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Menopause Care Tips: मेनोपॉज के लक्षणों के साथ जानें इससे निपटने के तरीके

Menopause Care Tips मेनोपॉज कोई समस्या नहीं बल्कि एक स्थिति है जिससे हर महिला को गुजरना पड़ता है तो इसे लेकर परेशान न हो बल्कि इसके लक्षणों की पहचान करते हुए कैसे अपना ध्यान रखें इस पर फोकस करें।

By Priyanka SinghEdited By: Priyanka SinghUpdated: Fri, 24 Mar 2023 09:04 AM (IST)
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Menopause Care Tips: मेनोपॉज के लक्षणों के साथ जानें इससे निपटने के तरीके
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Menopause Care Tips: ज्यादातर महिलाएं मेनोपॉज की स्थिति को आसानी से स्वीकार नहीं कर पातीं क्योंकि उन्हें बढ़ती उम्र और सेहत से जुड़ी परेशानियां सताने लगती हैं। भारत में मेनोपॉज की औसत आयु तकरीबन 48 से 50 साल के बीच है। अगर 45 साल से कम उम्र में आपके पीरियड्स आने बंद हो जाएं या 52 साल के बाद पीडियड्स आते रहें, तो यह चिंताजनक है। ऐसा होने पर बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करें।

तो किस तरह के लक्षण मेनोपॉज में देखने को मिल सकते हैं और इस दौरान कैसे रखें अपनी सेहत का ध्यान, इनके बारे में जानना बहुत जरूरी है।

क्यों होता है मेनोपॉज?

स्त्री के शरीर में स्थित ओवरी की कार्यक्षमता घटने से एस्ट्रोजन और प्रोजस्टेरॉन नामक स्त्री हॉर्मोन्स के सिक्रीशन में भी कमी आने लगती है। इसके कारण मेंस्ट्रुअल साइकल की अवधि कम हो जाती है या धीरे-धीरे ब्लीडिंग कम होने लगती है। कई स्त्रियों में मेंस्ट्रुअल साइकल की अवधि लंबी हो जाती है और कुछ में तो अचानक ही समाप्त हो जाती है। अगर किसी स्त्री को एक साल तक पीरियड्स न हो, तो इसे मेनोपॉज कहा जा सकता है।

मेनोपॉज के लक्षण

मेनोपॉज के दौरान स्त्रियों के शरीर के तामपमान में अनिश्चितता बनी रहती है। कुछ स्त्रियों में तेज बुखार जैसे लक्षण भी नजर आते हैं, जिसे हॉट फ्लैशेज़ के नाम से जाना जाता है। गर्मियों के मौसम में भी अचानक ठंडक महसूस होना या सर्दियों में भी पसीना आना आदि इसके सामान्य लक्षण हैं।

ऐसे रखें खुद को हेल्दी और एक्टिव

उम्र के इस पड़ाव पर आने के बाद अपने रोजाना के भोजन में हरी सब्जियों, स्प्राउट्स, ताजे फलों और जूस को प्रमुखता से शामिल करें।

- रोजाना एक ग्लास फैट फ्री दूध का सेवन करना न भूलें। इस उम्र में हड्डियां कमजोर पड़ने लगती हैं और उन्हें मजूबती देने के लिए दूध-दही से पर्याप्त कैल्शियम मिलता है।

- अपने भोजन में सोयाबीन से बनी चीज़ों को जरूर शामिल करें क्योंकि इसमें पाया जाने वाला आइसोलेवॉन्स नामक बॉटेनिकल एस्ट्रोजन आपके शरीर के साथ मस्तिष्क के लिए भी काफी फायदेमंद साबित होता है।

- रोजाना बीस मिनट ब्रिस्क वॉक जरूर करें। डॉक्टर की सलाह के बाद आप स्वीमिंग, स्किपिंग और साइक्लिंग जैसे व्यायाम भी सहजता से कर सकती हैं।

- अपना नियमित चेकअप कराना न भूलें। साल में एक बार ब्रेस्ट को पेप्स स्मीयर- मैमोग्राफी और यूट्रस का पेल्विक अल्ट्रासाउंड कराएं। हार्ट की स्थिति के लिए लिपिड प्रोफाइल और ईसीजी, हड्डियों के घनत्व की स्थिति जानने के लिए बोन डेंसिटी टेस्ट कराएं। इस उम्र में शुगर टेस्ट भी जरूरी है।

यह न भूलें कि मेनोपॉज युवावस्था का अंत नहीं है, बल्कि यह प्रौढ़ावस्था की शुरुआत है। इस उम्र में आप ज्यादा मैच्योर होती हैं इसलिए खुश रहें और एक्टिव रहें। पॉजिटिव सोच अपनाएं और उम्र को सहजता से स्वीकारें जिससे स्वस्थ रह सकें।

Pic credit- freepik 

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