International Yoga Day 2024: तनाव बन सकता है कई स्वास्थ्य समस्याओं की वजह, इन 6 योगासनों से करें दिमाग को शांत
लोग इन दिनों कई वजहों से तनाव का शिकार हो रहे हैं। लंबे समय तक तनाव कई स्वास्थ्य समस्याओं की वजह बन सकता है। ऐसे में जरूरी है कि समय रहते इसे कंट्रोल किया जाए ताकि किसी गंभीर स्थिति को रोका जा सके। योग इसके लिए काफी मददगार साबित होगा। यह शारीरिक स्वास्थ्य के साथ ही मानसिक सेहत भी दुरुस्त करता है। जानते हैं स्ट्रेस कम करने के लिए योगासन।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। पिछले कुछ समय से तनाव (Stress) एक गंभीर समस्या बन चुकी है। बच्चों से लेकर बड़े तक आजकल इसकी चपेट में आ रहे हैं। लंबे समय तक तनाव कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं की वजह बन सकता है। ऐसे में जरूरी है कि इसे समय रहते कंट्रोल किया जाए और योग इसमें काफी हद तक मदद कर सकता है। नियमित रूप से योग करने से न सिर्फ शारीरिक, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी फायदा पहुंचता है।
योग की इसी महत्वता को देखने को हुए हर साल 21 जून को International Yoga Day मनाया जाता है। इस मौके पर हमने स्ट्रेस कम करने के लिए कुछ योगासनों के बारे में जानने के लिए योग एक्सपर्ट (आत्म योग स्टूडियो, नई दिल्ली), विद्या झा से बातचीत की। आइए जानते हैं तनाव कम करने के लिए कुछ योगासन-
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बालासन
यह विश्राम मुद्रा मन को शांत करते हुए पीठ की मांसपेशियों को धीरे-धीरे स्ट्रेच करती है। इसे करने के लिए फर्श पर घुटने टेकें, अपनी एड़ियों के बल बैठें और फिर अपनी हाथों को अपने सामने की तरफ फैलाते हुए आगे की ओर झुकें। अपने माथे को चटाई पर टिकाएं और गहरी सांस लें। अब सांस छोड़ते हुए वापस उसी पोजीशन में आ जाए।
उत्तानासन
इसे करने से रीढ़ की हड्डी, गर्दन और कंधों में तनाव दूर करने में मदद मिलती है। इसके लिए पैरों सटाकर खड़े हो जाएं और धीरे-धीरे आगे की तरफ झुकें और सिर को पंजों तक ले जाने की कोशिश करें। अगर आवश्यक हो तो अपने घुटनों को थोड़ा मोड़ें और गहरी सांस लें और इस पर ध्यान केंद्रित करें।
विपरिता करणी
इस आसन को लेग्स-अप-द-वॉल पोज भी कहा जाता है, जो सर्कुलेशन में सुधार और नर्वस सिस्टम को आराम देने में मदद करती है। इसके करने के लिए अपनी पीठ के बल लेटें और अपने पैरों को दीवार की तरफ फैलाकर एल-आकार बनाएं। अपने हाथों को बगल में रखकर आराम दें और अपनी आंखें बंद करके कुछ मिनट तक इसी मुद्रा में गहरी सांस लेते रहें।
कैट-काउ पोज (मार्जरीआसन-बिटिलासन)
दो मुद्राओं को मिलाकर बना यह आसन तनाव को दूर करने में मदद करता है। इसके करने के लिए सबसे पहले घुटनों के बल बैठें और फिर आगे भी तरफ झुकते हुए हाथों को जमीन पर टिकाएं। अब सांस लेते हुए पीठ नीचे करें और सांस छोड़ते हुए पीठ को ऊपर उठाएं। इस प्रोसेस को कुछ देर तक ऐसे ही दोहराते रहें।
सेतु बंधासन
सेतु बंधासन जिसे ब्रिज पोज भी कहा जाता है, रीढ़ की हड्डी को आराम पहुंचाता है। इसके लिए सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं और घुटनों को मोड़कर ऊपर उठाएं। अब अपने हाथों से एड़ियों को पकड़कर धीरे-धीरे अपनी कमर को ऊपर की तरफ उठाएं और कुछ देर इसी मुद्रा में रुके रहें।
सुप्त बद्ध कोणासन
रिक्लाइनिंग बाउंड एंगल पोज रिलैक्सेशन को बढ़ावा देते हुए छाती और कूल्हों को खोलने में मदद करता है। इसे करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं और फिर अपने पैरों के पंजों को एक साथ जोड़ते हुए घुटनों को साइड में फैलाएं। अपने हाथों को को बगल में रखें और कुछ देर इसी पोज में रहें।
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