Nipah Virus Precautions: सतर्कता ही रख सकती है आपको निपाह वायरस से दूर
केरल समेत देश के कुछ हिस्सों में निपाह वायरस के संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। इसमें बुखार उल्टी सिरदर्द गले में खराश सांस में लेने में तकलीफ जैसे लक्षण देखे जाते हैं। बीमारी के गंभीर हो जाने पर दिमाग संबंधी परेशानी भी देखी जाती हैं। इस समस्या से बचने के लिए हमें पहले से सतर्क रहने की आवश्यकता है।
By Jagran NewsEdited By: Ruhee ParvezUpdated: Mon, 18 Sep 2023 06:51 PM (IST)
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Nipah Virus: निपाह एक वायरल संक्रमण है। कोविड की तरह यह भी जानवरों से आया है यानी जूनोटिक डिजीज है। संक्रमित चमगादड़ या सूअर के रक्त, यूरिन, लार से इसका संक्रमण फैलता है। दूषित खाद्य पदार्थों से भी संक्रमण की आशंका रहती है। ड्रापलेट, यूरिन, ब्लड से यह इंसान से इंसानों के बीच भी फैलता है। हालांकि, इस तरह के संक्रमण के मामले बहुत कम देखे गए हैं। भारत में पिछली बार जब यह संक्रमण आया था, तो इसका फैलाव बड़े स्तर पर नहीं हुआ था।
निपाह वायरस के लक्षण
निपाह वायरस एक तरह का रेस्पिरेटरी वायरस है। इससे बुखार, उल्टी, सिरदर्द, गले में खराश, सांस में लेने में तकलीफ जैसे समस्याएं आती हैं यानी वायरल संक्रमण के सामान्य लक्षण इसमें भी देखे जाते हैं। अगर बीमारी गंभीर होती है, तो मस्तिष्क संबंधी परेशानी दिख सकती हैं। इसमें जापानी इन्सेफ्लाइटिस यानी दिमागी बुखार जैसे लक्षण हो सकते हैं। सबसे गंभीर बात है-निपाह वायरस के गंभीर संक्रमण से होने वाली मौतें। कोविड के कारण होने वाली मौतें दो से तीन प्रतिशत थीं, जबकि इसमें यह दर 40 प्रतिशत तक है। बहुत कम मामलों में देखा गया है कि निपाह वायरस से संक्रमित होने के बाद काफी समय बाद दिमागी समस्या, दौरे आना आदि जैसी समस्या हो सकती है।
कब कराएं जांच और इलाज
इस संक्रमण में खास तरह के गंभीर लक्षण नहीं होते। ये सामान्य वायरल बुखार की तरह होते हैं। यदि आपके आसपास निपाह वायरस के मामले रिपोर्ट हो चुके हैं या सरकार ने किसी स्थान विशेष को निपाह वायरस संक्रमित जोन घोषित किया हुआ है, तो गंभीर लक्षण वाले मरीजों की जांच जरूरी होती है। इसमें भी कोविड की तरह आरटीपीसीआर टेस्ट किया जाता है। साथ ही, एंटीबाडी टेस्टिंग भी हो सकती है। हालांकि, यह बहुत जरूरी नहीं होती।बरतें सावधानी
- वायरल संक्रमण होने के कारण यह हवा के जरिये, हाथों के स्पर्श से फैलता है। ऐसे में हाथों को धोते रहें।
- जो लोग संक्रमित जानवरों (जैसे वेटरनरी आदि) के संपर्क में रहते हैं, उनसे दूरी बनाकर रखें।
- जिन इलाकों में संक्रमण है, वहां आवागमन से बचना चाहिए।
- प्रभावित इलाकों में रहने वालों को कच्चे खाद्य पदार्थों को खाने से बचना चाहिए, क्योंकि यह वायरस संक्रमित हो सकता है।
- हमेशा पका हुआ भोजन करें। कटे हुए फल, सब्जी खाने से बचें।
- निपाह वायरस संक्रमित के संपर्क में आने से बचें।
- यदि किसी को लक्षण दिखते हैं, तो तुरंत डाक्टर से संपर्क करें, कुछ दिनों के लिए लोगों से मिलना जुलना बंद कर दें।
- डॉ. हर्षल रमेश साल्वे, एडिशनव प्रोफेसर, सेंटर फार कम्युनिटी मेडिसिन, एम्स नई दिल्ली
बातचीत : ब्रह्मानंद मिश्र