Kidney Stones: खराब लाइफस्टाइल से बढ़ रहा Gen Z में किडनी स्टोन का खतरा? जानें स्टडी पर क्या है एक्सपर्ट की राय
किडनी बीन्स के आकार के अंग होते हैं जो हमारे शरीर से यूरिन के जरिए टॉक्सिन्स को बाहर निकालने का काम करते हैं। इनकी देखभाल करने के लिए जरूरी है कि इनसे जुड़ी बीमारियों के बारे में जागरूक रहें। किडनी स्टोन किडनी में होने वाली एक आम बीमारी है जो क्रॉनिक किडनी डिजीज का खतरा बढ़ाता है। एक्सपर्ट से जानें किडनी स्टोन बढ़ने के कारण और बचाव के तरीके।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Kidney Stones: किडनी हमारे शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में शामिल है। बीन्स जैसे दिखने वाले ये ऑर्गन्स, हमारे शरीर से टॉक्सीन्स को बाहर निकालने का काम करते हैं। हालांकि, इतने महत्वपूर्ण फंक्शन के बाद भी लोगों में किडनी से जुड़ी बीमारियों और इनका ख्याल रखने के बारे में काफी कम जानकार होती है। इसलिए हर साल मार्च के दूसरे गुरुवार को वर्ल्ड किडनी डे (World Kidney Day) मनाया जाता है। इस साल यह दिन 14 मार्च को मनाया जाएगा।
बढ़ते CKD के मामले
इसी मौके पर हम आपको एक ऐसी स्टडी के बारे में बताने वाले हैं। यह स्टडी भारत में बढ़ते किडनी से जुड़ी बीमारियों के मामलों पर फोकस करता है, जिससे पता चलता है कि क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD) के कारण साल 2001-2003 और 2010-2013 के बीच होने वाली मौतों में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस स्टडी में यह भी पाया गया कि क्रॉनिक किडनी डिजीज का खतरा उन लोगों में ज्यादा होता है, जिन्हें किडनी स्टोन (Kidney Stones) से प्रभावित होते हैं।
इस स्टडी में ध्यान देने वाली बात यह भी थी कि किडनी स्टोन के मामले Millennials और Gen Z में ज्यादा देखने को मिल रहे हैं। इस बारे में जानने के लिए हमने एक एक्सपर्ट से बात की। आइए जानते हैं, इस बारे में उनका क्या कहना है।
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मोरेंगो अस्पताल, गुरुग्राम के नेफ्रोलॉजी और किडनी ट्रांसप्लांट के चेयरमैन संजय कुमार अग्रवाल से बात की। इस बारे में उन्होंने बताया कि किडनी स्टोन का किसी व्यक्ति के जेन-जी या मिलेनियल होने का कोई रिश्ता नहीं है, लेकिन डाइट और लाइफस्टाइल से जुड़े कुछ ऐसे कारक हो सकते हैं, जिस कारण से कम उम्र के लोगों में भी इसका जोखिम बढ़ा सकता है।
हालांकि, इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि किडनी स्टोन का खतरा यदि किसी व्यक्ति में अधिक है, तो उसकी उम्र जितनी ज्यादा होगी, किडनी स्टोन के रिस्क फैक्टर भी उतने ही अधिक समय तक बने रहेंगे।
किडनी स्टोन के रिस्क फैक्टर्स
किडनी स्टोन के खतरे के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया कि डाइट और किडनी की बीमारियों में परस्पर संबंध होता है। आज कल के खान-पान में प्रोसेस्ड फूड्स, शुगरी ड्रिंक्स और फास्ट फूड्स की मात्रा काफी ज्यादा होती है। इन फूड्स की वजह से शरीर में कैल्शियम, ऑक्सेलेट्स और दूसरे मिनरल की मात्रा में असंतुलन हो जाता है, जिस कारण से किडनी स्टोन का खतरा बढ़ सकता है।
सिर्फ खान-पान ही नहीं, कम मात्रा में पानी या अन्य तरल पदार्थों की वजह से भी किडनी स्टोन होने का खतरा रहता है। बाजार में अब कई प्रकार के एनर्जी ड्रिंक्स और कैफीन युक्त ड्रिंक्स मिलते है, जिस कारण पानी, नींबू पानी, जैसे ड्रिंक्स को लोग कम पीते हैं और अच्छे स्वाद की चाह में एनर्जी ड्रिंक्स आदि को ज्यादा पीते हैं। इस कारण डिहाइड्रेशन, यानी शरीर में पानी की कमी होने लगती है, जिस वजह से यूरिन कॉन्संट्रेशन बढ़ जाता है और किडनी स्टोन होने का खतरा भी बढ़ने लगता है।
हमारी लाइफस्टाइल की वजह से भी किडनी स्टोन का जोखिम बढ़ता है। भारत में बढ़ रहे मोटापे के मामले भी किडनी स्टोन के रिस्क को बढ़ाते हैं। बच्चों में भी मोटापे की समस्या खूब देखने को मिलती है। इस कारण से भी बच्चों और युवाओं में किडनी स्टोन की समस्या हो सकती है।
किडनी स्टोन से बचाव
किडनी स्टोन से बचाव किस तरह किया जा सकता है, इस बारे में बताते हुए डॉ. अग्रवाल ने बताया कि किडनी स्टोन्स के खतरे को कम करने के लिए खाने में सोडियम की मात्रा को नियंत्रित करना काफी आवश्यक है। पैकेट बंद फूड्स, फास्ट फूड्स और कैंड सूप आदि में सोडिम की मात्रा ज्यादा होती है। इसलिए अपनी डाइट में इन फूड्स की मात्रा को नियंत्रित करें। इससे यूरिन में कैल्शियम की मात्रा भी कम होगी, जो किडनी स्टोन के जोखिम को कम करने में मददगार साबित हो सकता है।
इसके साथ ही, शराब और कैफीन की मात्रा कम करने से भी किडनी स्टोन का जोखिम कम किया जा सकता है। इन ड्रिंक्स के कारण यूरिन में कैल्शियम की मात्रा बढ़ जाती है और साथ ही, डिहाइड्रेशन भी होता है, जो किडनी के लिए हानिकारक होता है।
किडनी स्टोन्स का खतरा किन लोगों में अधिक होता है, इस बारे में बताते हुए डॉ. अग्रवाल ने बताया कि जिन लोगों को हाइपरथायरॉइडिज्म होता है या आईबीडी (Inflammatory Bowel Disease) होता है, उनमें किडनी स्टोन का खतरा ज्यादा होता है। आईबीडी, आंत में होने वाली एक बीमारी है, जिसमें आंत में सूजन आ जाती है।
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