International Youth Day 2023: आज के युवाओं में वो आम स्वास्थ्य समस्याएं, जिन पर समय रहते ध्यान देना है जरूरी
International Youth Day 2023 हर साल 12 अगस्त को दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र ने की थी जिसका मकसद था युवा उम्र में होने वाली उन परेशानियों पर ध्यान आकर्षित करना जिनके बारे में वे खुद बात नहीं कर पाते। इस आर्टिकल में हम उन्हीं परेशानियों के बारे में जिक्र करेंगे।
By Ritu ShawEdited By: Ritu ShawUpdated: Sat, 12 Aug 2023 08:47 AM (IST)
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। International Youth Day 2023: हर साल 12 अगस्त को अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने साल 1999 में की थी। जब संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) ने लिस्बन में युवाओं के लिए जिम्मेदार मंत्रियों के विश्व सम्मेलन द्वारा की गई सिफारिश को स्वीकार करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया था। इस खास दिन पर हम बात करने वाले हैं युवाओं द्वारा झेली जाने वाली उन शारीरिक परेशानियों के बारे में, जिसके बारे में बात बहुत कम ही होता है। इसपर विस्तार से बात करने के लिए हमने कुछ विशेषज्ञों से बातचीत की।
युवाओं में होने वाली शारीरिक परेशानियां क्या हैं?
हार्ट प्रॉब्लम- भले ही आप स्वस्थ दिखते हों, लेकिन 20 वर्ष से अधिक उम्र के लगभग आधे लोगों में ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ होता है। आगे चलकर यह क्रॉनिकल कार्डियोवस्कुलर से जुड़ी परेशानियों को जन्म दे सकता है।डायबिटीज और डीरेंज्ड लिपिड प्रोफाइल- अधिक तनाव और अव्यवस्थित जीवनशैली के साथ-साथ अनहेल्दी फूड साइकल के चलते शुगर लेवल में बदलाव हो सकता है। इसी के साथ अपच और लंबे समय तक बैठे रहने से लिपिड में परिवर्तन, मोटापा और आगे फेफड़ों और गुर्दे की समस्याओं का खतरा भी होता है।
न्यूट्रीशनल एनीमिया- अनियमित खाने की आदतों और खराब फिजिकल स्ट्रेंथ और ट्रेनिंग के कारण, युवाओं में आयरन की कमी और बी12 की कमी शुरू हो जाती है, जिससे एनीमिया का खतरा बढ़ जाता है। अगर इसे समय रहते न सुधारा जाए और लगातार नजरअंदाज किया जाता रहे, तो थकान, हड्डियों में दर्द और वजन कम हो सकता है।मानसिक स्वास्थ्य- मानसिक स्वास्थ्य आज के समय का सबसे महत्वपूर्ण और अक्सर नजरअंदाज किया जाने वाला मुद्दा है, जो विशेष रूप से युवाओं में महामारी की तरह बनता जा रहा है। नींद की समस्या, गुस्सा आने जैसी परेशानियों पर जल्द से जल्द ध्यान देने की जरूरत है।
यौन स्वास्थ्य- सही यौन शिक्षा की कमी के कारण अनप्लैन्ड प्रेग्नेंसी, यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) संबंधी परेशानियां हो सकती हैं। इसलिए युवाओं को इस बारे शिक्षित करना बेहद जरूरी है, ताकि वे सही निर्णय ले सकें।हद से ज्यादा टेक्नोलॉजी- बहुत ज्यादा स्क्रीन टाइम युवाओं के स्लीप पैटर्न को खराब कर सकता है, जिससे आंखों पर तनाव पड़ता है। इसके अलावा अधिक टेक्नोलॉजी के चलते युवाओं सामाजिक संपर्क धीरे-धीरे कम होने लगता है।
डॉ. नेहा रस्तोगी पांडा, सलाहकार - संक्रामक रोग, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्रामडॉ. त्रिभुवन गुलाटी, प्रमुख सलाहकार, मधुमेह, मोटापा और आंतरिक चिकित्सा, सीके बिड़ला अस्पताल (आर), दिल्लीसे बातचीत के आधार पर।