Happy Hormones: हैप्पी हार्मोन को बूस्ट करने के लिए इन चीजों को डाइट में जरूर करें शामिल
शरीर में चार प्रकार के हैप्पी हार्मोन्स होते हैं। इन्हें डोपामाइन ऑक्सीटॉक्सीन सिरोटोनिन और एंडोर्फिन कहा जाता है। इनका मानसिक सेहत पर तत्काल असर पड़ता है।अगर शरीर में इन हार्मोन्स की कमी होती है तो व्यक्ति मानसिक रूप से व्यथित रहता है।
By Pravin KumarEdited By: Updated: Mon, 25 Jul 2022 04:35 PM (IST)
दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Happy Hormones: आधुनिक समय में लोग हैप्पी रहने के लिए नाना प्रकार के जतन करते हैं। इसके लिए लोग पिकनिक पर जाते हैं, साथ मिलकर पार्टी सेलिब्रेट करते हैं, अपने जानने वाले के साथ क्वालिटी टाइम बिताते हैं, तो कई लोग शॉपिंग करते हैं। हालांकि, हैप्पी रहने के लिए Happy Hormones का सही से उत्सर्जन जरूरी है। पढ़कर आप चौक गए होंगे, लेकिन यह सच है कि इंसान के खुश रहने में हैप्पी हार्मोन अहम भूमिका निभाता है। अगर आप भी हैप्पी रहना चाहते हैं, तो हैप्पी हार्मोन को बूस्ट करने के लिए डाइट में इन चीजों को जरूर शामिल करें। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
हैप्पी हार्मोन क्या है शरीर में चार प्रकार के हैप्पी हार्मोन्स होते हैं। इन्हें डोपामाइन, ऑक्सीटॉक्सीन, सिरोटोनिन और एंडोर्फिन कहा जाता है। इनका मानसिक सेहत पर तत्काल असर पड़ता है।अगर शरीर में इन हार्मोन्स की कमी होती है, तो व्यक्ति मानसिक रूप से व्यथित रहता है। इसके लिए हैप्पी हार्मोन्स नियमित रूप से उत्सर्जन जरूरी है।
डार्क चॉकलेट खाएं कई शोधों में खुलासा हो चुका है कि डार्क चॉकलेट खाने से शरीर को एंडोर्फिन बूस्टर मिल सकता है। इससे हैप्पी हार्मोन्स बूस्ट होता है।
सूखे मेवे खाएं सूखे मेवे समेत आंवला, अखरोट, अलसी के बीज को डाइट में जरूर शामिल करें। इससे मूड में सुधार होता है। इन चीजों के सेवन से शरीर में सेरोटोनिन का उत्सर्जन जरूरी है। इससे तनाव का खतरा कम हो जाता है।
सिट्रस फूड खाएं हैप्पी हार्मोन्स को बूस्ट करने के लिए डाइट में सिट्रस रिच फूड जरूर शामिल करें। सिट्रस फूड में आंवला, बेरीज, नींबू, संतरा आदि शामिल हैं। इनमें विटामिन-सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इससे सेहत और हैप्पीनेस में सुधार होता है। इसके अलावा, रोजाना सुबह और शाम के समय कॉफी का सेवन जरूर करें। रात में सोने से पहले हल्दी वाला दूध पिएं।
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।