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Kodo Millet: सेहत के लिए खजाना है ‘गरीब का चावल’, डायबिटीज ही नहीं इन समस्याओं में भी है कारगर

Kodo Millet मोटे अनाज हमारी सेहत के लिए बेहद गुणकारी होते हैं। अपने इन्हीं गुणों की वजह से इन्हें सुपरफूड्स भी कहा जाता है। इन्हीं सुपरफूड्स में कोदो भी सेहत के लिए बेहद गुणकारी है। जानते हैं इससे जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें-

By Harshita SaxenaEdited By: Harshita SaxenaUpdated: Wed, 19 Apr 2023 06:45 PM (IST)
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सेहत के लिए गुणकारी है कोदो के चावल
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Kodo Millet: बीते कुछ समय से देशभर में मिलेट्स काफी लोकप्रिय हो चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कई बार मिलेट्स और इसके फायदों का जिक्र करते नजर आ चुके हैं। सेहत के लिए बेहद गुणकारी होने की वजह से ही लोग अलग-अलग तरह के मिलेट्स को अपनी डाइट का हिस्सा बना रहे हैं। मिलेट्स कई तरह के होते हैं, जिनमें ज्वार, बाजरा, कंगनी, रागी आदि शामिल हैं। इन्हीं में से एक कोदो भी अपने अनेक गुणों की वजह से सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। लेकिन बहुत कम लोगों ने ही इसके बारे में सुना होगा। अगर आप भी उन लोगों में से हैं, जिन्हें कोदो के बारे में बहुत जानकारी नहीं है, तो चलिए आज हम आपको बताते हैं इससे जुड़ी सभी जरूरी बातें-

क्या है कोदो

कोदो का इतिहास वर्षों पुराना है। जनरल ऑफ ग्रीन प्रोसेसिंग एंड स्टोरेज में छपी एक रिपोर्ट की मानें तो भारत में करीब 3000 साल कोदो की खेती की जा रही है। इसका पौधा 60-90 सेमी तक ऊँचा, सीधा और देखने में धान के पौधे की तरह होता है। इसके बीज चमकीले, छोटे, सफेद और गोल होते हैं। इसे देशभर में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। कोदो को कोदों, कोदरा, हरका, वरगु, अरिकेलु आदि भी कहा जाता है।

कोदो की खेती

कोदो भले में देखने में धान की पौधे की तरह लगता है, लेकिन धान से अलग खास बात यह है कि कोदो की खेती में धान से बेहद कम पानी की जरूरत होती है। कोदो को भारत के कई सारे राज्यों जैसे महाराष्ट्र, उत्तरी कर्नाटक, तमिलनाडु के कुछ भाग, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, बिहार, गुजरात और उत्तर प्रदेश में उगाया जाता है। इतना ही नहीं देश के अलावा विदेशों में भी इसकी खेती की जाती है। भारत के अलावा कोदो को फिलिपींस, वियतनाम, मलेशिया, थाईलैंड और दक्षिण अफ्रीका में उगाया जाता है।

गुणों का भंडार कोदो

सभी तरह के मिलेट्स हमारी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। कोदो भी अपने औषधीय गुणों की वजह से हमारी सेहत के लिए बेहद गुणकारी होता है। इसे अपनी डाइट में शामिल करने से कई सारी समस्याओं से निजात मिल सकती है। प्रोटीन और फाइबर के गुणों कोदो में फैट बिल्कुल नहीं होता। इसके अलावा नियासिन, बी सिक्स, फोलिक एसिड समेत कैल्शियम, आयरन, पोटेशियम, मैग्नीशियम, जिंक जैसे कई सारे मिनरल्स भी पाए जाते हैं।

‘गरीब का चावल’ कोदो

कोदो की खेती करने के लिए बेहद कम पानी की जरूरत होती है। यही वजह है कि यह कम पानी वाले सूखाग्रस्त और बंजर इलाकों में उगाया जा सकता है। इतना ही नहीं जिस जमीन पर कोई फसल नहीं उग पाती, वहां कोदो बारह महीने उगाए जा सकते हैं। यही वजह है कि इसे 'अकाल का अनाज' या 'गरीब का चावल' भी कहा जाता है।

कोदो के फायदे

  • कई सारे गुणों से भरपूर कोदो इसमें मौजूद फाइबर की वजह से पाचन के लिए बेहद गुणकारी होता है।
  • इसके लिए यह महिलाओं के लिए पीरियड्स के दौरान सुपरफूड की तरह काम करता है।
  • अगर आप डायबिटीज के मरीज है, तो कोदो आपके लिए काफी न्यूट्रीशनल साबित होगा।
  • कोदो के चावल खाने से आपको पेट दर्द की समस्या से भी राहत मिलती है।
  • कोदो के चावल खाने से बवासीर की समस्या में भी काफी फायदा मिलता है।

कोदो के नुकसान

  • किसी भी चीज की अति सेहत के लिए हानिकारक होती है। कोदो के साथ ही ऐसा ही है। अगर आप जरूरत से ज्यादा इसका सेवन कर रह हैं, तो आपको इसकी वजह से कई समस्याएं भी हो सकती हैं, जो निम्नलिखित हैं-
  • कोदो का अत्यधिक सेवन करने से वातदोष या कब्ज की समस्या की वजह बन सकता है।
  • अगर आप ज्यादा मात्रा में कोदो खा रहे हैं, तो इससे उल्टी या बुखार हो सकता है।
  • जरूरत से ज्यादा कोदो खाने से कई बार बेहोशी, तनाव आदि भी हो सकता है।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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