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International Epilepsy Day: मिर्गी का दौरा पड़ने पर फौरन करें ये काम, बच सकती है मरीज की जान

फरवरी के दूसरे सोमवार को इंटरनेशनल एपिलेप्टिक डे मनाया जाता है। इस दिन इस कंडिशन से जूझ रहे व्यक्तियों को अपने अनुभव साझा करने और आम लोगों को इस बारे में अधिक से अधिक जानकार बनाने की कोशिश की जाती है। इस कंडिशन की वजह से पड़ने वाले दौरे को एपिलेप्टिक सीजर कहा जाता है। जानें एपिलेप्सी का दौरा पड़ने पर किस प्रकार आप व्यक्ति की मदद कर सकते हैं।

By Swati SharmaEdited By: Swati SharmaUpdated: Mon, 12 Feb 2024 12:38 PM (IST)
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मर्गी का दौरान पड़ने पर इन तरीकों से करें मरीज की मदद
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। International Epilepsy Day: हर साल फरवरी के दूसरे सोमवार को इंटरनेशनल एपिलेप्सी डे मनाया जाता है। इस साल यह 12 फरवरी को मनाया जा रहा है। इस दिन एपिलेप्सी के बारे में लोगों को जागरूक करने की कोशिश की जाती है। इस दिन एपिलेप्सी से पीड़ित लोगों को अपने अनुभव साझा करने और इस कंडिशन के साथ जीवन जीने में, जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, उसके बारे में चर्चा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इस साल की थीम भी इसी बात पर रोशनी डालती है।

“माइलस्टोन्स ऑन माई एपिलेप्सी जर्नी” थीम के जरिए, इस कंडिशन से लड़ते हुए, लोगों ने कैसे अपने जीवन में सफलताएं हासिल की है, उस बारे में बात करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने की कोशिश की जा रही है। इसलिए इस महत्वपूर्ण दिन पर हम भी एपिलेप्सी से जुड़ी कुछ ऐसी बातें आपको बताने जा रहे हैं, जिनकी मदद से आप इस कंडिशन से प्रभावित व्यक्ति की जरूरत पड़ने पर मदद कर सकते हैं।

क्या है एपिलेप्सी?

क्लीवलैंड क्लीनिक के मुताबिक, एपिलेप्सी एक क्रॉनिक बीमारी है, जिसमें दिमाग के डैमेज्ड सेल्स असमान्य विद्युत तरंगें (electric signal) बनाते हैं, जिनकी वजह से दौरे पड़ने लगते हैं। इसे आम भाषा में मिर्गी के दौरे पड़ना कहते हैं। इसकी वजह से व्यक्ति का अपने शरीर और भावनाओं पर काबू नहीं रख पाते हैं। यह कंडिशन दवाइयों की मदद से कंट्रोल की जा सकती है, लेकिन इसके बावजूद कई सावधानियों का ध्यान रखना जरूरी होता है, ताकि एपिलेप्टिक सीजर (दौरे) से बचा जा सके।

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क्या होते हैं इसके लक्षण?

  • एक जगह पर एकटक देखते रहना
  • बेहोश होना
  • बोलने में तकलीफ होना
  • सामने वाला क्या बोल रहा है यह समझ नहीं आना
  • धड़कने तेज होना
  • मांसपेशियों पर कंट्रोल नहीं होना
  • डर लगना या एंग्जायटी होना
  • सुनने, देखने और महसूस करने के सेंसेस में बदलाव होना

एपिलेप्सी के दौरे के चरण क्या हैं?

एपिलेप्सी का दौरा सामान्यतः चार स्टेजेस में आता है।

स्टेज-1

इस चरण में व्यक्ति किसी बात पर प्रतिक्रिया देना बंद कर देता है और अपने सेंस खोने लगता है। वह लगातार एक ही जगह देखता रहता है। कई बार ऐसा भी हो सकता है कि वह बेहोश हो जाए।

स्टेज-2

इसके बाद व्यक्ति की मांसपेशियां अकड़ जाती हैं, जो कुछ कुछ सेकंड के लिए होता है।

स्टेज-3

इसके बाद उसके शरीर में जर्क्स महसूस होने लगेंगे, जो कुछ सेकंड से लेकर कुछ मिनट तक रह सकता है।

स्टेज-4

इसके बाद आखिरी स्टेज आता है, जिसमें व्यक्ति फिर से धीरे-धीरे सामान्य होने लगता है।

अगर किसी को एपिलेप्सी का दौरा आए, तो क्या करना चाहिए?

अगर आपके परिवार में किसी को या आपके किसी दोस्त को एपिलेप्सी की समस्या है, तो आपको यह जानकारी होनी चाहिए कि इसका दौरा आने पर, आप कैसे उनकी मदद कर सकते हैं। आमतौर पर यह सामान्य जानकारी होने से आप किसी अनजान की भी सहायता कर सकते हैं।

  • दौरा आने पर व्यक्ति के आस-पास से सभी खतरनाक चीजें, जैसे- चाकू, ब्लेड, पत्थर, लकड़ी आदि को दूर कर दें।
  • अगर व्यक्ति सुरक्षित जगह पर है, तो उसे हिलाने की कोशिश न करें बल्कि, उसे स्पेस दें और आस-पास के लोगों को उससे थोड़ा दूर कर दें। सिर्फ तभी उन्हें मूव करें, जब वे किसी खतरनाक जगह पर हों।
  • अगर उनके कपड़े टाइट हैं, तो उन्हें लूज कर दें, ताकि सांस लेने में कोई तकलीफ न हो।
  • उन्हें पकड़ने या उनके जर्कर्स को रोकने की कोशिश न करें।
  • एपिलेप्टिक सीजर का टाइम नोट करें, अगर दौरा पांच मिनट से अधिक का है, तो तुरंत एम्बुलेंस बुलाएं।
  • जब तक सीजर खत्म न हो जाए, तब तक व्यक्ति के मुंह में कुछ भी न डालने की कोशिश न करें।
  • उनके सिर को चोट से बचाने के लिए कुशन या कोई कपड़ा मोड़कर सिर के नीचे रखें।
  • दौरा रुकने के बाद उन्हें करवट लेकर सोने को कहें।
  • दौरा खत्म होने के बाद भी हो सकता है व्यक्ति को थोड़ा समय लगे रिकवर करने में, तब तक उस व्यक्ति के पास रहें और उनसे बातें करें।
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Picture Courtesy: Freepik