Heart Problems: इन वजहों से पुरुषों के मुकाबले महिलाएं होती है हार्ट प्रॉब्लम्स का ज्यादा शिकार
हार्ट प्रॉब्लम दुनियाभर में होने वाली मौतों की सबसे बड़ी वजहों में से एक है लेकिन क्या आप जानते हैं हृदय से जुड़ी बीमारियों का खतरा पुरुषों से ज्यादा महिलाओं को होता है। इसकी एक नहीं कई सारी वजहें हैं। जिसमें सबसे बड़ी वजह है मानसिक तनाव। 28 मई को मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का उद्देश्य उन्हें उनकी सेहत के प्रति जागरूक करना है।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में हृदय रोग (कार्डियोवस्कुलर डिजीज) महिलाओं में होने वाली मृत्यु की एक प्रमुख वजह बनता जा रहा है। खराब लाइफस्टाइल और डाइट को हार्ट प्रॉब्लम्स का सबसे बड़ा जिम्मेदार माना जाता है। शहरी क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं के लिए इन दोनों चीजों पर ध्यान दे पाना मुश्किल होता है जिस वजह से उनमें हृदय रोग की संभावना ज्यादा होती है, लेकिन आपको बता दें कि ग्रामीण महिलाओं में भी इसका खतरा कुछ खास कम नहीं है।
हृदय रोग के कई कारण हैं, जिनमें उच्च रक्तचाप, हाई कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज, धूम्रपान, शराब का सेवन, अनहेल्दी डाइट, फिजिकल एक्टिविटी न के बराबर और मानसिक तनाव प्रमुख हैं।
महिलाओं में बढ़ते हार्ट प्रॉब्लम्स की वजह
डॉ. सुखबिंदर सिंह सीबिया, कार्डियोलॉजिस्ट और डायरेक्टर, सीबिया मेडिकल सेंटर, लुधियाना का कहना है कि, 'महिलाओं में हृदय रोग के बढ़ते मामलों की एक बहुत बड़ी वजह जरूरत से ज्यादा जिम्मेदारियों का बोझ उठाना है। जो स्ट्रेस बढ़ाने का काम करता है। परिवार और ऑफिस के बीच बैलेंस बनाने की कोशिश में वो अपनी सेहत को इग्नोर करती रहती हैं। बढ़ती उम्र में सेहतमंद रहने के लिए खानपान पर ध्यान देने के साथ ही समय-समय पर हेल्थ चेकअप्स भी कराते रहना जरूरी है। इससे कई बीमारियों का समय रहते पता चल जाता है और जरूरी उपचार से इसे ठीक किया जा सकता है।'हृदय रोग के लक्षण
महिलाओं में हृदय रोग के लक्षण पुरुषों की तुलना में अलग हो सकते हैं, जैसे कि सीने में दर्द की बजाय थकान, सांस लेने में परेशानी, पीठ या जबड़े में दर्द। जिसे आम समस्या समझकर नजरअंदाज कर दिया जाता है। इस वजह से भी कई बार हृदय रोगों का समय रहते पता नहीं चल पाता।
हृदय रोग से बचाव के उपाय
खानपान पर दें ध्यान
महिलाओं में हृदय रोग के जोखिम को कम करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले खानपान पर ध्यान देना जरूरी है। डाइट में मौसमी फल व सब्जियो के साथ साबुत अनाज और लो फैट डेयरी प्रोडक्ट्स को शामिल करें। इसके साथ सैचुरेटेड और ट्रांस फैट, सोडियम और शुगरी प्रोडक्ट्स का सेवन कम करके बैड कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर को कंंट्रोल में रखा जा सकता है और दिल की बीमारियों से बचे रहा जा सकता है।फिजिकल एक्टिविटी है जरूरी
दूसरा महत्वपूर्ण कदम नियमित फिजिकल एक्टिविटी है। रोजाना कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज जरूर करें। वॉकिंग, जॉगिंग, साइकिल चलाना, कार्डियो हार्ट को हेल्दी रखने में मददगार होते हैं। वर्कआउट करने से वजन कंट्रोल में रहता है। इससे हार्ट प्रॉब्लम्स के साथ डायबिटीज का भी खतरा कम हो जाता है।
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