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इस वजह से होती है 'इओसिनोफिलिया', जानें लक्षण और उपचार

इस रोग में मरीज को सांस लेने में तकलीफ होती है गले में सूजन बढ़ने लगती है और मस्तिष्क पर इसका विपरीत असर पड़ता है। अगर समय पर इसका इलाज नहीं किया जाता है तो यह बीमारी खतरनाक साबित हो सकती है।

By Umanath SinghEdited By: Updated: Sun, 17 Jan 2021 03:58 PM (IST)
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सामान्य लक्षणों में मरीज डॉक्टर की सलाह लेकर दवा ले सकते हैं।

दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। इओसिनोफिलिया एक प्रकार का सफेद रक्त कोशिका है, जिसे अंग्रेजी में White blood cells (WBCs) कहा जाता है। जब शरीर में श्वेत रक्त कोशिकाओं  की संख्या बढ़ने लगती है, या सामान्य से अधिक हो जाती है, तो इसे इओसिनोफिलिया कहा जाता है। इस समय व्यक्ति के शरीर में इओसिनोफिल्स की संख्या एक मिलीलीटर में 500 या उससे अधिक रहती है। इससे शरीर पर विपरीत प्रभाव पड़ने लगता है। इस रोग में मरीज को सांस लेने में तकलीफ होती है, गले में सूजन बढ़ने लगती है और मस्तिष्क पर इसका विपरीत असर पड़ता है। अगर समय पर इसका इलाज नहीं किया जाता है, तो यह बीमारी खतरनाक साबित हो सकती है। आइए, इओसिनोफिलिया के लक्षण और उपचार जानते हैं-

 इओसिनोफिलिया के लक्षण

-गले में सूजन बढ़ने लगती है।

-त्वचा में खुजली होने लगती है।

-सांस लेने में तकलीफ होती है।

-दम घुटने लगता है।

-हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है।

-वजन कम होने लगता है।

इओसिनोफिलिया के उपचार

 सामान्य लक्षणों में मरीज डॉक्टर की सलाह लेकर दवा ले सकते हैं। जबकि इओसिनोफिलिया के गंभीर लक्षण में मरीज को अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है। इसके साथ ही आप कुछ उपायों को घर पर ही अपनाकर इओसिनोफिलिया के मामूली लक्षणों को दूर कर सकते हैं।

-पानी अधिक पिएं। इससे शरीर हायड्रेट रहेगा और टॉक्सिन जमा नहीं होगा।

-एक गिलास पानी में एक चम्मच प्याज का रस मिलाकर सेवन करें।

-एक गिलास पानी में एक चम्मच मेथी को उबालकर इसका सेवन करें।

-अपनी डाइट में उन चीज़ों को शामिल न करें, जिनसे आपको एलर्जी है।

-फलों और सब्जियों को खाने से पहले उन्हें जरूर धो लें।

-बदलते मौसम में अपना विशेष ख्याल रखें।

-जंक फ़ूड खाने से परहेज करें।

डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।