Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

PCOS में सिर्फ मुंहासे ही नहीं ये समस्याएं भी पहुंचा सकती हैं आपकी त्वचा को नुकसान

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम यानी PCOS कई महिलाओं को प्रभावित करता है। यह महिलाओं में होने वाली सबसे आम समस्या है जो भारत में हर 10 में से कम से कम एक महिला को प्रभावित करता है। इसकी वजह से पीड़ित महिला को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। सेहत के लिए साथ ही यह समस्या त्वचा को भी काफी प्रभावित करती है।

By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Updated: Sat, 13 Apr 2024 03:35 PM (IST)
Hero Image
सेहत ही नहीं त्वचा को भी प्रभावित करता है PCOS

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) महिलाओं में होने वाली सबसे आम समस्या है, जो भारत में हर 10 में से कम से कम एक महिला को प्रभावित करता है। इसके लक्षणों में मिस्ड या अनियमित, कम या लंबे समय तक पीरियड्स और एक्स्ट्रा एण्ड्रोजन शामिल हैं, जो मुंहासे, शरीर और चेहरे पर बाल समेत कई समस्याओं का कारण बनते हैं।

इससे डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर, काली त्वचा, मूड स्विंग्स, पेल्विक पेन या वजन बढ़ने जैसी अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ भी जाता है। इतना ही नहींं इसकी वजह से महिलाओं की त्वचा पर भी काफी प्रभाव पड़ता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे PCOS का महिलाओं की त्वचा पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में-

यह भी पढ़ें- सिर्फ हीट स्ट्रोक ही नहीं, ब्रेन स्ट्रोक की वजह भी बन सकता है बढ़ता तापमान, स्टडी में सामने आई वजह

मुंहासे

PCOS की वजह से आमतौर पर चेहरे के निचले हिस्से में मुंहासों की समस्या होती है। इसकी वजह से जबड़े, गाल, ठोड़ी और ऊपरी गर्दन शामिल पर, मुंहासों नजर आते हैं। ऐसे में इससे राहत पाने के लिए टमाटर, हरी पत्तेदार सब्जियां, नट्स, साल्मन, जैतून का तेल, बेरीज और हल्दी जैसे फूड्स को डाइट में शामिल करें। अगर आपको किशोरावस्था से लगातार या फिर 25 साल की उम्र के बाद पहली बार मुंहासे नजर आते हैं, तो पीसीओएस की जांच कराएं।

एकैन्थोसिस नाइग्रिकन्स

यह एक स्किन डिजीज है, जिसमें गहरे भूरे रंग की विशेषता होती है। इसमें त्वचा का ज्यादा भाग हरा और कठोर दिखाई है। इसमें यह बगल, कमर और गर्दन के पीछे की त्वचा की परतों को प्रभावित करता है। इंसुलिन रेजिस्टेंस और मोटापा दो ऐसे योगदान कारक हैं, जो स्किन से जुड़ी इस समस्या का कारण बनते हैं। इसके अलावा PCOS में, शरीर सामान्य रूप से इंसुलिन पर प्रतिक्रिया नहीं करता है, जिससे पैंक्रियाज से इंसुलिन सीक्रिशन बढ़ जाता है।

हर्सुटिज्म (Hirsutism)

यह मेल हार्मोन के बहुत ज्यादा सीक्रिट होने के कारण होने वाली एक समस्या है, जिसे आसान भाषा में चेहरे पर अनचाहे बाल भी कहा जाता है, जो पीसीओएस का शिकार महिलाओं में बहुत आम है। यह स्थिति मुख्य रूप से ठोड़ी, छाती, जांघों और बाजू को प्रभावित करती है।

सेबोरहाइक डर्मेटाइटिस

सेबोरहाइक डर्मेटाइटिस एक सामान्य त्वचा की स्थिति है, जो त्वचा में दानों की वजह बनती है। यह त्वचा के ऑयली हिस्सों जैसे नाक के आसपास, भौंहों के बीच और कान के पीछे की जगहों को प्रभावित करता है।

यह भी पढ़ें-  Coconut water vs Lemon Water: नारियल पानी पिएं या नींबू पानी, गर्मियों में क्या है ज्यादा फायदेमंद?

Picture Courtesy: Freepik