क्या है Disease X जिनसे बढ़ा दी है वैज्ञानिकों की चिंता, जानें कैसे बन सकता है यह महामारी का कारण
कोरोना महामारी का खतरा अभी पूरी तरह से टला भी नहीं कि एक अन्य बीमारी वैज्ञानिकों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। हाल ही में Disease X को लेकर वैज्ञानिकों ने चिंता जाहिर की है। उनका ऐसा मानना है कि यह बीमारी अलगी महामारी की वजह बन सकती है। आइए जानते हैं क्या है डिजीज एक्स और यह क्यों खतरनाक है।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Disease X: कोरोना महामारी के भयानक मंजर को आजतक कोई भूल नहीं पाया है। इस भयंकर महामारी ने दुनियाभर में कई लोगों की जान छीन ली थी। अभी भी लोगों के मन में इसे लेकर डर बना हुआ है। बीते कुछ समय से भले ही इसके मामलों में गिरावट देखने को मिली हो, लेकिन बीच-बीच में सामने आ रहे इसके नए स्ट्रेन लोगों के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं। इसी बीच अब वैज्ञानिकों ने एक और बीमारी को लेकर चिंता जाहिर की है।
हालांकि, इस बार चिंता का कारण कोरोनावायरस नहीं, बल्कि डिजीज एक्स है। अब आप यह सोच रहे होंगे कि आखिर ये डिजीज एक्स क्या है। दरअसल, डिजीज एक्स शब्द का इस्तेमाल वर्षों पहले वैज्ञानिकों को अज्ञात संक्रामक खतरों के लिए उपायों पर काम करने के लिए प्रेरित करने के मकसद से किया गया था। अगर आपने ही हाल ही में यह सुना है और इसे लेकर कंफ्यूज हैं, तो आइए आज इस आर्टिकल में हम आपको बताते हैं डिजीज एक्स से जुड़ी सभी जरूरी बातों के बारे में-
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'डिजीज एक्स' क्या है?
'डिजीज एक्स' आमतौर पर किसी गंभीर वायरस या बैक्टीरिया के खतरे के कारण होने वाली बीमारी का कुछ रहस्यमयी या अज्ञात नाम है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने साल 2017 में डिजीज एक्स को सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (एसएआरएस) और इबोला जैसे बीमारियों के ज्ञात कारणों के साथ शॉट लिस्ट किया था। साल 2019 के अंत में नोवेल कोरोना वायरस की वजह से आई महामारी कोविड-19 डिजीज एक्स का ही एक उदाहरण थी।
क्यों खतरनाक है डिजीज एक्स?
वन्यजीवों में पाए जाने वाले कई सारे वायरस इस तरह की अन्य बीमारियों की वजह बन सकते हैं। ऐसा इसलिए है, क्योंकि यह वायरस मनुष्यों सहित अन्य प्रजातियों में फैलने और उन्हें संक्रमित करने की क्षमत रखते हैं, जिससे एक ऐसे संक्रमण को जन्म हो सकता है, जिसके खिलाफ लोगों में कोई इम्युनिटी नहीं होगी।डिजीज एक्स पर अध्ययन क्यों जरूरी है?
साल 2014-16 में वेस्ट अफ्रीका में इबोला महामारी से हुई तबाही एक वेकअप कॉल थी। यहां दशकों के शोध के बावजूद, 11,000 से अधिक लोगों की जान बचाने के लिए समय पर कोई इलाज मौजूद नहीं था। ऐसे में इस मानवीय संकट को ध्यान में रखते हुए WHO ने कुछ गंभीर और प्राथमिकता वाली बीमारियों से बचाव के लिए टूल के विकास में तेजी लाने के लिए एक R&D ब्लूप्रिंट बनाया। वर्तमान में इस सूची में निम्न बीमारियां शामिल हैं:-
- कोविड-19
- क्रीमियन-कांगो हेमरेजिक फीवर
- इबोला वायरस डिजीज और मारबर्ग वायरस डिजीज
- लासा फीवर
- मिडल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (MERS) और SARS
- निपाह और हेनिपावायरल डिजीज
- रिफ्ट वैली फीवर
- जीका
- डिजीज एक्स