Eye Flu: क्या प्रेग्नेंसी में हानिकारक हो सकता है आई फ्लू? जानें इसके लक्षण, कारण और बचाव के तरीके
Eye Flu मानसून के इस सीजन में कई तरह की बीमारियों और संक्रमणों को खतरा काफी बढ़ जाता है। आई फ्लू इन्हीं संक्रमणों में से एक है जिसके मामले देशभर में लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में अगर आप प्रेग्नेंट हैं तो इसे लेकर चिंता और भी बढ़ जाती है। आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे प्रेग्नेंसी के दौरान आई फ्लू कितना हानिकारक है।
By Harshita SaxenaEdited By: Harshita SaxenaUpdated: Tue, 01 Aug 2023 02:21 PM (IST)
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Eye Flu: देशभर में इन दिनों आई फ्लू के मामलों में तेजी से बढ़ रहे हैं। मानसून के सीजन में यूं तो आई फ्लू के मामले आम होते हैं, लेकिन बीते कुछ वर्षों की तुलना में इस साल इसके ज्यादा मामले देखने को मिल रहे हैं। आंखों में होने वाले इस संक्रमण को पिंक आई या कंजंक्टिवाइटिस भी कहा जाता है। यह आमतौर पर किसी को भी अपनी चपेट में ले सकता है, लेकिन अगर आप प्रेग्नेंट हैं, तो इसे लेकर ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। आइए जानते हैं गर्भवती महिलाओं को कैसे प्रभावित करता हैं आई फ्लू और क्या हैं इसके लक्षण और कारण-
अगर आप भी प्रेग्नेंसी के दौरान आंखों में होने वाले ब्लडशॉट की थकान मानकर अनदेखा करती हैं, तो सतर्क हो जाएं। आंखें लाल होने के साथ ही अगर आपको इसमें खुजली, जलन या फिर पपड़ी जम रही है, तो यह आई फ्लू हो सकता है। आई फ्लू एक आम और हानिरहित संक्रमण है, जो इस सीजन में काफी देखने को मिलता है। हालांकि, गर्भवती होने पर हल्की बीमारियां भी जटिल हो सकती हैं, ऐसे में इस दौरान इसे लेकर कोई भी लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।
क्या प्रेग्नेंसी में आई फ्लू का इलाज संभव है?
अगर आप प्रेग्नेंट है और लगातार आई फ्लू के बढ़ते मामलों को लेकर परेशान हैं, तो आपको बता दें कि गर्भावस्था के दौरान इसका इलाज संभव है और इससे आपके या आपके बच्चे के लिए ज्यादा खतरा नहीं होता है। हालांकि, बुरी खबर यह है कि आपकी आंखें कुछ दिनों के लिए काफी खराब दिखने वाली हैं। ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि कैसे आप प्रेग्नेंसी में आई फ्लू का इलाज और इसकी रोकथाम कर सकती हैं।क्या है आई फ्लू?
आई फ्लू या फिर आई फ्लू कंजंक्टिवा की सूजन है। कंजंक्टिवा, वह परत है, जो आपकी आंख के सफेद हिस्से और आपकी पलक को अंदर से ढकती है। सूजन अक्सर वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण के कारण होती है, लेकिन हमेशा नहीं। कभी-कभी यह सूजन एलर्जी, खरोंच, चोट या जलन के कारण भी होती है। आई फ्लू के सामान्य लक्षणों में निम्न शामिल हैं:-
- आंख के सफेद हिस्से का गुलाबी या लाल रंग
- आंख में कुछ फंसा हुआ महसूस होना
- आंख या पलक पर खुजली और जलन
- दर्द और सूजन
- साफ पानी जैसा या चिपचिपा और पीला डिस्चार्ज
- पलक के किनारे पर पपड़ी जमा होना
- प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता
गर्भावस्था में आई फ्लू होने के कारण
गर्भावस्था में ऐसा कुछ भी अनोखा नहीं है, जिसके कारण आई फ्लू होता है। अन्य लोगों की ही तरह इसके होने के कारण आम हैं। यह वायरस, बैक्टीरिया, एलर्जी (धूल, फफूंद और पालतू जानवरों की रूसी से होने वाली) और पर्यावरणीय कारणों से हो सकती है। इसके अलावा कई बार आंखों को जोर से रगड़ने या मलने से भी आंखें लाल हो जाती है। ऐसे में अगर आपको ऊपर बताए गए लक्षणों में से एक-दो भी खुद में नजर आए, तो डॉक्टर से संपर्क करें।गर्भावस्था में आई का इलाज
प्रेग्नेंसी के दौरान अगर आपको आई फ्लू हो गया है, तो बिना डॉक्टर की सलाह के कोई दवा या आई ड्रॉप्स का इस्तेमाल न करें। इसके सही इलाज के लिए बेहतर होगा कि आप डॉक्टर से संपर्क करें। इसके अलावा आप कुछ घरेलू उपायों से इससे होने वाली परेशानी कम कर सकते हैं, जो नीचे दिए गए हैं-
- गर्म या ठंडा सेक करें- इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपका पसंदीदा तापमान क्या है, आई फ्लू होने पर ठंडी या गर्म सिंकाई आपको कुछ परेशानी से राहत दिला सकती है।
- हल्की सफाई- आई फ्लू की वजह से अगर आपकी आंखों के आसपास पपड़ी जम गई है, तो कॉटन पैड या कॉटन बॉल्स की मदद से इसे हल्के हाथों से सफाई करें। यह पपड़ी आंखों में जलन का कारण बन सकती है। ऐसे में इसे हटाना ही बेहतर होगा।
- कॉन्टैक्ट लैंस न लगाएं- अगर आप आमतौर पर कॉन्टैक्ट लैंस पहनती हैं, तो आई फ्लू होने पर इसे लगाना बंद कर दें। इसकी जगह आप अपने चश्मे को लगा सकती है, जब तक आंखों की सूजन पूरी तरह से ठीक न हो जाए।
- ग्रीन टी बैग- आई फ्लू की वजह से हुई सूजन को कम करने के लिए आप ग्रीन टी बैग का इस्तेमाल कर सकती हैं। इसके लिए टी बैग को 20 मिनट तक गर्म पानी में रखें और फिर फ्रिज में ठंडा करने के बाद आंखों पर लगाएं। इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण सूजन कम करने में मददगार होंगे।