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Coronavirus Tests: कोविड के दो टेस्ट आरटी-पीसीआर और एंटीजेन में क्या है फर्क? कई बार क्यों आते हैं अलग परिणाम

Coronavirus Tests कोविड-19 का पता लगाने के लिए कई टेस्ट हैं लेकिन हाल ही में रैपिड एंटीजेन टेस्ट काफी पॉपुलर हो गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसे आप खुद बिना किसी मेडिकल मदद के इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन एक्सपर्ट्स फिर भी RT-PCR टेस्ट की सलाह ही क्यों देते हैं?

By Ruhee ParvezEdited By: Updated: Wed, 20 Apr 2022 11:20 AM (IST)
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Coronavirus Tests: समझें कोविड के आरटी-पीसीआर और एंटीजेन टेस्ट में क्या है अंतर

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Coronavirus Tests: भारत के कई राज्यों में एक बार फिर लोग तेज़ी से कोविड के शिकार हो रहे हैं। हाल ही में ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर खिलाड़ी मिचेल मार्श को कोविड पॉज़ीटिव पाए जाने के बाद दूसरे टेस्ट के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। आईपीएल की टीम दिल्ली कैपिटल्स का यह खिलाड़ी अपने पहले RT-PCR टेस्ट में नेगेटिव पाया गया, जबकि पहले टेस्ट, रैपिड एंटीजन टेस्ट में वे पॉज़ीटिव पाए गए थे। अधिकारियों ने पुष्टि की कि ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर में कुछ लक्षण देखे गए थे, जिसके बाद उनका टेस्ट किया गया।

मार्श की तरह कई लोगों के साथ ऐसा होता है, जो एंटीजन टेस्ट में पॉज़ीटिव आते हैं, और फिर RT-PCR में नेगेटिव पाए जाते हैं या फिर इससे उलटा। ऐसे में यह जानना ज़रूरी है कि आखिर ऐसा क्यों होता है।

RT-PCR और रैपिड एंटीजन टेस्ट में क्या है फर्क

कोविड-19 का टेस्ट कराने के कई तरीके हो सकते हैं। हालांकि, RT-PCR और एंटीजन टेस्ट सबसे ज़्यादा पॉपुलर हैं। कोविड टेस्ट में आरटी-पीसीआर को सबसे सटीक माना जाता है। एक व्यक्ति की नाक और गले से लिए गए सैम्पल्स को लैब में भेजा जाता है, जहां वैज्ञानिक आरएनए, या वायरस के आनुवंशिक घटक की तलाश करते हैं। आनुवंशिक सामग्री की उपस्थिति या अनुपस्थिति से पता चलता है कि कोई व्यक्ति कोविड-19 पॉज़ीटिव है या नेगेटिव।

हालांकि, RT-PCR की तुलना रैपिड एंटीजन टेस्ट का परिणाम उसी वक्त आ जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि एक RT-PCR पूरे वायरस आरएनए को देखता है, जबकि एक एंटीजन परीक्षण उस तकनीक का उपयोग करता है, जो वायरस के स्ट्रेन में सिर्फ प्रोटीन का पता लगाता है। यही वजह है कि आणविक परीक्षण में परिणाम आने में एक दिन तक का समय लग सकता है, जबकि एंटीजन टेस्ट एक से 30 मिनट में परिणाम दे देता है।

कोविड के लक्षणों के बावजूद क्यों RT-PCR टेस्ट की रिपोर्ट आती है ग़लत

इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जो परीक्षणों की सटीकता को निर्धारित करते हैं। साथ ही बुखार, गले में खराश, थकान, शरीर में दर्द, खांसी जैसे क्लासिक कोविड के लक्षणों के बावजूद क्यों आरटी-पीसीआर परीक्षण में नकारात्मक परिणाम आता है।

कई विशेषज्ञ नए कोरोना वायरस वेरिएंट का पता लगाने में टेस्ट की अक्षमता को ज़िम्मेदार ठहराते हैं, दूसरों का मानना है कि यह शरीर में कम वायरल लोड के कारण हो सकता है। संक्रमण के बाद कोविड-19 के लक्षण आमतौर पर दो से 14 दिन के अंदर देखे जा सकते हैं। संक्रमण चक्र के पांचवें दिन से वायरस प्रकट होना शुरू हो जाता है। इसलिए अगर आप उससे पहले टेस्ट करा लेते हैं, तो परिणाम ग़लत आने की संभावना बढ़ जाती है। साथ ही टेस्ट ग़लत पॉज़ीटिव या नेगेटिव तब भी आ सकता है, अगर स्वैब स्टिक से नाक और गले में सही तरीके सैम्पल न लिए हों।

कोविड के आम लक्षण

अगर आपको कोविड-19 संक्रमण के ये लक्षण महसूस होते हैं, तो टेस्ट के परिणाम का इंतज़ार किए बिना खुद को आइसोलेट कर लें।

  • बुख़ार
  • लगातार खांसी होना
  • गले में ख़राश
  • कमज़ोरी
  • मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
  • स्वाद और सुगंध का महसूस न होना
  • नाक बहना
  • छींकें आना
  • गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं

कोविड-19 का पता लगाने के लिए दूसरे टेस्ट

कोविड-19 संक्रमण का पता लगाने के लिए आप एंटीबॉडी टेस्ट या सेरोलॉजी टेस्ट करवा सकते हैं। हालांकि, यह एक तरह का ब्लड टेस्ट होता है, जिससे पता चलता है कि आपको पहले कोविड-19 हो चुका है या नहीं। एंटीबॉडी टेस्ट में एक्टिव कोरोना वायरस संक्रमण का पता नहीं चलता, बल्कि संक्रमण के कई दिनों बाद वायरल कण की उपस्थिति का पता लगाता है। इसलिए इस टेस्ट को लक्षण दिखने के 14 दिन बाद ही कराना ठीक है।

आज कल कोविड एंटीजन सेल्फ-टेस्ट काफी पॉपुलर हो गया है। इस टेस्ट के लिए आपको मेडिकल सहायता की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। यह एक रैपिड एंटीजन टेस्ट की तरह है जो कुछ ही समय में परिणाम देता है। हालांकि, इसमें भी कई बार ग़लत परिणाम आते हैं, इसलिए एक्सपर्ट्स RT PCR टेस्ट कराने की ही सलाह देते हैं।

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Picture Courtesy: Freepik