Joint Pain: कभी सोचा है बारिश के मौसम में क्यों बढ़ जाता है जोड़ों का दर्द? एक्सपर्ट से जानें इसकी वजह
Joint Pain मानसून एक ऐसा मौसम है जो जिंदगी में ताजगी भर देता है लेकिन बारिश के साथ-साथ कई कठिनाइयां भी साथ लाता है। इस मौसम में इंफेक्शन का खतरा रहता है जिससे लोग आसानी से बीमार पड़ जाते हैं। इसके अलावा मानसून में जोड़ों का दर्द गठिया हड्डियों के विकार और पुरानी चोट का दर्द भी परेशान करता है।
By Saloni UpadhyayEdited By: Saloni UpadhyayUpdated: Wed, 19 Jul 2023 10:18 AM (IST)
नई दिल्ली, सलोनी उपाध्याय। Joint Pain: उमस, धूप और चिलचिलाती गर्मी से मानसून का मौसम राहत दिलाता है। इस मौसम में चारों तरफ हरियाली छा जाती है, लेकिन बरसात का मौसम अपने साथ कई गंभीर बीमारियां लेकर आता है। इस मौसम को लेकर लोग उत्साहित भी रहते हैं। इस दौरान चाय का मजा लेने के साथ स्ट्रीट फूड का भरपूर आनंद उठाया जाता है। हालांकि बारिश के मौसम में इंफेक्शन का भी खतरा रहता है। इस मौसम में लोग ज्यादा बीमार पड़ते हैं। इस मौसम में लोग जोड़ों के दर्द, गठिया, हड्डियों के विकार और पुरानी चोटों की समस्या भी होती हैं। मानसून में ये दर्द ज्यादा ज्यादा परेशान करती हैं।
आखिर बारिश के मौसम में ही जोड़ों का दर्द क्यों बढ़ जाता है, इसके पीछे क्या कारण हो सकते हैं। आइए जानते हैं एक्सपर्ट से इसके जवाब।
मानसून में क्यों बढ़ जाता है जोड़ों का दर्द?
दिल्ली के सीके बिरला अस्पताल में ऑर्थोपेडिक विभाग के डायरेक्टर, डॉ. अश्वनी माईचंद ने बताया, " मानसून एक ताजगी भरा मौसम है, लेकिन बारिश के साथ-साथ कई कठिनाइयां भी आती हैं। जिसमें लोग जोड़ों के दर्द, गठिया, हड्डियों के विकार और पुरानी चोटों से परेशान होते हैं। इस दर्द का कारण बारिश नहीं होती। यह कम बैरोमीटरिक दबाव के कारण होता है। वायुमंडल में पाए जाने वाले एयर प्रेशर को बैरोमेट्रिक दबाव कहा जाता है। जब यह दबाव कम हो जाता है, तो शरीर के टिशूस और मांसपेशियों में सूजन और दर्द बढ़ जाता है। कम तापमान के कारण टिशूस, मांसपेशियों, जोड़ों में दर्द के साथ ऐठन भी हो सकती है।"डॉ. अश्विनी ने कहा कि जिन लोगों में हड्डियों और जोड़ों से संबंधित पुरानी चोटे होती हैं, उन्हें ही इन दौरान दर्द झेलना पड़ता है। इसके अलावा कभी-कभी, मानसून के दौरान वातावरण में नमी के कारण ब्लड प्रेशर भी बढ़ जाता है, जिससे शरीर में दर्द हो सकता है। इससे डिहाइड्रेशन भी होता है, जिससे स्थिति और खराब हो जाती है। दर्द को कम करने का सबसे प्रभावी तरीका हॉट कम्प्रेशन है।गुरुग्राम के मेदांता में इंस्टीट्यूट ऑफ मस्कुलोस्केलेटल डिसऑर्डर एंड ऑर्थोपेडिक्स के निदेशक, डॉ. विवेक दहिया ने बताया कि मानसून में बैरोमीटर के दबाव में कमी के अलावा उच्च आर्द्रता के कारण शरीर में ऊतकों का थोड़ा विस्तार हो सकता है। जिससे संभावित रूप से जोड़ों पर अतिरिक्त दबाव पड़ सकता है। इसके अलावा, अचानक तापमान परिवर्तन के कारण जैसे गर्म से ठंडे वातावरण में जाना, जोड़ों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है और संभावित रूप से मौजूदा संयुक्त समस्याओं वाले व्यक्तियों में दर्द पैदा कर सकता है।
बरसात में जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए क्या करें?
डॉ. अश्विनी ने बताया कि जोड़ों के दर्द और पुरानी चोटों वाले लोगों को बारिश से पहले और बारिश के दौरान खुद को गर्म रखने की सलाह दी जाती है। नियमित रूप से व्यायाम करना, दर्द निवारक और सूजन-रोधी दवाएं अपने पास रखना, वजन नियंत्रित करना, स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करना, मानसून के दौरान जोड़ों और पुरानी चोट के दर्द को रोकने के कुछ अन्य तरीके भी हैं।
डॉ. विवेक ने कहा, "मानसून के मौसम में इस दर्द को कम करने के लिए अन्य मौसमों की तुलना में, व्यक्तियों को जोड़ों के दर्द और पिछली चोटों से होने वाली परेशानी से बचने के लिए मानसून के मौसम में शारीरिक रूप से सक्रिय रहने का प्रयास करना चाहिए। मानसून से संबंधित जोड़ों की परेशानी के उचित उपचार के लिए एक्सपर्ट से सलाह ले सकते हैं।"