Cervical Cancer का खतरा बढ़ा सकते हैं ये रिस्क फैक्टर्स, एक्सपर्ट ने जानें इससे बचाव के तरीके
सर्वाइकल कैंसर एक गंभीर बीमारी है जो महिलाओं को सबसे ज्यादा प्रभावित करती है। ऐसे में इसके प्रति जागरूकता फैलाने के मकसद से हर साल जनवरी में Cervical Cancer अवेयरनेस मंथ मनाया जाता है। इस मौके पर इस गंभीर बीमारी के रिस्क फैक्टर्स और इससे बचाव के तरीकों के बारे में विस्तार से जानने के लिए हमने एक्सपर्ट से बात की।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Cervical Cancer Awareness Month 2024: इन दिनों लोगों की जीवनशैली में लगातार बदलाव हो रहे हैं। काम का बढ़ता प्रेशर और खानपान की गलत आदतें हमारी सेहत पर बुरा असर डालती है। लोग आजकल कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का शिकार हो रहे हैं। कैंसर इन्हीं बीमारियों में से एक है, जो किसी को भी अपनी चपेट में ले सकता है। इसके कई प्रकार होते हैं, जिन्हें शरीर के विभिन्न हिस्सों में होने की वजह से उन्हीं के नामों से जाना जाता है। सर्वाइकल कैंसर इस गंभीर बीमारी का ऐसा ही एक प्रकार है, महिलाओं के लिए काफी घातक होता है।
सर्वाइकल कैंसर महिलाओं के रीप्रोडक्टिव ऑर्गन को प्रभावित करने वाले पांच गंभीर कैंसर में से एक है। जब कैंसर महिलाओं के सर्विक्स (Cervix) में शुरू होता है, तो इसे सर्वाइकल कैंसर कहा जाता है। सर्वाइकल कैंसर ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) नामक वायरस के कारण होता है। एचपीवी से संक्रमित सभी महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर का खतरा होता है। ऐसे में इस कैंसर की गंभीरता को देखते हुए हर साल जनवरी में सर्वाइकल कैंसर अवेयरनेस मंथ मनाया जाता है। इस मौके पर सर्वाइकल कैंसर के रिस्क फैक्टर्स और इससे बचाव के बारे में विस्तार से जानने के लिए हमने गुरुग्राम के सीके बिड़ला हॉस्पिटल में प्रसूति एवं स्त्री रोग की निदेशक डॉ. अरुणा कालरा से बातचीत की।
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सर्वाइकल कैंसर के रिस्क फैक्टर्स
सर्वाइकल कैंसर ज्यादातर एचपीवी के कुछ स्ट्रेन, विशेष रूप से एचपीवी-16 और एचपीवी-18 के लगातार संक्रमण के कारण होता है। ज्यादातर लोग जो यौन गतिविधियों में एक्टिव होते हैं, वे अपने जीवन में किसी न किसी समय एचपीवी से संक्रमित हो जाते हैं, जो एक यौन संचारित बीमारी है।
- धूम्रपान करने वाली महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। धूम्रपान हमारे इम्युन सिस्टम को कमजोर कर सकता है, जिससे शरीर को एचपीवी संक्रमण से उबरने में कठिनाई हो सकती है।
- अगर आप कम उम्र में ही यौन गतिविधि में शामिल हैं, तो एचपीवी संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, जो सर्वाइकल कैंसर के विकास में एक प्रमुख कारक है।
- कुछ शोध के अनुसार, लंबे समय तक गर्भनिरोधक गोलियों यानी कॉन्ट्रेसेप्टिक पिल्स का उपयोग करने से भी सर्वाइकल कैंसर के विकास का खतरा बढ़ सकता है।
- पारिवारिक इतिहास भी सर्वाइकल कैंसर का खतरा थोड़ा बढ़ सकता है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि यह सामान्य पर्यावरणीय परिस्थितियों के कारण होता है या वंशानुगत कारकों के कारण।
सर्वाइकल कैंसर से ऐसे करें बचाव
- सर्वाइकल कैंसर से बचने के तरीकों के बारे में बताते हुए डॉक्टर अरुणा कहती हैं कि इस गंभीर बीमारी को रोकने के लिए ह्यूमन पैपिलोमावायरस (एचपीवी) के खिलाफ टीकाकरण सबसे कारगर तरीका है। यह सलाह दी जाती है कि पुरुष और महिलाएं यौन गतिविधियों में शामिल होने से पहले एचपीवी वैक्सीन लें।
- वैक्सीनेशन का सबसे सही समय किसी भी संभावित वायरस से संक्रमित होने से पहले का होता है। ह्यूमन पैपिलोमावायरस (एचपीवी) के लिए यह समय आमतौर पर प्रारंभिक किशोरावस्था में होता है।
- स्क्रीनिंग एग्जामिनेशन, जिसे पैप टेस्ट के रूप में जाना जाता है, जो कैंसर बनने से पहले सर्विक्स में कैंसर पूर्व असामान्यताओं की पहचान करने में सक्षम हैं। इससे बचने का कारगर तरीका है।
- कंडोम का इस्तेमाल सुरक्षित यौन संबंध के दौरान एचपीवी ट्रांसमिशन के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है, लेकिन वे 100% सुरक्षा की गारंटी नहीं दे सकते।
- फलों और सब्जियों से भरपूर आहार का सेवन करने से सर्वाइकल कैंसर के खतरे को कम करने में मदद मिल सकती है और महत्वपूर्ण पोषक तत्व और एंटीऑक्सीडेंट की पूर्ति से सामान्य स्वास्थ्य भी बेहतर होता है।
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