Move to Jagran APP

World Diabetes Day 2023: डायबिटीज मेलिटस और डायबिटीज इंसिपिडस में क्या है अंतर?

हर साल 14 नवंबर के दिन दुनिया भर में वर्ल्ड डायबिटीज डे मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों में इस बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाना है ताकि वे इससे बच सकें। पिछले कुछ सालों से देश में डायबिटीज के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। भारत को डायबिटीज की राजधानी कहा जाता है क्योंकि यहां डायबिटीज के मामले दुनिया में सबसे ज्यादा हैं।

By Jagran NewsEdited By: Ruhee ParvezUpdated: Tue, 14 Nov 2023 10:36 AM (IST)
Hero Image
World Diabetes Day 2023: दो तरह की होती है डायबिटीज
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। World Diabetes Day 2023: आमतौर पर सभी जानते हैं कि डायबिटीज मतलब बढ़ा हुआ शुगर। आम बातचीत में लोग ऐसा बोलते हैं कि मुझे शुगर है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि डायबिटीज मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है। डायबिटीज मेलिटस और डायबिटीज इंसिपिडस।

दोनों तरह की डायबिटीज दो तरह के हार्मोन के कारण होती हैं और दोनों एक दूसरे से बिल्कुल अलग भी होती हैं।

Diabetes Mellitus क्या है?

डायबिटीज मेलिटस में खून में ग्लूकोज का लेवल, जिसे ब्लड शुगर भी कहते हैं, वो बढ़ जाता है। आपकी किडनी इस एक्स्ट्रा ग्लूकोज को यूरीन के रास्ते शरीर से बाहर निकालती है।

यह भी पढ़ें: डायबिटीज का खतरा बढ़ाती हैं आपकी रोज की ये आदतें, समय रहते करें इनमें सुधार

Diabetes Insipidus क्या है?

डायबिटीज इंसिपिडस में आपके शरीर का फ्लूइड बैलेंस बिगड़ जाता है। इसमें आपके ग्लूकोज लेवल सामान्य रहते हैं, लेकिन आपकी किडनी अधिक मात्रा में डायल्यूटेड यूरीन बनाती है जिसकी वजह से आपको बार-बार पेशाब जाने की जरूरत होती है।

डायबिटीज मेलिटस vs डायबिटीज इंसिपिडस

डायबिटीज मेलिटस शरीर में इंसुलिन हार्मोन के असंतुलित होने के कारण होता है और वहीं डायबिटीज इंसिपिडस में शरीर वेसोप्रेसिन हार्मोन नहीं बना पाती है या फिर किडनी इस हार्मोन के प्रति कोई प्रतिक्रिया नहीं देती है।

  • डायबिटीज मेलिटस में पैंक्रियाज अंग शामिल होते हैं वहीं डायबिटीज इंसिपिडस में किडनी शामिल होती है।
  • डायबिटीज मेलिटस में पैंक्रियाज पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बना पाता है। इंसुलिन ब्लड ग्लूकोज लेवल को संतुलित रखने का काम करता है। पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन जब नहीं बन पाता है, तो शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है। इससे यूरीन के रास्ते बढ़ी हुई अतिरिक्त शुगर निकलने लगती है, जिससे शरीर से एक्स्ट्रा पानी भी साथ में निकलता है और बार-बार पेशाब जाने की जरूरत पड़ती है।
  • वहीं, डायबिटीज इंसिपिडस में ऐसा होता है कि वेसोप्रेसिन हार्मोन जो यूरीन में पानी निकलने की मात्रा का निर्णय करता है, उसमें दिक्कत होती है। वेसोप्रेसिन या तो पर्याप्त मात्रा में बनता नहीं है या फिर किडनी उसे अच्छे से नियंत्रित नहीं कर पाती है, जिसके कारण किडनी से एक्स्ट्रा पानी निकलता है और पेशाब के रास्ते शरीर से बाहर जाता है। इसके कारण व्यक्ति अधिक मात्रा में डायल्यूटेड यूरीन निकालता है। इससे डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है।
यह भी पढ़ें: 7 'S' जो बन सकते हैं डायबिटीज की वजह, इससे बचने के लिए आज से ही छोड़ दें ये आदतें

  • डायबिटीज मेलिटस की डायग्नोसिस में आमतौर पर व्यक्ति का ब्लड टेस्ट किया जाता है और डायबिटीज इंसिपिडस में यूरीन टेस्ट किया जाता है।
  • डायबिटीज मेलिटस के ट्रीटमेंट का लक्ष्य होता है ब्लड शुगर को संतुलित करना और डायबिटीज इंसिपिडस के ट्रीटमेंट का लक्ष्य होता है यूरीन की कंसंट्रेशन को ठीक करना।
  • डायबिटीज मेलिटस में इंसुलिन इंजेक्शन, मेटफार्मिन जैसी दवाइयां और स्वस्थ जीवनशैली के पालन करने की सलाह दी जाती है। डायबिटीज इंसिपिडस में वेसोप्रेसिन के सिंथेटिक रूप जैसे डेस्मोप्रेसिन या फिर डाययूरेटिक लेने की सलाह दी जाती है।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Picture Courtesy: Freepik

Quiz

Correct Rate: 0/2
Correct Streak: 0
Response Time: 0s

fd"a"sds

  • K2-India
  • Mount Everest
  • Karakoram