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Study: नींद की कमी महिलाओं में बढ़ाती है दिल की बीमारी का खतरा

सेहतमंद रहने के लिए सही खानपान के साथ ही पर्याप्त नींद भी बेहद जरूरी है। एक अच्छी नींद जहां हमें हेल्दी बनाती है तो वहीं इसकी कमी कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण भी बन सकती है। अब हाल ही में इसे लेकर एक स्टडी भी सामने आई है जिसमें पता चला कि नींद की कमी महिलाओं में दिल की बीमारी का खतरा बढ़ाती है।

By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Updated: Thu, 22 Feb 2024 03:49 PM (IST)
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महिलाओं में नींद की कमी बढ़ा सकती है डार्ट डिजीज का खतरा

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हमारे खानपान के साथ ही हमारे रहन-सहन का असर भी हमारी सेहत पर पड़ता है। इन सबके अलावा हमारी नींद का भी हमारी सेहत पर सीधा असर पड़ता है। सेहतमंद रहने के लिए जिस तरह सही खानपान जरूरी है, उसी तरह एक अच्छी और पर्याप्त नींद भी बेहद जरूरी है। नींद की कमी कई स्वास्थ्य समस्याओं की वजह बन सकती है। यही वजह है कि खुद हेल्थ एक्सपर्ट्स भी लोगों को पर्याप्त नींद लेने की सलाह देते हैं।

नींद हमारे लिए कितनी जरूरी है, यह तो हम सभी जानते ही हैं, लेकिन अब हाल ही में इससे जुड़ी एक नई स्टडी सामने आई है। इस नए शोध के अनुसार हमारे जीवन के मध्य में विकसित होने वाली नींद से जुड़ी आदतें हृदय स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डाल सकती हैं। आइए जानते हैं ताजा स्टडी के बारे में विस्तार से-

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क्या कहती है स्टडी?

जर्नल सर्कुलेशनट्रस्टेड सोर्स में प्रकाशित इस अध्ययन में पाया गया कि नियमित रूप से रात में सात घंटे से कम सोने और बहुत जल्दी या पूरी रात जागने से भविष्य में स्ट्रोक, दिल का दौरा और मायोकार्डियल इनफार्क्शन का खतरा बढ़ सकता है। हार्ट डिजीज (सीवीडी) महिलाओं में मौत का एक प्रमुख कारण है और खराब नींद महिलाओं के लिए एक प्रमुख स्वास्थ्य समस्या है।

नए स्टडी के निष्कर्षों से पता चलता है कि लंबे समय तक नींद की समस्या और हार्ट डिजीज आपस में जुड़े हुए हैं और महिलाओं में दिल की बीमारी की रोकथाम के प्रयासों में सुधार की आवश्यकता को रेखांकित करते हैं।

खराब नींद बढ़ा सकती है हार्ट डिजीज का खतरा

शोधकर्ताओं ने 42 से 52 वर्ष की उम्र के बीच 2,964 महिलाओं की नींद की आदतों और हेल्थ आउटकम्स का मूल्यांकन किया। ये सभी प्रतिभागी प्रीमेनोपॉजल या प्रारंभिक पेरिमेनोपॉजल थे, हार्मोन थेरेपी का उपयोग नहीं कर रहे थे और उन्हें हार्ट डिजीज नहीं था।

अध्ययन में शामिल चार में से एक महिला नियमित रूप से अनिद्रा के लक्षणों का अनुभव करती है, जिसमें सोने में परेशानी, रात में जागना या समय से पहले जागना और 14 प्रतिशत अक्सर कम अवधि की नींद से परेशान हैं। लगभग 7% महिलाओं ने आदतन अनिद्रा के लक्षणों और कम नींद की अवधि की जानकारी दी। शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों में लंबे समय से अनिद्रा के लक्षण ज्यादा थे, उनमें बाद में जीवन में सीवीडी विकसित होने का खतरा अधिक था।

इन लोगों का खतरा ज्यादा

इसके अलावा, जो महिलाएं नियमित रूप से रात में पांच घंटे से कम सोती थीं, उनमें हार्ट डिजीज का खतरा थोड़ा ज्यादा था। जिन लोगों में लगातार अनिद्रा के ज्यादा लक्षण थे और रात में पांच घंटे से कम सोते थे, उनमें हृदय रोग का खतरा 75% अधिक था। शोधकर्ताओं के अनुसार, शोध के निष्कर्ष लंबे समय तक नींद की समस्याओं के महिलाओं के हृदय स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव को उजागर करते हैं।

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Picture Courtesy: Freepik