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Infertility: बच्चे की किलकारी सुनने के लिए तरस जाएंगे कान! अगर नहीं करेंगे लाइफस्टाइल में ये 7 जरूरी बदलाव

इनफर्टिलिटी एक बेहद गंभीर समस्या है जिसका दुनियाभर में कई कपल्स सामना कर रहे हैं। इनफर्टिलिटी का खतरा हमारी लाइफस्टाइल से जुड़ी कुछ आदतों की वजह से भी बढ़ता है। इसलिए जरूरी है कि हम अपनी जीवनशैली में अच्छी आदतों को शामिल करें ताकि इनफर्टिलिटी के खतरे को कम करने में मदद मिल सके। आइए जानते हैं लाइफस्टाइल की उन आदतों के बारे में।

By Swati Sharma Edited By: Swati Sharma Updated: Mon, 22 Apr 2024 07:06 PM (IST)
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रोज की कुछ आदतों में सुधार करने से कम होता है इनफर्टिलिटी का खतरा

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। इनफर्टिलिटी (Infertility) एक ऐसी समस्या है, जिससे दुनियाभर में कई लोग जूझ रहे हैं। बच्चे की चाह रखने वाले कपल्स के लिए यह काफी डिप्रेसिंग हो सकता है। इसलिए फर्टिलिटी से जुड़ी किसी भी बात को हल्के में नहीं लेना चाहिए। साथ ही, इन बातों का भी ख्याल रखना चाहिए कि किन एहतियातों को बरतने से आप इनफर्टिलिटी के खतरे को कम कर सकते हैं। हमारी लाइफस्टाइल का हमारी सेहत से जुड़े हर पहलु पर प्रभाव पड़ता है। इसलिए भी आपको अपनी लाइफस्टाइल पर ध्यान देना जरूरी होता है। कुछ मेडिकल कंडिशन्स के अलावा, लाइफस्टाइल से जुड़ी कुछ आदतें भी इनफर्टिलिटी की वजह बन सकते हैं। आइए जानते हैं, रोज के जीवन से जुड़ी किन आदतों में सुधार करके फर्टिलिटी को बढ़ाने में मदद मिल सकती है।

हेल्दी डाइट

फर्टिलिटी से जुड़ी समस्याओं का जोखिम कम करने के लिए जरूरी है कि हमारी डाइट हेल्दी हो। अपनी डाइट में सभी प्रकार के फल, सब्जियां, साबुत अनाज, दही, चीज, ड्राई फ्रूट्स को शामिल करें। इनसे शरीर को जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं, जो रिप्रोडक्टिव हेल्थ के लिए काफी जरूरी होते हैं। इसके अलावा, प्रोसेस्ड फूड्स और जंक फूड्स को बिल्कुल डाइट में शामिल न करें।

सही वजन

वजन का हमारी सेहत पर काफी प्रभाव पड़ता है। मोटापा बढ़ने की वजह से इनफर्टिलिटी की समस्या को जोखिम भी बढ़ जाता है। खासकर अब्डोमिनल फैट बढ़ने की वजह से यह समस्या और बढ़ सकती है। कई स्टडीज में भी पाया गया है कि कमर का साइज बढ़ने की वजह से इनफर्टिलिटी का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए हेल्दी वजन मेंटेन करना बेहद जरूरी है। अपनी लंबाई, लिंग और उम्र के हिसाब से कितना वजन होना सही रहेगा, इस बारे में अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।

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स्मोक न करें

स्मोकिंग की वजह से महिलाओं और पुरुषों दोनों के ही गेमेट्स यानी ओवम और स्पर्म की गुणवत्ता खराब हो सकती है। इसके कारण कंसीव करने में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए स्मोक न करें और सेकेंड हैंड स्मोक से भी बचने की कोशिश करें। यह भी आपकी रिप्रोडक्टिव हेल्थ के लिए हानिकारक हो सकता है।

तनाव कम करें

हल्का-फुल्का तनाव सभी को होता है, जो ज्यादा चिंता की बात नहीं है, लेकिन अगर स्ट्रेस ज्यादा हो जाता है, तो यह आपकी रिप्रोडक्टिव हेल्थ को नुकसान पहुंचा सकता है। स्ट्रेस की वजह से पूरी सेहत पर प्रभाव पड़ता है। इसलिए तनाव को कम करने की सलाह दी जाती है। इसके लिए मेडिटेशन, योग, जर्नलिंग, काउंसलिंग आदि की मदद ले सकते हैं।

एक्सरसाइज करें

एक्सरसाइज करने से इनफर्टिलिटी के कई रिस्क फैक्टर्स को कम किया जा सकता है। मोटापा, दिल की बीमारियां, मेंटल हेल्थ से जुड़ी परेशानियां आदि के जोखिम को कम करने में एक्सरसाइज मददगार होती है। इसलिए रोज एक्सरसाइज करना काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।

शराब न पीएं

शराब पीने से सेहत से जुड़ी कई परेशानियां हो सकती हैं, जिसमें इनफर्टिलिटी भी शामिल है। शराब की वजह से हार्मोन्स में गड़बड़ी और रिप्रोडक्टिव ऑर्गन्स में परेशानियां होने का खतरा रहता है। इसलिए शराब न पीना, इनफर्टिलिटी के खतरे को कम करता है।

प्रदूषण से बचें

हेल्थ एक्सपर्ट भी इस बात से इत्तेफाक रखते हैं कि वायु प्रदूषण की वजह से रिप्रोडक्टिव हेल्थ को नुकसान पहुंचता है। 2.5PM के कण का साइज में इतना छोटा होता है कि वह ब्लड के जरिए किसी भी भाग तक पहुंच सकता है। इसकी वजह से इनफर्टिलिटी और मिसकैरिज जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।

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Picture Courtesy: Freepik