मध्य प्रदेश में नहीं थम रहा Measles का कहर, इन तरीकों को अपनाकर रखें बच्चों का ख्याल
मध्य प्रदेश के मैहर में लगातार मीजल्स (Measles outbreak) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यहां संक्रमण के बढ़ते मामलों की वजह से स्कूलों को बंद कर दिया गया है। यह एक खतरनाक बीमारी है जो मीजल्स वायरस की वजह से फैलती है। यह बीमारी किसी को भी अपना शिकार बना सकती है। ऐसे में इससे बचने के लिए जरूरी बातों का ख्याल रखना बेहद जरूरी है।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Measles Outbreak in MP: मध्य प्रदेश में लगातार मीजल्स के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इस बीमारी से दो बच्चों की मौत के बाद से ही पूरे प्रदेश में हलचल मच गई है। इतना ही नहीं पिछले दिनों खुद वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन यानी WHO ने मीजल्स को लेकर एक डराने वाली चेतावनी जारी की है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक साल के अंत तक मीजल्स आधी से ज्यादा दुनिया को अपनी चपेट में ले सकता है। ऐसे में जरूरी है कि इस बीमारी के बचाव को लेकर सही कदम उठाए जाए। खासकर जब देश के एक हिस्से में इसके मामलों में तेजी से बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है।
ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कुछ ऐसे तरीकों और उपायों के बारे में, जिनकी मदद से आप बढ़ते मीजल्स के मामलों के बीच अपने बच्चों का ध्यान रख सकते हैं।यह भी पढ़ें- नाखूनों में हो रहे हैं इस तरह के बदलाव तो न करें नजरअंदाज, हो सकता है 'लिवर डैमेज' का खतरा
मीजल्स कैसे फैलता है?
मीजल्स एक संक्रामक बीमारी है, जिसे खसरा भी कहा जाता है। यह मीजल्स वायरस के कारण फैलता है। इस वायरस से संक्रमित होने पर दाने निकलने शुरू होते हैं, तो चेहरे से शुरू होकर पूरे शरीर में फैल जाते हैं। इसमें फ्लू जैसे लक्षणों के साथ सर्दी, खांसी और आंखें लाल हो जाती हैं। यह बीमारी उन लोगों को फैलने की ज्यादा संभावना होती है, जिन्हें इस वायरस के खिलाफ वैक्सीन नहीं लगी है। आइए जानते हैं इससे बचने के कुछ उपाय-
बच्चों को हाथ धोने के लिए प्रेरित करें
किसी भी तरह के संक्रमण से बचने के लिए वायरस को खुद दूर रखना बेहद जरूरी है। वायरस आमतौर पर हाथों के जरिए हमारे शरीर में प्रवेश करता है। ऐसे में वायरस को बच्चों से दूर रखने के लिए उन्हें बार-बार साबुन और पानी से हाथ धोने के लिए प्रेरित करें।संपर्क में आने वाली सतहों को सैनिटाइज करें
मीजल्स बेहद संक्रामक होता है और संक्रमित मरीज द्वारा छूई गई सतहों पर इसका वायरस 3-4 घंटे तक जीवित रह सकता है। ऐसे में दरवाजे के हैंडल, नल, रसोई काउंटरटॉप्स और फर्नीचर जैसी बार-बार छुई जाने वाली सतहों को सैनिटाइज करना जरूरी है।