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Seafood Side Effects: क्या मानसून में खाना चाहिए मछली समेत अन्य सी फूड्स?

Seafood Side Effects बारिश के मौसम में खानपान का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। चाहे वे शाकाहारी हों या फिर मांसाहारी। जी हां सब्जियों के अलावा मांसाहार में भी कुछ ऐसी चीजें हैं जिन्हें बारिश के मौसम में खाने से परहेज करना चाहिए। खासतौर से सी फू्ड्स जैसे कि मछलियां और अन्य समुद्री जीव। आइये जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।

By Ritu ShawEdited By: Ritu ShawUpdated: Sat, 05 Aug 2023 11:50 AM (IST)
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बारिश के मौसम में सी फूड्स खाने से पहले जान लें कुछ बातें

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Seafood Side Effects: दुनिया भर में भारी संख्या में मांसाहारी लोग मौजूद हैं। भारत में भी ऐसे लोगों की तादाद काफी ज्यादा है, जो नॉनवेजिटेरियन हैं। हालांकि, ऐसे लोगों को मानसून सीजन में खाने को लेकर थोड़ी सावधानी बरतने की जरूरत होती है। खासकर सी फूड्स को लेकर। इस आर्टिकल में हम यही जानने की कोशिश करेंगे कि बरसात के मौसम में सी फूड्स खाना चाहिए या नहीं।

मानसून सीजन में सी फूड खाने के नुकसान क्या हैं?

वैसे तो सी फूड्स काफी पौष्टिक और प्रोटीन से भरपूर होते हैं। ये सम्पूर्ण स्वास्थ्य, खासकर दिमाग, आंखों और इम्युनिटी के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। लेकिन, अगर मानसून सीजन में इसका सेवन किया जाए, तो इसके कई दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। जैसे:

1. जल प्रदूषण

मानसून की बारिश अक्सर जल प्रदूषण को बढ़ा सकती है क्योंकि बारिश का पानी जमीन पर मौजूद गंदगी को नदियों, झीलों, तालाबों और समुद्रों में बहा देता है। मछलियों समेत दूसरी जल प्रजातियां इस गंदगी को निगल सकती हैं, जिससे यह उनके शरीर में भी जमा हो सकते हैं। इसके बाद जब इन्हीं सी फूड्स का सेवन किया जाता है, तो कई सेहत संबंधी परेशानियां हो सकती हैं।

2. मर्करी पॉइजनिंग

बारिश के मौसम में सी फूड खाने का एक और नुकसान है मर्करी पॉइजनिंग। मर्करी एक जहरीला और भारी धातु है, जो मछली और अन्य सीफूड्स, खासतौर से ट्यूना, स्वोर्डफ़िश और शार्क जैसी बड़ी शिकारी मछलियों की टिशूज में जमा हो सकती है। मानसून के कारण मर्करी के लेवल में उतार-चढ़ाव हो सकता है, जिसके चलते इस बात को लेकर सतर्क रहना चाहिए कि आप किस प्रकार की मछली और कितनी मात्रा में खा रहे हैं। हाई मर्करी लेवल के चलते न्यूरोलॉजिकल समस्याएं हो सकती हैं, खासकर से गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों में।

3. पर्यावरण प्रदूषक

मर्करी के अलावा, सी फूड अन्य पर्यावरणीय प्रदूषकों जैसे पॉलीक्लोराइनेटेड बाइफिनाइल (पीसीबी) से दूषित हो सकता है, जो मछली के टिशूज में जमा हो सकता है और इंसानों के लिए स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकता है।

4. एलर्जिक रिएक्शन

कुछ लोगों को कुछ खास तरह की मछली या सी फूड्स से एलर्जी या सेंसिटिविटी हो सकती है। मानसून के दौरान इम्युनिटी काफी कमजोर हो सकती है और ये एलर्जी को भी बढ़ सकती है। सी फूड्स से होने वाली एलर्जी के सामान्य लक्षण हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं, जिसमें पित्ती, खुजली, दाने, चेहरे, होंठ, जीभ या गले पर सूजन, सांस लेने में कठिनाई या घरघराहट, पेट में दर्द, मतली या उल्टी शामिल हैं। समस्या गंभीर होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।

5. पैरासाइटिक इन्फेक्शन

मानसून पैरासाइट्स के बढ़ने के लिए अनुकूल वातावरण बनाता है, जो संक्रमण का कारण बन सकते हैं। ये संक्रमण पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकते हैं। इस दौरान सी फूड्स खाने के बाद दस्त, सूजन या गैस हो सकती है, और गंभीर मामलों में, अन्य अंग भी प्रभावित हो सकते हैं।

मानसून के दौरान सी फूड से होने वाले खतरे को कैसे कम करें?

बरसात के मौसम में समुद्री खाने के दुष्प्रभावों के जोखिम को कम करने के लिए, हाई क्वालिटी वाले और ताजी मछलियों को चुनें। इसके अलावा किसी भी तरह के हानिकारक बैक्टीरिया या पैरासाइट को मारने के लिए इसे अच्छी तरह से पकाएं।

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Picture Courtesy: Freepik