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Low Cholesterol: हार्ट अटैक की वजह बन सकता है बैड कोलेस्ट्रॉल, लाइफस्टाइल में इन बदलावों से करें इसे कम

हार्ट अटैक के मामलों का बढ़ना दिल की खराब सेहत की ओर इशारा करता है। दिल को हेल्दी रखने के लिए बैड कोलेस्ट्रॉल कम होना जरूरी है। बैड कोलेस्ट्रॉल की वजह से आर्टरी ब्लॉक हो सकती है जो हार्ट अटैक का कारण बनता है। बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने के पीछे लाइफस्टाइल की अहम भूमिका होती है। जानें कैसे कर सकते हैं बैड कोलेस्ट्रॉल कम।

By Swati SharmaEdited By: Swati SharmaUpdated: Mon, 04 Dec 2023 12:18 PM (IST)
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बैड कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए अपनाएं ये बदलाव
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Bad Cholesterol: हार्ट अटैक के बढ़ते मामले दिल की बिगड़ती सेहत की ओर एक इशारा हो सकता है। हाल ही में, गुजरात के शिक्षा मंत्री कुबेर डिंडोर ने कहा कि गुजरात में हार्ट अटैक से हुई मौतों में 80 प्रतिशत 11-25 साल की उम्र के युवा थे। यह आंकड़ा अपने आप में विचलित करने वाला है। हार्ट अटैक या अन्य दूसरी दिल की बीमारियां होने के पीछे कई लाइफस्टाइल और स्वास्थ्य से जुड़े कारण हो सकते हैं, जिनमें से एक है, शरीर में LDL cholesterol का बढ़ना। इसे हम बैड कोलेस्ट्रॉल भी कहते हैं क्योंकि यह हमारे दिल के लिए घातक होता है। हालांकि, अच्छी बात यह है कि इसे कंट्रोल किया जा सकता है। आइए जानते हैं कैसे बैड कोलेस्ट्रॉल के लेवल को नियंत्रित कर सकते हैं।

क्या है बैड कोलेस्ट्रॉल?

हमारे शरीर में दो तरीके के कोलेस्ट्रॉल पाए जाते हैं, एक गुड और दूसरा बैड। गुड कोलेस्ट्रॉल हाई डेंसिटी लाइपोप्रोटीन(HDL Cholesterol) होता है और बैड कोलेस्ट्रोल को हम एलडीएल कोलेस्ट्रॉल (LDL Cholesterol) यानी लो-डेंसिटी लाइपोप्रोटीन कहते हैं। क्लीवलैंड क्लीनिक के मुताबिक, फैट हमारे शरीर में खुद से एक-जगह से दूसरी जगह नहीं जा सकते। इसमें लाइपोप्रोटीन उनके कैरियर बनते हैं। एलडीएल में फैट की मात्रा ज्यादा और प्रोटीन कम होता है, जिस वजह से इसकी मात्रा अधिक होने की वजह से हमारी आर्टरीज में प्लेग इकट्ठा हो जाता है। इस प्लेग की वजह से आर्टरी में ब्लॉकेज हो सकती है और हार्ट अटैक, स्ट्रोक जैसी जानलेवा समस्याएं हो सकती हैं।

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शरीर में इसकी सामान्य मात्रा 100mg/dL से कम होनी चाहिए। इससे अधिक होने पर, यह आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। बैड कोलेस्ट्रॉल का लेवल मैनेज करने में आपकी लाइफस्टाइल कैसी है, यह अहम भूमिका निभाती है। इसके अलावा, आपकी उम्र और जीन्स भी कोलेस्ट्रॉल लेवल को प्रभावित कर सकते हैं। शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल के लेवल को बढ़ा कर बैड कोलेस्ट्रॉल को कम किया जा सकता है। गुड कोलेस्ट्रॉल आर्टरीज में इकट्ठा हुई प्लेग को साफ करता है और आपके दिल को हेल्दी रहने में मदद करता है।

कैसे करें बैड कोलेस्ट्रॉल कम?

एक्सरसाइज

सेडेंटरी लाइफस्टाइल यानी फिजिकल एक्टिविटी न के बराबर करने से आपका बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ सकता है। इसलिए रोज थोड़ी देर एक्सरसाइज करना जरूरी है। इसके लिए जरूरी नहीं कि आपको जिम ही जाना पड़ेगा, आप ब्रिस्क वॉकिंग, रनिंग, स्विमिंग आदि भी कर सकते हैं। एक्सरसाइज करने से आपके शरीर का गुड कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है, जो बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा, आप किसी ट्रेनर की निगरानी में एरोबिक एक्सरसाइज भी कर सकते हैं।

हार्ट हेल्दी डाइट

हमारा खान-पान हमारे दिल को प्रभावित करता है। अधिक ट्रांस फैटेस और सैचुरेटेड फैट्स खाने की वजह से हमारा बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ जाता है। इसलिए, कोई भी खाने का सामान खरीदने से पहले उसका न्यूट्रिशन चार्ट चेक कर लें। इनकी जगह खाने में हाई फाइबर युक्त और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर खाना खाएं। इससे आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल और ब्लड प्रेशर दोनों कम करने में मदद मिलती है।

वजन कम करें

वजन कम करने से आपका बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल भी कम होता है। इसलिए अगर आप ओवर वेट हैं यानी आपका बीएमआई सामान्य रेंज से अधिक है, तो वजन कम करने की कोशिश करें। वजन कम करने के लिए ऐसा तरीका चुनें, जिससे अचानक से आपका वजन कम न हो क्योंकि इससे दोबारा जल्दी बढ़ने का खतरा रहता है। इसके बदले, आप अपने डॉक्टर से मिलकर ऐसा तरीका चुनें, जिससे आपका वजन भी कम हो जाए और आपकी सेहत को कोई नुकसान भी न पहुंचे।

स्मोकिंग न करें

स्मोक करने से आपका गुड कोलेस्ट्रॉल कम होता है और बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है। स्मोकिंग की वजह से आपके ब्लड प्रेशर और फेफड़ों पर भी प्रभाव पड़ता है, जो दिल के लिए भी खतरानाक साबित हो सकता है। इसलिए स्मोकिंग न करें।

शराब न पीएं

शराब पीना आपकी सेहत के लिए हानिकारक होता है। इसका सबसे अधिक प्रभाव आपके लिवर पर पड़ता है, लेकिन यह आपके बाकी की सेहत पर भी असर डाल सकता है। इसलिए शराब न पीएं।

डॉक्टर से मिलें

अगर लाइफस्टाइल में बदलाव करने के बाद भी कोलेस्ट्रॉल लेवल कम नहीं होता, तो आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए। इसके पीछे की वजह समझ कर, डॉक्टर आपको दवाई दे सकते हैं, जिससे काफी मदद मिलेगी।

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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Picture Courtesy: Freepik

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