गर्मियों में भी हो सकती है आंखों से जुड़ी ये समस्या, एक्सपर्ट से जानें Summer Conjunctivitis के कारण और बचाव के तरीके
गर्मियों में अकसर कई सारी समस्याओं लोगों को अपना शिकार बना लेती हैं। Summer Conjunctivitis इन्हीं समस्या में से एक है जो इस मौसम में काफी देखने को मिलती है। इसे पिंक आई के नाम से भी जाना जाता है और यह एक कंजक्टाइवल इरिटेशन है जो आमतौर पर गर्म महीनों में दिखाई देती है। ऐसे में एक्सपर्ट से जानते हैं इसे लक्षण कारण और बचाव के तरीके।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। गर्मियों के मौसम में हमारी सेहत कई तरह से प्रभावित होती है। चिलचिलाती धूप और तेज गर्मी का असर सीधा हमारी सेहत पर पड़ता है। यही वजह है कि गर्मियों में कई सारी बीमारियां और समस्याएं लोगों को अपना शिकार बना लेती हैं। इस मौसम में आपने अकसर हीट स्ट्रोक (Heat Stroke) या हीट एग्जॉस्शन के बारे में सुना होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि गर्मियों में कंजंक्टिवाइटिस (Summer Conjunctivitis) भी आपके लिए परेशानी की वजह बन सकती है। आमतौर पर मानसून में होने यह समस्या गर्मियों में भी लोगों को अपना शिकार बना सकती है।
ऐसे में समर कंजंक्टिवाइटिस के बारे में विस्तार से जानने के लिए हमने नई दिल्ली स्थित सेंटर फॉर साइट के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ. महिपाल सिंह सचदेव (पद्मश्री पुरस्कार विजेता) से बातचीत की।यह भी पढ़ें- अल्कोहल ही नहीं लिवर सिरोसिस की एकमात्र वजह, इन चीजों से भी बढ़ जाता है इस बीमारी का खतरा
डॉक्टर बताते हैं कि समर कंजंक्टिवाइटिस, जिसे "पिंक आई" भी कहा जाता है, एक कंजक्टाइवल इरिटेशन है, जो आमतौर पर गर्म महीनों में दिखाई देती है। ये विभिन्न प्रकार के होते हैं और सभी के अलग-अलग लक्षण और कारण होते हैं, जो निम्न हैं:
वायरल कंजंक्टिवाइटिस
वायरल कंजंक्टिवाइटिस एडेनोवायरस जैसे वायरस के कारण होता है। इसके संकेतों और लक्षणों में आंख में किरकिरापन महसूस होना, आंखों का लाल होना और पानी निकलना आदि शामिल है। अत्यधिक संक्रामक होने पर यह अकसर रेस्पिरेटरी संबंधी बीमारियों के साथ मौजूद रहता है।एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिस
धूल, पोलन और पालतू जानवरों की फर या बाल आदि से होने वाली एलर्जी के कारण एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिस हो सकता है। आंखों में लालिमा, सूजन, खुजली और पानी जैसा डिस्चार्ज, छींक आना और नाक इसके कुछ आम लक्षण हैं।
इरिटेंट कंजंक्टिवाइटिस
स्विमिंग पूल में धुएं, हवा या क्लोरीन जैसे उत्तेजक पदार्थों के कारण जलन पैदा करने वाले कंजंक्टिवाइटिस को इरिटेंट कंजंक्टिवाइटिस कहा जाता है। आंखों में लालिमा, दर्द और आंसू आना इसके कुछ प्रमुख लक्षण हैं।बैक्टीरियल कंजंक्टिवाइटिस
स्टैफिलोकोकस ऑरियस जैसे बैक्टीरिया के कारण बैक्टीरियल कंजंक्टिवाइटिस होते हैं। इसके लक्षणों में आंखों में लालिमा, गाढ़ा डिस्चार्ज जो पीले या हरे रंग का होता है, पलकें चिपक जाना, खासकर सोने के बाद आदि शामिल हैं। यह सीधे संपर्क में आने से आसानी से फैल सकता है।कंजंक्टिवाइटिस ऐसे करें बचाव
- कंजंक्टिवाइटिस के इसके प्रकार के अनुसार भिन्न होते हैं।
- एंटीहिस्टामाइन और एलर्जी से दूर रहना एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिस के इलाज के प्रभावी तरीके हैं।
- आम तौर पर, वायरल कंजंक्टिवाइटिस अपने आप ठीक हो जाता है, लेकिन आंखों को चिकनाई देने वाली दवाएं और ठंडी सिकाई से मदद मिल सकती है।
- बैक्टीरियल कंजंक्टिवाइटिस के लिए एंटीबायोटिक आई ड्रॉप या ऑइंटमेंट्स की अक्सर आवश्यकता होती है।
- आंखों को साफ पानी से धोना और जलन पैदा करने वाले पदार्थों से बचना इरिटेंट कंजंक्टिवाइटिस के इलाज के लिए महत्वपूर्ण है।
- इसके प्रसार को रोकने के लिए बुनियादी स्वच्छता बनाए रखना आवश्यक है, जिसमें बार-बार अपने हाथ धोना और अपनी आँखों को छूने से बचना शामिल है।