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क्या महिलाओं की तरह पुरुषों को भी होता है मेनोपॉज, डॉक्टर्स से जानें Male Menopause से जुड़ी सभी जरूरी बातें

महिलाओं की तरह क्या पुरुषों में भी होता है मेनोपॉज? Male Menopause के बारे में आपने शायद सुना होगा लेकिन क्या ऐसा कुछ सच में होता है या यह एक मिथक है? इस बारे में जानने के लिए हमने कुछ डॉक्टर्स से बात की जिन्होंने इस बारे में हमारे साथ कुछ दिलचस्प जानकारियां साझा की। आइए जानें क्या है Male Menopause और इससे जुड़ी सभी बातें।

By Swati Sharma Edited By: Swati Sharma Updated: Fri, 14 Jun 2024 12:56 PM (IST)
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एक्सपर्ट्स से जानें Male Menopause के बारे में सबकुछ (Picture Courtesy: Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Male Menopause Symptoms: महिलाओं में मेनोपॉज (Menopause) के बारे में शायद आप जानते होंगे कि 45-55 साल की उम्र में उनमें रजोनवृत्ति होती है, यानी पीरियड्स आने बंद हो जाते हैं। ऐसा एस्ट्रोजेन हार्मोन की कमी की वजह से होता है। ऐसे ही, बढ़ती उम्र के साथ पुरुषों में भी कुछ हार्मोनल बदलाव होते हैं। लेकिन क्या पुरुषों में भी मेनोपॉज जैसा कुछ होता है और क्या उनमें भी महिलाओं की तरह अचानक हार्मोन्स में गिरावट होने लगती है? इस बारे में जानने के लिए हमने डॉक्टर्स से बात की। आइए जानते हैं कि मेल मेनोपॉज (Male Menopause) के बारे में उन्होंने क्या जानकारियां साझा की।

क्या है मेल मेनोपॉज?

डॉ. मनीषा अरोड़ा (मैक्स अस्पताल, गुरुग्राम के स्त्री रोग एंव प्रसुति विभाग की निदेषक और यूनिट प्रमुख) ने बताया कि पुरुषों में भी मेनोपॉज जैसे बदलाव आते हैं, जिसे एंड्रोपॉज (Andropause) या मेल मेनोपॉज (Male Menopause) कहा जाता है। ऐसा टेस्टोस्टेरोन के स्तर में कमी होने की वजह से होता है। हालांकि, महिलाओं की तरह यह अचानक शुरू नहीं होता, बल्कि धीरे-धीरे होता है। पुरुषों में 30 साल की उम्र के बाद धीरे-धीरे टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्तर कम होने लगता है। हर साल उनमें औसतन 1 प्रतिशत की कमी होती है। हालांकि, बढ़ती उम्र के साथ कई बार अन्य वजहों से भी टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्तर कम हो सकता है। 

Male menopause

(Picture Courtesy: Freepik)

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मेल मेनोपॉज के लक्षण

इसके बारे में आगे बताते हुए डॉ. अरोड़ा ने कहा कि पुरुषों में एंड्रोपॉज या मेल मेनोपॉज 45 वर्ष से 55 वर्ष के बीच अधिक देखने को मिलता है। टेस्टोस्टेरोन हार्मोन्स में कमी की वजह से थकान, डिप्रेशन, चिड़चिड़ापन, स्कुशअल डिजायर में कमी, इरेक्टाइल डिसफंक्शन और मसल मास में कमी जैसे लक्षण (Male Menopause Symptoms) देखने को मिलते हैं। हालांकि, ये बढ़ती उम्र के साथ हार्मोन्स में कमी की वजह से होता है, लेकिन इसके पीछे अन्य कारण भी शामिल हो सकते हैं, जैसे- तनाव, खराब लाइफस्टाइल या सेहत से जुड़ी कोई समस्या।

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(Picture Courtesy: Freepik)

कैसे करें मेल मैनोपॉज मैनेज?

हालांकि, मेल मेनोपॉज को भी मैनेज किया जा सकता है। इसे मैनेज करने के उपायों के बारे में बात करते हुए डॉ. आरिफ अख्तर (मैरिंगो एशिया अस्पताल, गुरुग्राम के यूरोलॉजी विभाग के वरिष्ठ कंसल्टेंट) ने बताया कि एंड्रोपॉज को मैनेज करने (Menopause Care Tips) के लिए लाइफस्टाइल और हेल्थ प्रोफेशनल्स की मदद लेना कारगर साबित हो सकता है।

लाइफस्टाइल में बदलाव

संतुलित आहार, जिसमें फल, सब्जियां, लीन प्रोटीन और साबुत अनाज शामिल हो, खाने से थकान से बचने में मदद मिलती है और पूरी सेहत को भी बढ़ावा मिलता है। संतुलित आहार खाने से हार्मोन्स में उतार-चढ़ाव की वजह से होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं को कम करने में भी मदद मिलेगी। इसके अलावा, नियमित व्यायाम करें, जिसमें स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और कार्डियोवैस्कुलर एक्सरसाइज को शामिल करें। इससे मसल लॉस से बचाव मिलेगा और साथ ही, मूड भी बेहतर रहेगा।

तनाव कम करें

मेडिटेशन, योग और माइंडफुलनेस की मदद से तनाव कम करने में काफी मदद मिलती है और मेंटल हेल्थ भी बेहतर रहती है। साथ ही, अच्छी नींद लेने से भी तनाव कम करने में मदद मिलती है। इसलिए 7-8 घंटे की नींद तो जरूर लें।

Male menopause

(Picture Courtesy: Freepik)

हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी

टेस्टोस्टेरोन की कमी को पूरा करने के लिए हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी फायदेमंद हो सकती है। हालांकि, इससे पहले अपने डॉक्टर से मिलकर इससे जुड़े खतरे और फायदों के बारे में जरूर पूरी जानकारी ले लें और तभी कोई फैसला लें। साथ ही, नियमित रूप से टेस्टोस्टेरोन लेवल और सेहत का नियमित चेकअप कराएं।

साइकोलॉजिकल मदद लें

एंड्रोपॉज की वजह से होने वाले मूड स्विंग्स और डिप्रेशन के लिए काउंसलिंग या थेरेपी की मदद लेना फायदेमंद साबित हो सकता है। ऐसे में सपोर्ट ग्रुप्स भी मददगार हो सकते हैं, क्योंकि इनसे ऐसी भावना आती है कि आप अकेले नहीं है।

रिहैबिलिटेशन

अपने डॉक्टस से बात करके आप अपने लिए रिहैबिलिटेशन प्लान कर सकते हैं। इससे एंड्रोपॉज के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है। रिहैबिलिटेशन में मसल लॉस और सेक्शुअल हेल्थ के लिए फिजिकल थेरेपी भी मिल सकती है, जिससे इरेक्टाइल डिसफंक्शन जैसी परेशानियों को कम करने में मदद मिल सकती है।

लेकिन इन सभी में सबसे जरूरी है कि अगर आपको एंड्रोपॉज के लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो आप अपने डॉक्टर से बात करें और उनसे बात करके ही ट्रीटमेंट प्लान करें।

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