Japanese Encephalitis: असम में कम नहीं हो रहा जापानी बुखार का कहर, जानें क्या हैं इसके लक्षण और कारण
Japanese Encephalitis जापानी एंकफ्लाइटिस एक दुर्लभ मच्छर जनित वायरल ज़ूनोटिक बीमारी है। यह मस्तिष्क में सूजन का कारण बनती है और गंभीर लक्षण पैदा कर सकती है। भारत के असम राज्य में इसके कई मामले सामने आए हैं। आइए जानें इसके बारे में सबकुछ।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Japanese Encephalitis: असम में जापानी बुखार का प्रकोप अब भी जारी है और इस बीमारी ने अभी तक करीब 44 लोगों की जान ले ली है। जैपनीज़ एंकफ्लाइटस जिसे आसान भाषा में जापानी बुखार कहा जा रहा है, एक वायरल संक्रमण है, जो मच्छर से इंसान में आता है।
मच्छर से होने वाली इस बीमारी की वजह से दिमाग में सूजन हो जाती है। इसके अलावा बुखार और शरीर में दर्द इसके अहम लक्षण हैं, जो हल्के से लेकर मध्यम मामलों में देखने को मिलते हैं। गंभीर मामलों में मरीज़ व्यवहार में बदलाव, कंफ्यूज़न, कंपकंपी और यहां तक की कोमा में भी जा सकता है।
जैपनीज़ एंकफ्लाइटस एक दुर्लभ वायरल संक्रमण है, जो आमतौर पर प्रवासी पक्षियों के ज़रिए जानवरों को प्रभावित करता है, यह दुर्लभ मामलों में मनुष्यों को संक्रमित कर सकता है। बच्चों में इस बीमारी का ख़तरा ज़्यादा होता है, लेकिन यह बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे में नहीं फैलती है।
किस तरह के मच्छर से होता है जापानी बुखार?
एक्सपर्ट्स के अनुसार, क्लूलेक्स मच्छर दिमाग में सूजन का कारण बनते हैं। क्लूलेक्स मच्छर इस वायरस की वजह है, जो आमतौर पर चावल के खेतों के पासे पाए जाते हैं। इस बीमारी का पहला मामला साल 1871 में जापान में सामने आया था। क्योंकि यह बीमारी जान भी ले सकती है, इसलिए इसे गंभीरता से लेना ज़रूरी है। हालांकि, यह बीमारी एक से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलती।
क्या है जापानी बुखार के लक्षण?
ज़्यादातर मामलों में मरीज़ों में लक्षण नहीं देखने को मिलते हैं। मरीज़ में लक्षण संक्रमित होने के 5 से 15 दिनों बाद दिखते हैं। जिसमें बुखार और मांसपेशियों में दर्द का अनुभव होता है। हालांकि, इसके गंभीर मामलों में न्यूरोलॉजिकल लक्षण भी देखने को मिलते हैं। जिसमें गर्दन में अकड़न, सिर दर्द, व्यवहार में बदलाव, स्तब्धता, भटकाव, कंपकंपी, कभी-कभी मरोड़ या ऐंठन और यहां तक कि कोमा भी शामिल है।
क्या इसका इलाज है?
जैपनीज़ एंकफ्लाइटिस का कोई इलाज नहीं है। इसके लक्षणों से आराम देने के लिए पेनकिलर्स, तरल पदार्थ और आराम करने की सलाह दी जाती है। दूसरे बैक्टीरियल संक्रमण या फिर सेप्सिस से बचने के लिए पोषण से भरपूर डाइट, हाइड्रेशन और इलेक्ट्रोलाइट थेरेपी पर फोकस रहना चाहिए।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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