समय से पहले जन्मे बच्चे की देखभाल के लिए इन बातों का रखें ध्यान
हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो प्रीमेच्योर बेबी को नींद बहुत आती है। इसके लिए घर का वातावरण शांत रखें। ज्यादा शोरगुल न करें। इससे बच्चे की नींद में खलल हो सकती है। वहीं बच्चे को हमेशा पीठ के बल सुलाएं। प्रीमेच्योर बेबी को तकिया न लगाएं।
By Pravin KumarEdited By: Updated: Wed, 08 Jun 2022 07:51 PM (IST)
दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। आजकल प्रीमेच्योर बेबी (premature baby) सामान्य बात हो गई है। सामान्यतः बच्चे का जन्म 9 महीने गर्भ में रहने के बाद होता है। वहीं, ऐसे बच्चे जिनका जन्म समय से पूर्व हो जाता है। उसे प्रीमेच्योर बेबी कहा जाता है। डॉक्टर प्रीमेच्योर बेबी का विशेष ख्याल रखने की सलाह देते हैं। अगर आपके घर में प्रीमेच्योर बेबी का जन्म हुआ है, तो बच्चे की देखभाल के लिए इन बातों को जरूर ध्यान रखें। आइए जानते हैं-
-प्रीमेच्योर बेबी को हमेशा ब्रेस्टफीड करवाएं। कई लोग बच्चे को गाय का दूध पिलाते हैं। ऐसा बिल्कुल न करें। कम से कम 6 महीने तक मां का दूध पिलाएं। इसके बाद ही गाय का दूध पिलाएं। -डॉक्टर की मानें तो प्रीमेच्योर बेबी को दिन में कम से कम 8 या 10 बार दूध जरूर पिलाएं। एक चीज़ का अवश्य ध्यान दें कि दो बार दूध पिलाने के मध्य कम से कम 2 घंटे का अंतर होना चाहिए। वहीं, 4 घंटे से अधिक का अंतर नहीं होना चाहिए।
-बच्चे की सेहत को मॉनिटर करें। उसके विकास पर ध्यान दें। अक्सर ऐसा देखा जाता है कि प्रीमेच्योर बेबी का विकास सही से नहीं हो पाता है। बच्चे की सुनने और देखने की शक्ति में अंतर हो सकता है। इसके लिए नियमित अंतराल पर डॉक्टर से अवश्य सलाह लें। -हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो प्रीमेच्योर बेबी को नींद बहुत आती है। इसके लिए घर का वातावरण शांत रखें। ज्यादा शोरगुल न करें। इससे बच्चे की नींद में खलल हो सकती है। वहीं, बच्चे को हमेशा पीठ के बल सुलाएं। प्रीमेच्योर बेबी को तकिया न लगाएं।
-बच्चे को कब भूख लगती है, कब नींद लगती है ? इन सब चीजों का ध्यान रखें। -बच्चे को कभी अकेला न छोड़ें। बच्चे को आसपास रखकर ही काम करें। -अगर बच्चे को नहलाना चाहते हैं, तो गुनगुने गर्म पानी से नहलाएं। -हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो बच्चे की इम्युनिटी बेहद कमजोर होती है। इसके लिए बच्चे को बाहरी वातावरण से दूर रखें।डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।