Dengue Treatment: डेंगू के इलाज में क्यों दी जाती है बकरी का दूध पीने की सलाह, जानें क्या हैं इसके फायदे
Dengue Treatment मच्छर के काटने से होने वाली बीमारियों डेंगू चिकनगुनिया और मलेरिया में बुखार के साथ प्लेटलेट्स भी कम होने लगते हैं। ऐसे में डॉक्टर्स बकरी का दूध पीने की सलाह देते हैं। तो आइए जानें कि आखिर इस दूध में क्या खास होता है।
By Ruhee ParvezEdited By: Updated: Wed, 27 Jul 2022 03:11 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। Goat Milk Benefits: बारिश के मौसम में होने वाली बीमारियों में सबसे ख़तरनाक है डेंगू। यह एक ऐसा रोग है, जिसका समय पर इलाज शुरू न किया जाए, तो यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। डेंगू के इलाज में लोग घरेलू और आयुर्वेदिक उपायों का भी सहारा लेते हैं। ऐसे में आपने भी ग़ौर किया होगा कि जब भी डेंगू का प्रभाव बढ़ता है, तब बकरी का दूध काफी महंगा हो जाता है।
दरअसल, कहा जाता है कि बकरी का दूध डेंगू में फायदेमंद होता है और इससे डेंगू से रिकवरी में काफी मदद मिलती है। ऐसे में जानते हैं कि आखिर बकरी के दूध में ऐसा क्या होता है, जिसकी वजह से डेंगू के रोकथाम में मदद मिलती है।
बकरी के दूध के फायदे
पहले आपको बता दें कि डेंगू में बुखार के साथ शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या गिरने लगती है, जिससे डेंगू से रिकवर होने में काफी वक्त लग जाता है। हालांकि इस दौरान बकरी का दूध प्लेटलेट्स बढ़ाता है और चमत्कारिक रूप से काम करता है। प्लेटलेट्स कम होने पर कई बार मरीजों को प्लेटलेट्स चढ़ाना भी पड़ता है।बकरी के दूध में विटामिन-बी6, बी12, सी और डी की मात्रा कम पाई जाती है। इसमें फोलेट बाइंड करने वाले अवयव की मात्रा ज्यादा होने से फोलिक एसिड नामक ज़रूरी विटामिन होता है। बकरी के दूध में मौजूद प्रोटीन गाय, भैंस की तरह जटिल नहीं होता। इसलिए बकरी का दूध पचाना भी आसन होता है। साथ ही यह रक्त कणिकाओं की संख्या में बढ़ाने का काम भी करता है।
वहीं बकरी के दूध पर की गई रिसर्च में पता चला है कि इस दूध में एक खास तरह का प्रोटीन होता है। ये वही प्रोटीन है, जो डेंगू के मरीज़ में प्लेटलेट्स की संख्या को बढ़ाने का काम करता है। चिकनगुनिया में भी ये ही प्रोटीन काम करता है।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।