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Kapotasana Yoga for Sciatica: साइटिका के लिए वरदान है कपोतासन, जानें इसे कैसे करें

Kapotasana Yoga Poses for Sciaticaयह संस्कृत के दो शब्दों कपोत अर्थात कबूतर और आसन यानी बैठने की मुद्रा से मिलकर बना है।

By Umanath SinghEdited By: Updated: Fri, 28 Aug 2020 07:53 AM (IST)
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Kapotasana Yoga for Sciatica: साइटिका के लिए वरदान है कपोतासन, जानें इसे कैसे करें

दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Kapotasana Yoga for Sciatica: साइटिका एक आम समस्या है जो कमर के नीचे नसों में किसी एक नस में सूजन आने से होती है। इससे पैर में तेज दर्द होने लगता है। यह दर्द कभी-कभी असहनीय भी होता है। कई मौकों पर साइटिका में आराम के लिए सर्जरी की जाती है। हालांकि, मामूली लक्षणों में यह दवा और सावधानी बरतने से ठीक हो जाती है। साइटिका के कई कारण हैं, जिनमें भारी वजन उठाना, हाई हील पहनना, प्रेग्नेंसी के दौरान सियाटिक नर्व पेल्विक एरिया पर दबाव और एक्सरसाइज न करना हैं।

इसके लिए जरूरी है कि आप नियमित रूप से एक्सरसाइज करें। साथ ही आप अपने जीवन में योग को भी जोड़ सकते हैं। योग के कई आसान हैं जो भिन्न-भिन्न रोगों में लाभकारी होते हैं। इनमें एक कपोतासन है, जिसे करने से साइटिका में बहुत आराम मिलता है। अगर आप साइटिका से परेशान हैं और इससे छुटकारा पाना चाहते हैं, तो आप कपोतासन को अपना सकते हैं। इसे करने से साइटिका के दर्द में बहुत आराम मिल सकता है। आइए जानते हैं कि कपोतासन क्या है और इसे कैसे करना चाहिए-

कपोतासन क्या है

यह संस्कृत के दो शब्दों कपोत अर्थात कबूतर और आसन यानी बैठने की मुद्रा से मिलकर बना है। आसान शब्दों में कहें तो कबूतर की मुद्रा में बैठना ही कपोतासन कहलाता है। विशेषज्ञों की मानें तो इस योग को करने से साइटिका में बहुत आराम मिलता है। जबकि रक्तचाप भी नियंत्रित रहता है और पेट के अंगों की मसाज भी हो जाती है।

कपोतासन कैसे करें

इसके लिए सबसे पहले समतल भूमि पर दरी बिछा लें। अब सूर्य की ओर मुखकर वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाएं। इसके बाद अपने शरीर को पीछे की तरफ ले जाएं और हाथों को ज़मीन पर टिकाते हुए शरीर को ऊपर उठाने की कोशिश करें। शुरुआत के दिनों में कपोतासन करना कठिन होता है, लेकिन अभ्यास करने से इस योग को किया जा सकता है। हालांकि, कपोतासन करने से पहले विशेषज्ञ की राय अवश्य लें और एहतियातन के तौर पर उनकी मौजूदगी में ही इसे करने की कोशिश करें।

डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।