादा थक जाता है और परेशान हो जाता है कि वो अपनी हेल्थ व जरूरतों पर ध्यान ही नहीं दे पाता जिससे वो धीरे-धीरे तनाव का शिकार होने लगता है। तनाव के लक्षणों को लंबे समय तक इग्नोर करने की गलती आगे चलकर कई दूसरी परेशानियों का घर बन सकती है।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। घर में सीनियर सिटीजन्स या किसी बीमार व्यक्ति की देखरेख करना जरूरी, अच्छा और सम्मानीय काम होता है, लेकिन कई बार देखभाल करने वाला व्यक्ति भी बर्नआउट यानी तनाव का शिकार हो सकता है। बर्नआउट खासतौर पर उन लोगों में देखने को मिलता है, जो परिवार के ऐसे किसी सदस्य की देखभाल कर रह होते हैं जो लंबी बीमारियों, विकलांगताओं या वृद्धावस्था से संबंधित रोगों से ग्रस्त होते हैं। इस बर्नआउट को लंबे समय तक इग्नोर करने से देखभाल करने वाले व्यक्ति के स्वास्थ्य पर, उसकी मेंटल हेल्थ पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। इसलिए, तनाव के ऐसे लक्षणों को पहचानना और उनका समाधान करना ज़रूरी है, जिससे देखभालकर्ता खुद को लंबे समय तक थकान/तनाव से फ्री रख सकें।
देखभालकर्ता के बर्नआउट से जुड़े लक्षण
बर्नआउट की स्थिति एक दिन में दिखाई नहीं देती, बल्कि यह एक धीमी प्रक्रिया है जिसे नजर आने में हफ्ते, महीने या कई साल भी लग सकते हैं। हालांकि, इसके शुरुआती संकेतों को समझने से इसे जल्द से जल्द और बेहतर तरीके से रोकने में मदद मिल सकती है।
शारीरिक लक्षण
लगातार थकान, सिरदर्द, बार-बार बीमार पड़ना और सोने के तरीके में बदलाव बर्नआउट के सामान्य शारीरिक लक्षण हैं। देखभालकर्ताओं को खुद के वजन के घटने या बढ़ने का अनुभव भी हो सकता है, साथ ही हाइपरटेंशन, डिप्रेशन जैसी बीमारियां भी देखने को मिल सकती हैं।व्यवहार में बदलाव
सोशल एक्टिविटीज से दूर रहना, खुद के काम निपटाने में टालमटोल करना और प्रोफेशनल रिस्पॉन्सिबिलिटी भी समय से पूरा न कर पाना, ये सभी बर्नआउट के लक्षण हो सकते हैं। कई बार देखभालकर्ता इस तनाव को दूर करने के लिए नशे का भी सहारा लेने लगते हैं। ये भी पढ़ेंः- बच्चों की गलतियों पर डांटने-मारने की जगह ट्राई करें Time Out टेक्निक, जो उन्हें सुधारने में है ज्यादा असरदार
भावनात्मक संकेत
कुछ देखभालकर्ता परेशान, चिंतित या उदास महसूस कर सकते हैं। उन्हें मूड स्विंग, चिड़चिड़ेपन का अहसास हो सकता है। इस संबंध में, Vesta Elder Care के संस्थापक श्री राहुल मिश्रा कहते हैं, "देखभालकर्ता बनना एक महान और चुनौतीपूर्ण काम है जिसके लिए परिस्थिति अनुसार ढलने की क्षमता और दयाभाव की जरूरत होती है। बर्नआउट को पहचानना और उसका समाधान करना न सिर्फ देखभालकर्ता के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है, बल्कि हमारे प्रियजनों को प्रदान की जाने वाली देखभाल की गुणवत्ता के लिए भी महत्वपूर्ण है। Vesta Elder Care, में, हम देखभालकर्ताओं को उनके जरूरी कामों को जारी रखने का समर्थन करते हैं और उनकी खुद की देखभाल के महत्व पर जोर देते हैं।”