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Pranayam Tips: प्राणायाम का मिले ज्यादा से ज्यादा फायदा, इसके लिए इसे करते वक्त ध्यान रखें ये बातें

Pranayam Tips प्राणायाम के रोजाना अभ्यास से आप फिजिकली और मेंटली दुरुस्त रह सकते हैं। ये एक ऐसी क्रिया है जिसे करने के लिए आपको बहुत ज्यादा नहीं बस 10 मिनट का वक्त निकालना है। महज इतने देर की प्रैक्टिस से आप दिमाग को शांत और खुश रख सकते हैं लेकिन प्राणायाम करते वक्त कुछ बातों का ध्यान रखना है जान लें यहां इसके बारे में।

By Priyanka SinghEdited By: Priyanka SinghUpdated: Wed, 06 Dec 2023 08:19 AM (IST)
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Pranayam Tips: प्राणायाम करते वक्त ध्यान रखें ये बातें
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Pranayam Tips:  प्राणायाम एक ऐसी क्रिया है, जिसके अभ्यास से आप शरीर को ही नहीं, बल्कि मन को भी कंट्रोल में कर सकते हैं। मन का कंट्रोल में रखना बहुत जरूरी है वरना तो हर तरह के दुख-सुख, विचार आप पर आसानी से हावी हो जाएंगे और आप सुकून से रह ही नहीं पाएंगे। प्राणायाम भले ही बैठकर की जाने वाली क्रिया है, लेकिन इसे थोड़ी देर करने से ही बॉडी एक्टिव रहती है। साथ ही दिमाग शांत होता है।

प्राणायाम दो शब्दों ‘प्राण’ और ‘आयाम’ से मिलकर बना है। ‘प्राण’ का मतलब हमारी जीवनी शक्ति है और ‘आयाम’ शब्द का अर्थ ऐच्छिक नियंत्रण। सामान्य शब्दों में श्वास के नियंत्रण को प्राणायाम कहा गया है। मन की भाव दशा और सांस की प्रक्रिया के बीच गहरा संबंध है। मन की भाव दशा बदलते ही सांस की गति ऊपर-नीचे होने लगती है। जो शरीर के लिए सही नहीं, लेकिन अगर सांस पर कंट्रोल कर लिया जाए, तो कितनी भी विपरीत स्थिति हो शरीर पर उसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता। इस वजह से योग प्राणायाम को एक महत्त्वपूर्ण अंग मानता है। अगर आप प्राणायाम के ज्यादा से ज्यादा फायदे लेना चाहते हैं, तो इसे करते वक्त कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। आइए जान लेते हैं इसके बारे में।

1. प्राणायाम में सांस हमेशा नाक से ही लेनी चाहिए। मुंह से नहीं।

2. सांस को जबरदस्ती न रोकें। सही प्रक्रिया है कि बाएं नाक से सांस लेना है फिर दोनों नाक को उंगलियों से बंद करना होता है फिर दाएं नाक से सांस को छोड़ना होता है, लेकिन अगर आप ब्रीदिंग को होल्ड नहीं कर पा रहे, तो घबराने और जबरदस्ती न करें।

3. प्राणायाम करने के दौरान अगर पीठ दर्द का एहसास हो, तो दीवार या सोफे का सपोर्ट ले सकते हैं। 

4. प्राणायाम करने से पहले कुछ सेकेंड नॉर्मल ब्रीदिंग करके बॉडी को रिलैक्स हो जाने दें फिर इसकी शुरुआत करें।

5. गर्भवती महिलाओं प्राणायाम करना अवॉयड करें।

6. बुखार होने पर भी प्राणायाम न करें।

7. प्राणायाम को हमेशा आसनों के बाद ही करना चाहिए। 

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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें किसी पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Pic credit- freepik