बदलते मौसम के साथ जरूरी है खाने की थाली में बदलाव, ताकि स्वस्थ रहे आपका बच्चा
बीते दिनों त्योहार की धूम में कितनी मिठाई और कितनी तरह की चिकनाई पेट में गई जिसकी कुछ खबर नहीं। अब मौसम बदल रहा है और इसी के साथ बदलने वाली है इम्युनिटी यानी यह साल का वह समय है जब बदल देनी चाहिए बच्चों की आहार की आदत। बच्चों की सेहत को कैसे दें पौष्टिक भोजन का कवच जानिए पीडियाट्रिक न्यूट्रिशनिस्ट अवनी कौल से।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। त्योहारों के जगमग दिन अब बीत चुके हैं और आ रही है मौसम में हल्की ठंडक। बीते दिनों की लंबी छुट्टियां और अब मौसम की यह ठंडक आलस को तो बढ़ा ही रही है साथ ही संकेत दे रही है कि अब समय है अपनी थाली बदलने का। क्योंकि बीते सप्ताह सब लोग दीपावली पार्टी से लेकर घर आए मेहमानों के साथ तक, तरह-तरह की मिठाई और तला-भुना खाते रहे। भोजन से लेकर एक्सरसाइज तक कोई रूटीन फालो नहीं किया गया।
इसलिए यह बहुत जरूरी है कि अब आप बच्चों के मीलटाइम और संतुलित डाइट को दोबारा ट्रैक पर ले आएं ताकि वे स्वस्थ, ऊर्जावान और स्कूल व अन्य गतिविधियों के साथ आने वाले मौसम के लिए तैयार रहें। इन दौरान बच्चों को भूख में बदलाव या सर्दी और फ्लू जैसी बीमारियां होने लगती है। इसी कारण इस अवधि के दौरान संपूर्ण और संतुलित आहार अत्यंत आवश्यक है।
पहचानें अपनी भूख
दीपावली के बाद खाने की आदतों को बदलने का यह एक उत्कृष्ट अवसर है। अपने बच्चों को सिखाएं कि वे अपनी भूख के संकेतों को पहचानें। घटता तापमान, कम नमी और छोटे दिन बच्चों के मूड, ऊर्जा स्तर और समग्र स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डालते हैं। इस मौसम में शरीर को अधिक गर्मी की आवश्यकता होती है, इसलिए गर्म और संतुलित भोजन का समावेश महत्वपूर्ण हो जाता है। गाजर, पालक और शलजम जैसी मौसमी सब्जियों से बने व्यंजनों का चयन करें। सूप और स्ट्यू शरीर को गर्म रखने के लिए उत्कृष्ट विकल्प हैं, जबकि यह सुनिश्चित करते हैं कि इससे आवश्यक पोषक तत्व मिलें। जैसे-जैसे फ्लू का मौसम नजदीक आता है, एंटीआक्सीडेंट और विटामिन से भरपूर आहार बच्चों के इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद कर सकता है।संतुलित हो थाली
हेल्दी बैलेंस डाइट बच्चों के लिए बहुत जरूरी है। यह उनके विकास के साथ ही मौसम से जूझने की शक्ति देता है। बच्चों की थाली में विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करें। भोजन में अदरक और लहसुन डालने से अतिरिक्त इम्युनिटी मिल सकती है। परिष्कृत कार्बोहाइड्रेट के बजाय साबुत अनाज की ब्रेड, भूरे चावल और दालों का चयन करें जो दीर्घकालिक ऊर्जा प्रदान करेंगे। दीपावली की मीठी चीजों के बाद, चीनी वाले स्नैक्स को स्वस्थ विकल्पों से बदलना महत्वपूर्ण है। बच्चों को नट्स, ताजे फल या दही खाने के लिए प्रोत्साहित करें। ये विकल्प न केवल उन्हें ऊर्जा प्रदान करते हैं बल्कि शारीरिक-मानसिक विकास को बढ़ावा देने वाले आवश्यक पोषक तत्व भी देते हैं। सर्दियों में अक्सर बच्चे कम पानी पीने लगते हैं, इसलिए उनके हाइड्रेशन का विशेष ध्यान रखें। उन्हें पर्याप्त पानी, हर्बल चाय या गर्म सूप पीने के लिए प्रोत्साहित करें ताकि उनका हाइड्रेशन स्तर उच्च रहे!- हाइड्रेशन से शुरुआत करें। स्वच्छ उबला पानी, डिटाक्स करने वाले ड्रिंक्स जैसे जिंजर वाटर, लाइम वाटर आदि का सेवन करें ताकि शरीर से टॉक्सिन्स निकलें और इससे फ्लू से भी बचे रह सकते हैं।
- इन दिनों सुबह ठंडक महसूस होने लगी है। इसका अर्थ यह नहीं है कि आप एक्सरसाइज करना स्किप कर दें।
- दही, खट्टे फल व सब्जियों के जरिए विटामिन ए और सी की कमी पूरी करें। दालों और श्रीअन्न को डाइट में अवश्य शामिल करें। डिब्बाबंद जूस के बजाय फलों का ताजा जूस दें।
- बच्चों की डाइट पूरी रखें ताकि उन्हें ऊपर से सप्लीमेंट्स देने की जरूरत न पड़े। उन्हें फल, डेयरी उत्पाद, मेवे, प्रोटीन युक्त भोजन नियमित तौर पर दें।
- रसोई में मौजूद मसाले जैसे हल्दी, काली मिर्चआदि को भी भोजन में शामिल करें। ये बायोएक्टिव एलीमेंट के अच्छे स्रोत होते हैं, जो बच्चों में बेहतर इम्यून क्षमता को विकसित करते हैं।