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Menopause की वजह से करना पड़ सकता है कई समस्याओं का सामना, जानें कैसे मैनेज किए जा सकते हैं लक्षण

महिलाओं में शारीरिक बदलाव बदलावों की वजह से कई बार उन्हें काफी समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है। मेनोपॉज एक ऐसा ही बदलाव है। इस दौरान न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी कई बदलाव होते हैं। इसके कुछ लक्षणों की मदद से यह पता लगा सकते हैं कि आप मेनोपॉज की तरफ बढ़ रही हैं। जानें क्या है इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं इन्हें मैनेज।

By Swati SharmaEdited By: Swati SharmaUpdated: Sun, 04 Feb 2024 12:00 PM (IST)
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मेनोपॉज के इन संकेतों से कर सकती हैं इसकी पहचान
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Menopause: उम्र के हर पड़ाव में हम महिलाओं के शरीर में कुछ न कुछ बदलाव देखने को मिलते हैं। एक बहुत बड़ा बदलाव लगभग 50 साल की उम्र में देखने को मिलता है। इस उम्र के आस-पास के सालों में महिलाओं की माहवारी यानी पीरियड्स रुक जाते हैं, जिसे हम मेनोपॉज कहते हैं। इससे पहले शरीर में कुछ ऐसे बदलाव होते हैं, जिनकी मदद से आप इसकी पहचान कर सकती हैं कि आप मेनोपॉज की तरफ बढ़ रही हैं। आइए जानते हैं मेनोपॉज के कुछ शुरुआती संकेत, जिनकी पहचान कर, आप अपनी मेनोपॉज के सफर को आसान बना सकती हैं।

क्या है मेनोपॉज?

मेनोपॉज महिलाओं में होने वाली एक नेचुरल प्रक्रिया है, जो लगभग 50 साल की उम्र के आस-पास शुरू होता है।  मेनोपॉज तब कहा जा सकता है, जब किसी महिला को बिना किसी वजह के एक साल तक यानी 12 महीनों तक पीरियड्स नहीं होते हैं। इस दौरान कई शारीरिक और मानसिक बदलाव होते हैं, जिसकी वजह होती है एस्ट्रोजेन की कमी। मेनोपॉज के तीन स्टेज होते हैं, प्रीमेनोपॉज, मेनोपॉज और पोस्ट मेनोपॉज। इसके संकेत कई बार 45 वर्ष के बाद से शुरू हो जाते हैं।

जैसे-जैसे कोई महिला मेनोपॉज की तरफ बढ़ने लगती है, ओवरीज धीरे-धीरे कम एस्ट्रोजेन रिलीज करने लगते हैं, जिस कारण से शरीर में इस हार्मोन की कमी होने लगती है। यह हार्मोन केवल रिप्रोडक्शन में ही नहीं बल्कि, शरीर के अन्य दूसरे कामों में भी अहम भूमिका निभाता है। मेंसुरल साइकिल को कंट्रोल करने के अलावा, यह हड्डियों, दिल और नर्वस सिस्टम को भी प्रभावित करता है। इसलिए इस हार्मोन की कमी से मेंसुरल साइकिल के साथ-साथ शरीर के अन्य अंग भी प्रभावित होते हैं।

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Menopause

क्या हैं मेनोपॉज के लक्षण?

  • वेजाइनल ड्राईनेस, जिस कारण से शारीरिक संबंध बनाने में कठिनाई हो सकती है।
  • संभोग की इच्छा में बदलाव आना
  • वजन बढ़ना
  • त्वचा रूखी होना और मुंह सूखना
  • सोने में तकलीफ होना
  • अचानक से बहुत गर्मी लगने लगना (हॉट फ्लैश)
  • बार-बार यूरिनेट करने की जरूरत होना
  • नींद न आना
  • स्तनों में बदलाव होना
  • रात को बहुत पसीने आना
  • मूड स्विंग्स होना
  • बालों का झड़ना
  • वजन बढ़ना
  • कॉन्संट्रेट करने में तकलीफ होना
  • चीजें या बातें भूलना
  • थकान
  • जोड़ों में दर्द होना 
इन लक्षणों से कुछ हद तक राहत पाने के लिए आप अपनी लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव कर सकती हैं। जैसे कि-

हॉट फ्लैश के ट्रिगर्स से दूर रहें

हॉट फ्लैश कुछ फैक्टर्स की वजह से ट्रिगर हो सकते हैं। उन्हें पहचानने की कोशिश करें। इन ट्रिगर्स को पहचान कर, मेनोपॉज में होने वाली सबसे बड़ी समस्या को आप काफी हद तक कंट्रोल कर सकती हैं।

डाइट में बदलाव

आपकी डाइट के कुछ फूड आइटम्स मेनोपॉज के लक्षणों को और गंभीर बना सकते हैं। इसलिए अपनी डाइट में, साबुत अनाज, प्लांट-बेस्ड प्रोटीन, दही, फल और सब्जियों को शामिल करें और ज्यादा मसालेदार या तले-भुने खाने से दूर रहें।

एक्सरसाइज करें

एक्सरसाइज करने से जोड़ों मजबूत रहते हैं, मूड अच्छा रहता है, रात को नींद अच्छी आती है और हेल्दी वजन मेंटेन करने में भी मदद मिलती है। इसलिए रोज थोड़ी देर की एक्सरसाइज आपके मेनोपॉज के कई लक्षणों को कम कर सकती है।

डॉक्टर से संपर्क करें

अगर आपको ऐसा महसूस हो रहा है कि मेनोपॉज के लक्षणों से आपको काफी परेशानी हो रही है, तो आप डॉक्टर से मिल सकती हैं। वे आपकी इसमें बेहतर तरीके से मदद कर पाएंगे।

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Picture Courtesy: Freepik

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