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International Yoga Day: नुकसानदेह साबित हो सकती है योग की अधूरी जानकारी, एक्सपर्ट से जानें क्या है सही तरीका

International Yoga Day 2023 योग हमारी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है। लेकिन कई बार सही तरीके से योग न करने के कारण इसके कई नुकसान भी झेलने पड़ते हैं। अंतररार्ष्ट्रीय योग दिवस पर हमने इस बारे में एक्सपर्ट से बात की-

By Harshita SaxenaEdited By: Harshita SaxenaUpdated: Wed, 21 Jun 2023 08:25 AM (IST)
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केवल फायदा ही नहीं नुकसान भी पहुंचा सकता है योग

नई दिल्ली, हर्षिता सक्सेना। International Yoga Day 2023: योग जीवन जीने की एक कला है, योग एक जीवन की पद्धति है। यह भारतीय प्राचीन संस्कृति की एक आध्यात्मिक धरोहर है। बीते कई सालों से भारत में लगातार योग का अभ्यास किया जा रहा है, लेकिन पिछले कुछ समय से शुरू हुए अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के बाद से देश और दुनिया में इसकी लोकप्रियता काफी बढ़ चुकी है। आज यानी 21 जून के मौके पर जब पूरी दुनिया अंतररार्ष्ट्रीय योग दिवस का जश्न मना रही है, तो इसके बारे में विस्तार से जानना भी आवश्यक हो जाता है।

आपने जब भी योग के बारे में सुना या पढ़ा होगा, तो हमेशा इसके लाभों को ही जाना होगा। लेकिन जिस तरह एक सिक्के के दो पहलू होते हैं, उसी तरह योग के भी दो पहलू है। स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी योग कई बार व्यक्ति के लिए नुकसानदायक भी साबित हो सकता है। जरूरी नहीं कि हर योग सभी लोगों के लिए फायदेमंद हो। योग का अभ्यास करते समय कई बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है, वरना यह कई बार आपकी सेहत पर भारी पड़ सकता है।

ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि गलत ढंग से या बिना सलाह के योग करने से होने वाले नुकसान और इसे करते समय बरती जाने वाली सावधानियों के बारे सही जानकारी प्राप्त की जाए। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर इस बारे में विस्तार से जानने के लिए हमने जयपुर के राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान मानद विश्वविद्यालय के स्वस्थवृत्त एवं योग विभाग के सह आचार्य वैद्य डॉक्टर काशीनाथ समगंडी से बातचीत की-

योग करते समय सावधानी बरतना जरूरी

योग से होने वाले नुकसान के बारे में बताते हुए वैद्य काशीनाथ कहते हैं कि ज्यादातर लोग सिर्फ योग से होने वाले फायदों के बारे में बात करते हैं, लेकिन बहुत कम लोग ही सही तरीके से योग नहीं करने से होने वाले नुकसानों पर बात करते हैं। ऐसे में जानकारी के अभाव में लोग अक्सर बिना सोचे समझे टीवी, न्यूजपेपर, आर्टिकल या वीडियो को देख अपनी मर्जी से योग का अभ्यास शुरू कर देते हैं। लेकिन ऐसा करना कई बार सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। इसलिए यह बेहद जरूरी है कि योग करते समय कुछ जरूरी बातों का विशेष ध्यान रखा जाए।

इन समस्याओं में बरतें सावधानी

उन्होंने आगे बताया कि कुछ समय पहले एक जर्नल में प्रकाशित एक आर्टिकल में बताया गया था कि सही ढंग से कपाल भाती नहीं करने से न्यूमोथोरैक्स जैसी फेफड़े के समस्या उत्पन्न होने की आशंका बढ़ जाती है। इसी तरह अगर किसी व्यक्ति को नकसीर यानी नाक से खून बहने की समस्या है, तो उन्हें भी योगाभ्यास को लेकर काफी सावधानी बरतने की जरूरत है। नकसीर होने पर व्यक्ति को सूर्य अनुलोम विलोम या सूर्यभेदन करने से बचना चाहिए, क्योंकि नकसीर में इस योगासन का अभ्यास करने से नाक से खून निकलने की समस्या बढ़ सकती है। इसी तरह अगर कोई व्यक्ति ग्लूकोमा नामक आंख से जुड़ी समस्या (जिसमें आईबॉल बाहर की तरफ नजर आने लगती है) से पीड़ित है, तो उसे जल नेति क्रिया का अभ्यास नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे ग्लूकोमा की समस्या और अधिक बढ़ सकती है।

ये लोग रहें योग करते समय सतर्क

गलत तरीके से योग करने से होने वाले दुष्परिणामों के बारे में बात करते हुए काशीनाथ बताते हैं कि आम तौर पर स्वस्थ व्यक्ति के लिए योग काफी लाभदायक है, लेकिन अगर किसी व्यक्ति को पहले से ही कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्या है, तो ऐसे लोगों को योग अभ्यास शुरू करने से पहले किसी विशेषज्ञ या पेशेवर से सलाह अवश्य लेनी चाहिए। इसके अलावा हाइपरटेंशन, हाइपरगैस्ट्रिक,मिर्गी, माइग्रेन, हाल ही में हुई एब्डोमिनल सर्जरी, मासिक धर्म वाली महिलाओं, गर्भवती महिलाओं आदि को कई प्राणायाम जैसे कपाल भाती, भस्त्रिका आदि का अभ्यास नहीं करना चाहिए, क्योंकि इन प्राणायाम को करने से पेट, छाती और सिर पर दबाव पड़ सकता है, जो इन स्थितियों में हानिकारक साबित हो सकता है।

गठिया के मरीज रहें सावधान

इसके अलावा सूर्य अनुलोम विलोम और सूर्यभेदन ऐसे प्राणायाम हैं, जिनका अभ्यास करते समय व्यक्ति को विशेष ध्यान रखना चाहिए। ऐसे व्यक्ति जिन्हें त्वचा संबंधी समस्या, हाई बीपी या पित्त प्रकृति है, उन्हें सूर्य अनुलोम-विलोम या सूर्यभेदन करने से परहेज करना चाहिए। साथ ही अगर कोई व्यक्ति गठिया से पीड़ित है, तो ऐसे लोगों को कूलिंग प्राणायाम यानी चंद्र अनुलोम विलोम और चंद्र भेदन प्राणायाम करने से बचना चाहिए। गठिया में इन प्राणायाम का अभ्यास व्यक्ति के दर्द को बढ़ा सकता है। योग का सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य पर ही नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

आसन करते समय रखें इन बातों का ध्यान

डॉक्टर बताते हैं कि सिर्फ प्राणायाम ही नहीं, बल्कि मेडिटेशन भी बेहद सावधानी के साथ करना चाहिए, क्योंकि यह भी हर किसी के लिए लाभदायक साबित नहीं होता है। अगर कोई व्यक्ति डिप्रेशन में है, तो उसे धारणा, ध्यान, समाधि आदि से दूरी बनानी चाहिए। वहीं, अगर आसनों की बात करें तो कई सारे आसन आगे झुककर करने वाले होते हैं। ऐसे में बीपी, हर्निया, गैस्ट्रिक, रीसेंट सर्जरी, माइग्रेन या फिर ग्लूकोमा में आगे झुक कर किए जाने वाले आसन जैसे पादहस्तासन, पश्चिमोत्तानासन आदि करने से यह समस्याएं और अधिक बढ़ सकती हैं। इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि आप जब भी योगाभ्यास अपनाना चाहते हैं, तो इसे शुरू करने से पहले किसी पेशेवर या आयुर्वेद योग विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।