वर्कआउट से पहले इन 4 स्ट्रेचेस से बढ़ाएं फ्लेक्सिबिलिटी
वर्कआउट से पहले हल्की-फुल्की स्ट्रैचिंग करने से इंजरी होने के चांसेज काफी हद तक कम हो जाते हैं। तो किस तरह की स्ट्रेचिंग इसके लिए रहेंगी बेस्ट जानेंगे यहां।
By Priyanka SinghEdited By: Updated: Fri, 10 Jul 2020 07:55 AM (IST)
वर्कआउट करते वक्त पूरी बॉडी का ध्यान रखना जरूरी है। इसके लिए अहम है अच्छी तरह से स्ट्रेचिंग करना जिससे बॉडी में फ्लेक्सिबिलिटी आए और इंजरी का रिस्क कम रहे। अगर आप अपने फिटनेस रूटीन में यहां दी गई स्ट्रेचिंग एक्सरसाइजेस शामिल करते हैं तो बढ़ जाएगी आपकी सेफ्टी...
स्टैडिंग हैमस्ट्रिंग स्ट्रेचिंगयह वर्कआउट लोअर बॉडी पर काम करती है और मसल्स को मजबूत करने के साथ-साथ फ्लेक्सिबल बनाने का काम करती है। यह हिप्स को टाइट करती है और जांघो को मजबूत बनाती है। इसे करने के लिए सबसे पहले अपने पैरों को कूल्हे की चौड़ाई के साथ लंबा रखें, घुटनों को थोड़ा सा मोड़े। सांस छोड़ते हुए जब आप कूल्हों से आगे की ओर झुकते हैं, तो अपने सिर को फर्श ओर नीचे झुकाने की कोशिश करें। अपनी बाहों को पैरों को पीछे रखें। इसके बाद धीरे-धीरे पहली वाली पोजिशन में आने की कोशिश करें। अच्छी तरह से इस स्ट्रेचिंग को करने से यह गर्दन, पीठ, ग्लूट्स, हैमस्ट्रिंग और जांघों को स्ट्रेच करती है, जिससे वहां फ्लेक्सिबिलिटी आती है।
ट्राइसेप्स स्ट्रेचयह एक्सरसाइज शोल्डर्स को फ्लेक्सिबल बनाती है, जो आपकी गर्दन को ज्यादा आराम से मूव करने में मदद करता है और इंजरी के चांस कम हो जाती है। इसे करने के लिए जमीन पर सीधे खड़े हो जाएं और फिर अपनी एक कोहनी को मोड़ते हुए दूसरी ओर ले जाने की कोशिश करें। ऐसा करने के लिए आप दूसरे हाथ का सहारा ले सकते हैं। अब धीरे-धीरे वापस अपनी कोहनी को पहले वाली पोजिशन में ले आएं और दूसरी कोहनी से भी ऐसा ही करें। इससे कंधे, गर्दन और ट्राइसेप्स में फ्लेक्सिबिलिटी आती है आपकी मसल्स में स्ट्रेस कम होता है।
बटरफ्लाई स्ट्रेचिंगयह ग्रोइन एरिया को फ्लेक्सिबल बनाता है और आपकी इनर थाई मसल्स को अच्छी तरह स्ट्रेच करता है। इस करने के लिए अपने पैरों के तलवों को एक साथ फर्श पर लंबा रखें। आपके घुटने बाहर की ओर मुड़े हुए हों। अब टखनों या पैरों को पकड़े और घुटनों को फर्श की ओर दबाएं, जितना आप दबा सकते हैं। शुरूआत में धीरे-धीरे इन्हें ऊपर लाएं, कुछ दिनों बाद आदत पड़ जाने पर इसे जल्दी-जल्दी करने की कोशिश करें।
पिरिफॉर्मिस स्ट्रेचिंगयह स्ट्रेच पिरिफॉर्मिस मसल से होकर गुजरने वाली साइटिक नर्व पर काम करता है। जरूरी है कि इस मसल को टाइट न होने दिया जाए क्योंकि यह साइटिक नर्व को इरिटेट कर सकती है। एक जगह पैर फैलाते हुए बैठ जाएं, अब दाहिने पैर को बाईं ओर क्रॉस करें और दाहिने पैर को फर्श पर सपाट रखने की कोशिश करें। फिर दाहिने हाथ को बॉडी के पीछे फर्श पर रखें और बाएं हाथ की कोहनी को दाहिने घुटने पर रखें। अब अपने पैर को बाईं ओर दबाएं। इससे आपके कूल्हों, पीठ, ग्लूट्स पर असर पड़ता है।