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Women After 30s: एक्सपर्ट से जानें 30 की उम्र के बाद महिलाओं के शरीर में होने वाले बदलाव

Women After 30s अक्सर कामकाज और घर-परिवार के बीच महिलाएं खुद को अपनी अपी सेहत को नजरअंदाज कर देती हैं। ऐसे में उनकी यह अनदेखी कई बार उनके लिए हानिकारक भी साबित हो सकती है। 30 साल की उम्र के बाद महिला के जीवन में कई सारे बदलाव होते हैं। इस बारे में विस्तार से जानने के लिए हमने एक्सपर्ट से बात की।

By Harshita SaxenaEdited By: Harshita SaxenaUpdated: Mon, 31 Jul 2023 07:12 AM (IST)
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30 की उम्र के बाद महिलाओं में होते है ये बदलाव
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Women After 30s: एक महिला अपने पूरे जीवन में कई सारे पड़ाव से गुजरती है। किशोरावस्था से लेकर बुढ़ापे तक उन्हें कई सारी चीजों का सामना करना पड़ता है। बढ़ती उम्र के साथ ही उनके शरीर में लगातार बदलाव होने लगते हैं। यह बदलाव न सिर्फ उनके बाहर बल्कि शरीर के अंदर भी होने लगते हैं। रोज की भागदौड़ और परिवार की जिम्मेदारियों के बीच कई महिलाएं अक्सर अपनी सेहत को नजरअंदाज कर देते हैं। ऐसे में स्वास्थ्य को लेकर बरती गई लापरवाही कई बार उनके लिए हानिकारक थी साबित होती है।

ऐसे में यह बेहद जरूरी है की बढ़ती उम्र के साथ ही महिलाएं अपने अंदर हो रहे बदलावों पर ध्यान दें। खासकर 30 की उम्र के बाद महिलाओं के शरीर में कई सारे ऐसे बदलाव होते हैं, जिसकी वजह से उन्हें शारीरिक और मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। महिलाओं में होने वाले इन बदलावों के बारे में विस्तार से जानने के लिए हमने गुड़गांव के सीके बिरला हॉस्पिटल में ऑब्सटेट्रिक्स और गाइनेकोलॉजिस्ट की निदेशक डॉक्टर अरुणा कालरा से बातचीत की।

ओस्टियोपोरोसिस की समस्या

30 के बाद महिलाओं के शरीर में होने वाले बदलावों पर बात करते हुए डॉ अरुणा बताती हैं कि इस उम्र में सबसे पहले महिलाओं को ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या होने लगती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उनका मसल मास कम होने लगता है। यह सब एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन में बदलाव के कारण होता है।

इसके अलावा यह समस्या इसलिए भी होती है, क्योंकि इस दौरान हम जरूरी शारीरिक गतिविधियां भी नहीं करते हैं, जिससे हमारे मसल्स मजबूत हो सके। ओस्टियोपोरोसिस और लूज मसल्स की वजह से महिलाओं को अक्सर 30 की उम्र के बाद थकान, रेस्टलेस लेग सिंड्रोम, कमजोरी और काम करने की क्षमता में कमी आने लगती है।

पीरियड्स में अनियमितताएं

इसके अलावा एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन में बदलाव की वजह से मेंस्ट्रूअल साइकिल भी प्रभावित होती है। इसकी वजह से कई बार ब्लीडिंग कम होने लगती है। वहीं, पीरियड्स के दिन आगे-पीछे होने की वजह से कई बार हेवी ब्लीडिंग होने लगती है। 30 की उम्र के बाद पीरियड्स में भी कई तरह की अनियमितताएं देखने को मिलती है।

मोटापे का शिकार

इसके अलावा इस उम्र में महिलाओं ने एंड्रॉइड ओबेसिटी की समस्या भी देखने को मिलती है। इस समस्या में पेट के आसपास चर्बी जमा होने लगती है। दरअसल, 30 साल की उम्र के बाद फीमेल हार्मोन में कमी आने लगती है, जिसकी वजह से यह समस्या होने लगती है। ऐसे में मोटापे से बचने के लिए जरूरी है कि गेहूं,चावल,ब्रेड और बेकरी आदि से दूरी बनाई जाए और प्रोटीन, विटामिन सी, ई, बी12 आदि को डाइट में शामिल किया जाए।

कम होती है फर्टिलिटी

इसके बाद 30 की उम्र के बाद महिलाओं में फर्टिलिटी से जुड़ी समस्याएं होने लगती हैं। ऐसे में बेहतर होगा कि आप 35 साल से पहले ही प्रेगनेंसी प्लान कर लें। दरअसल, जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है धीरे-धीरे अंडों की गुणवत्ता और संख्या में कमी आने लगती है। इसके अलावा एस्ट्रोजन की कमी की वजह से हेयर लॉस, रिंकल्स और त्वचा से जुड़ी कई समस्याएं होने लगती हैं।

मानसिक समस्याएं

30 साल की उम्र के बाद हमारी लाइफ स्टाइल और कुछ आदतों की वजह से मानसिक समस्या जैसे एंजाइटी, डिप्रेशन आदि भी होने लगती है। शारीरिक गतिविधियों और पोषक आहार की कमी, जरूरत से ज्यादा पार्टी, शराब-धूम्रपान आदि इन मानसिक समस्याओं की बड़ी वजह है। ऐसे में इन समस्याओं से बचने के लिए जरूरी है कि आप स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं और अपने सोने और खानपान की अपनी आदतों में भी उचित बदलाव करें।

Picture Courtesy: Freepik

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