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सिर्फ बुजुर्ग महिलाओं को होता है Breast Cancer! क्या आप करते हैं ऐसी ही अफवाहों पर विश्वास तो जानें सच्चाई

ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) दुनियाभर में चिंता का विषय बना हुआ है। हर साल कई लोग इस गंभीर बीमारी की चपेट में आते हैं जिसके कारण कई लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ती है। ऐसे में इसके बारे में जागरूकता फैलाने के लिए हर साल अक्टूबर में Breast Cancer Awareness Month मनाया जाता है। इस मौके पर जानते हैं ब्रेस्ट कैंसर से जुड़े कुछ आम मिथकों के बारे में।

By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Updated: Fri, 11 Oct 2024 04:27 PM (IST)
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ब्रेस्ट कैंसर से जुड़े आम मिथक और सच्चाई (Picture Credit- Freepik)

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) एक गंभीर बीमारी है, जो दुनियाभर में कई लोगों को प्रभावित करता है। आमतौर पर यह बीमारी महिलाओं को अपना शिकार बनाती है, लेकिन कुछ मामलों में पुरुष भी इसकी चपेट में आ जाते हैं। आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि यह मुख्य रूप से बुजुर्गों को प्रभावित करता है, हालांकि यह पूरी तरह से सही नहीं हैं। कैंसर का यह गंभीर प्रकार 40 साल से कम उम्र की महिलाओं को भी हो सकता है। हालांकि, यह कम उम्र की महिलाओं (Young Women Breast Cancer) में ज्यादा आम नहीं है, इसलिए इसे लेकर अक्सर कई तरह के मिथकों पर आसानी से भरोसा कर लिया जाता है।

अक्टूबर का महीना हर साल Breast Cancer Awareness Month के तौर पर मनाया जाता है। इस मौके पर आज सोनीपत के एंड्रोमेडा कैंसर हॉस्पिटल में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, ब्रेस्ट ऑन्कोलॉजी डॉ. वैशाली जमरे से जानेंगे युवा महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर को लेकर प्रचलित आम मिथक (Breast Cancer Myths) और उनकी सच्चाई के बारे में-

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मिथक 1: सिर्फ बुजुर्ग महिलाएं ही स्तन कैंसर से प्रभावित होती हैं।

तथ्य: यह धारणा पूरी तरह गलत है कि 50 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर होने की आशंका ज्यादा होती है। हालांकि, उम्र एक महत्वपूर्ण रिस्क फैक्टर है, लेकिन कम उम्र की महिलाओं को भी ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है। अमेरिकन कैंसर सोसाइटी की रिपोर्ट है कि ब्रेस्ट कैंसर के सभी मामलों में से 5-7% मामले 40 से कम उम्र की महिलाओं में होते हैं।

मिथक 2: ब्रेस्ट कैंसर का एकमात्र लक्षण गांठ है।

तथ्य- कई लोगों का मानना ​​है कि ब्रेस्ट कैंसर का पता केवल गांठों से ही लगाया जा सकता है। हालांकि, युवा महिलाओं को विभिन्न प्रकार के लक्षणों का अनुभव हो सकता है, जैसे कि ब्रेस्ट का आकार बदलना, त्वचा पर गड्ढे पड़ना, निप्पल से डिस्चार्ज या ब्रेस्ट में लगातार असुविधा शामिल हैं।

मिथक 3: कोई पारिवारिक इतिहास नहीं है, तो आपको ब्रेस्ट कैंसर नहीं हो सकता।

सच्चाई: भले ही ब्रेस्ट कैंसर का पारिवारिक इतिहास इसका रिस्क बढ़ाता है, लेकिन अन्य कारक भी भूमिका निभाते हैं। ऐसे में यह सोचना पूरी तरह गलत है कि अगर आपका ब्रेस्ट कैंसर की कोई फैमिली डिस्ट्री नहीं है, तो आपको यह कैंसर नहीं हो सकता। ब्रेस्ट कैंसर के विकास के कई पर्यावरणीय कारक और लाइफस्टाइल से जुड़ी आदतें भी योगदान दे सकती हैं।

मिथक 4: यंग वुमन के लिए इसका कोई खतरा नहीं है।

सच्चाई: बहुत सी युवा महिलाएं यह सोचती हैं कि उन्हें ब्रेस्ट कैंसर के बारे में चिंतित होने की जरूरत नहीं है। हालांकि, यह मात्र एक गलतफहमी है। जेनेटिक कारक, पारिवारिक इतिहास, शराब और धूम्रपान जैसी कुछ लाइफस्टाइल से जुड़ी आदतें किसी में भी इसका खतरा बढ़ा सकती है। हेवी ब्रेस्ट टिश्यू जैसे कारकों से भी ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।

मिथक 5-: स्तनपान ब्रेस्ट कैंसर को रोकने में मदद करता है।

सच्चाई- अध्ययनों से पता चला है कि स्तनपान ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को कम कर सकता है, लेकिन पूरी तरह सच नहीं है। कुछ महिलाओं का मानना ​​है कि स्तनपान बीमारी के खिलाफ पूर्ण रक्षा प्रदान करता है। हालांकि, यह धारणा गलत है, क्योंकि इससे जोखिम पूरी तरह खत्म नहीं होता, भले ही इसे कम किया जा सकता है। स्तनपान कराने वाली महिलाएं या कम उम्र की महिलाएं अभी भी इस कैंसर के प्रति संवेदनशील हैं।

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