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यूरोप में बढ़ते Measles के मामलों ने बढ़ाई चिंता, जानें इस संक्रामक बीमारी के बारे में कुछ जरूरी बातें

Measles एक बेहद संक्रामक बीमारी है जो इन दिनों यूरोप में चिंता का विषय बनी हुई है। यहां इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं जिसने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। मीसल्स एक बेहद संक्रामक बीमारी है जो अक्सर बच्चों में ज्यादा पाई जाती है। ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे इस बेहद संक्रामक संक्रमण के लक्षण से लेकर इसके बचाव तक सबकुछ

By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Updated: Thu, 25 Jan 2024 05:27 PM (IST)
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जानें क्या है मीसल्स, इसके लक्षण और कारण

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। दुनियाभर के विभिन्न देशों में कई बीमारियों लगातार कहर बरपा रही है। कोरोना महामारी के नए स्ट्रेन, रहस्यमयी निमोनिया और इन्फ्यूएंजा के बाद मीसल्स (Measles) ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। बीते कुछ दिनों से यूके में लगातार मीसल्स के मामले सामने आ रहे हैं, जो हेल्थ एक्सपर्ट्स के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। इस बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंगलवार को कहा कि पिछले साल जनवरी और अक्टूबर के बीच यूरोप में मीसल्स के मामले 30,000 से ऊपर बढ़ गए, जो साल 2022 की तुलना में 30 गुना ज्यादा है। ऐसे में आप इस आर्टिकल में हम जानेंगे क्या है मीसल्स, इसके लक्षण और इससे जुड़ी सभी जरूरी बातों के बारे में-

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क्या है मीसल्स?

मायो क्लिनिक के मुताबिक मीसल्स बचपन में होने वाला एक संक्रमण है, जो एक मीसल्स वायरस के कारण होता है। एक समय काफी आम रहे मीसल्स को अब लगभग वैक्सीन से रोका जा सकता है। इसे रूबेला भी कहा जाता है और छोटे बच्चों के लिए गंभीर और घातक भी हो सकता है।

मीसल्स के लक्षण

मीसल्स के लक्षण आमतौर वायरस के संपर्क में आने के लगभग 10 से 14 दिन बाद दिखाई देते हैं। इसके लक्षणों आम तौर पर निम्न शामिल होते हैं:-

  • बुखार
  • सूखी खांसी
  • बहती नाक
  • गला खराब होना
  • सूजी हुई आंखें
  • लाल दाने
  • त्वचा पर चकत्ते
  • मुंह के अंदर छोटे-छोटे सफेद धब्बे

मीसल्स के कारण

मीसल्स, जिसे खसरा भी कहा जाता है, एक बेहद संक्रामक बीमारी है। इसका मतलब यह है कि यह बहुत आसानी से दूसरों तक फैल सकता है। मीसल्स किसी संक्रमित बच्चे या वयस्क के नाक और गले में पाए जाने वाले वायरस के कारण होता है।

कैसे फैलता है मीसल्स

जब मीसल्स से पीड़ित कोई व्यक्ति खांसता, छींकता या बात करता है, तो संक्रामक बूंदें हवा में फैल जाती हैं, जहां अन्य लोग सांस ले सकते हैं। यह संक्रामक बूंदें लगभग एक घंटे तक हवा में लटकी रह सकती हैं।

इतना ही नहीं यह संक्रामक ड्रॉपलेट्स किसी सतह पर भी गिर सकती हैं, जहां वे कई घंटों तक रह सकती हैं और फैल सकती हैं। जब आप अपने मुंह या नाक में अपनी उंगलियां डालते या संक्रमित सतह को छूने के बाद अपनी आंखें रगड़ते से इस वायरस से संक्रमित हो सकते हैं।

मीसल्स से बचाव

सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (सीडीसी) के मुताबिक बच्चों और वयस्कों को मीसल्स से बचाव के लिए खसरे यानी मीसल्स का टीका लगवाना चाहिए।

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Picture Courtesy: Freepik