Dengue Virus: किस वायरस से होता है डेंगू बुखार, जानें इसे निपटने के उपाय
Dengue Virus डेंगू बीमारी है जो मच्छर के काटने से फैलती है। इसलिए इसे एक वाइरल संक्रमण कहा गया है जो मच्छर की एक मादा प्रजाति जिसका नाम एडीज़ है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Dengue Virus: मच्छरों के काटने से होने वाली डेंगू बीमारी एक विशेष वाइरस की वजह से होती है। इस वायरस का नान ही डेंगू है, इसलिए बीमारी को भी डेंगू कहा जाता है। डेंगू वाइरस भी चार प्रकार के होते हैं (टाइप 1,2,3,4)। इसे आम भाषा में हड्डी तोड़ बुखार भी कहते हैं क्योंकि इस बुखार के बाद शरीर की हड्डियों में काफी दर्द होने लगता है। डेंगू बीमारी है जो मच्छर के काटने से फैलती है। इसलिए इसे एक वाइरल संक्रमण कहा गया है जो मच्छर की एक मादा प्रजाति, जिसका नाम एडीज़ है, उससे फैलता है। डेंगू हर वर्ग और हर उम्र के लोगों को अपना शिकार बनाता है। इसके लक्षण भी काफी तेज़ गति से दिखते हैं जैसे-
• तेज़ सिरदर्द होना
• बुखार और शरीर में थकावट आना
• मांसपेशियों और जोड़ों में खिंचाव, सूजन, दर्द होना
• बुख़ार, दाने और सिरदर्द की उपस्थिति विशेष रूप से डेंगू की खास विशेषता में से एक है।
• डेंगू बुखार के अन्य लक्षणों में मसूड़ों में खून आना
• आंखों के पीछे गंभीर दर्द और लाल हथेलियां और तलवे शामिल हैं।
एसएमएस मेडिकल कॉलेज प्रिंसीपल डॉ. यूएस अग्रवाल का कहना है कि डेंगू बीमारी वैसे इतनी गंभीर समस्या नहीं होती है, लेकिन अगर इसमें लापरवाही बरती गई तो ये जानलेवा भी हो सकता है। इसलिए इस बीमारी के बारे में जागरूक होना बेहद ज़रूरी है।
इसके निवारण में उपाय और रोकथाम शामिल हैं जिससे हम डेंगू से बच सकते हैं। अगर हम डेंगू के रोकथाम के उपाय बेहद आसान हैं और जीवन में से अपनाकर इस बीमारी से बचा जा सकता है। इसकी रोकथाम के उपाय कुछ इस प्रकार हैं:
1. मच्छरों से बचने के लिए मच्छर निरोधी क्रीम, अगरबत्ती, मच्छर दानी, आदि का इस्तेमाल करना चाहिए।
2. घर के आस पास साफ-सफाई रखें जिससे मच्छर नहीं आएं।
3. घर में और आसपास पानी का जमाव नहीं होने दें।
4. घर की खिड़कियों पर हो सके तो जाली लगा दें, जिससे मच्छर घर में प्रवेश नहीं कर पाएं।
5. अपने शरीर को मच्छरों से बचाने के लिए ढक कर रखना।
डेंगू का उपचार
अगर ज़्यादा तेज़ बुखार नहीं आता है, तो हम रोगी को घर पर भी अच्छे से ठीक कर सकते हैं। सामान्य बुखार प्राथमिक उपचार एवं पेरासीटामोल से भी ठीक किया जा सकता है, क्योंकि ये स्वत: ठीक होने वाला रोग हैं तो इसके उपचार के लिए लाक्षणिक उपचार ही चाहिए जैसे-
- रोगी को पर्याप्त आराम करने दें।
- घर से बाहर कुछ दिन नहीं जाना चाहिए।
- पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ और संतुलित आहार देना चाहिए।
- बुखार आने पर जल्द से जल्द चिकित्सा की मदद से बुखार को उतारा जा सकता है।
- रोगी को एस्परीन या डिस्परीन जैसी दवाई न दें।
और ज़्यादा ही तकलीफ हो रही है तो चिकित्सक से परामर्श ले लेना चाहिए या खून की जांच करवा लेनी चाहिए। थोड़ी-सी सावधानी से हम इसके निवारण में कामयाब हो सकते हैं।