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Menstrual Cup: अगर आपके मन में भी है मेंस्ट्रुअल कप को लेकर डाउट, तो एक्सपर्ट से जाने जवाब

मेंस्ट्रुअल कप पैड और टैम्पॉन के बदले एक अच्छा ऑप्शन है। लेकिन पीरियड्स की ही तरह मेंस्ट्रुअल कप के बारे में भी कई सारे मिथक ऐसे हैं जिन पर लोग भरोसा करते हैं। इस कारण से कई महिलाएं इसका इस्तेमाल करने से डरती हैं। हो सकता है आपके मन में भी इससे जुड़े कई सवाल हो। इन सवालों के जवाब ढूंढ़ने के लिए हमने एक्सपर्ट से बात की है।

By Jagran NewsEdited By: Harshita SaxenaUpdated: Fri, 06 Oct 2023 12:39 PM (IST)
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दूर करें मेंस्ट्रुअल कप से जुड़े मिथक
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Menstrual Cup: पीरियड्स एक नेचुरल प्रक्रिया है, जो हर महीने महिलाओं और किशोरियों को होती है। जिसमें यूट्रस की लाइनिंग टूटती है और इस कारण से ब्लीडिंग होती है। पीरियड्स के दौरान कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है, जैसे क्रैम्प, कमर दर्द, ब्लोटिंग, मूड स्विंग और न जाने क्या-क्या। उसके बाद बार-बार पैड बदलना, लीकेज की चिंता इन समस्याओं को और बढ़ा देती हैं। पैड बदलने की टेंशन से बचने का एक रास्ता है, मेंस्ट्रुअल कप।

मेंस्ट्रुअल कप मेडिकल ग्रेड सिलिकॉन से बना एक छोटा फलेक्सिबल कप होता है, जिसे आप अपने वजाइना के अंदर लगाते हैं। इस कप को आप 8-10 घंटे तक बिना निकाले इस्तेमाल कर सकते हैं। इस कप की खास बात यह होती है कि आप इसे धोकर दोबारा इस्तेमाल कर सकते हैं। पैड या टैम्पॉन की तरह इसे बार-बार बदलना नहीं पड़ता। लेकिन इसे इस्तेमाल करने से पहले इसके बारे में पूरी जानकारी होना जरूरी है। इसलिए इससे जुड़े मिथकों और तथ्यों के बारे में जानने के लिए हमने गुरुग्राम के सी के बिरला अस्पताल की लीड कंसल्टेंट ऑबस्ट्रैटिक्स और गायनोलॉजी डॉ. आस्था दयाल से बात की।

मिथक-1 मेंस्ट्रुअल कप के इस्तेमाल से वर्जिनिटी चली जाती है?

फैक्ट- नहीं। वर्जिनिटी का मतलब होता है कि आपने किसी के साथ संभोग किया है या नहीं। मेंस्ट्रुअल कप से वर्जिनिटी का कोई संबंध नहीं है। हालांकि, अगर आप इसका इस्तेमाल करते हैं तो हो सकता है कि हाइमन (Hymen) ब्रेक हो जाए। हाइमन टूटने का मतलब वर्जिनिटी लूज करना नहीं होता।

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मिथक-2 मेंस्ट्रुअल कप से वजाइना स्ट्रेच हो जाता है?

फैक्ट- ऐसा बिल्कुल नहीं है। अगर आप सही साइज के कप का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो मेंस्ट्रुअल कप आपके वजाइना के निचले भाग पर ही रहता है। यह एक सॉफ्ट कप होता है, जो आपके वजाइना को स्ट्रेच नहीं करता।

मिथक-3 सभी को मेंस्ट्रुअल कप का एक ही साइज आता है?

फैक्ट- यह भी एक मिथक है। हर वजाइना अलग साइज की होती है और मेंस्ट्रुअल कप अलग-अलग साइज में आते हैं। स्मॉल, मीडियम, लार्ज। शुरुआत में छोटा साइज इस्तेमाल करके देखें। एक महीने में आपको अपने सही साइज का अंदाजा हो जाएगा। हालांकि, जिन महिलाओं की वजाइनल यानी नॉर्मल डिलीवरी हुई है, उन्हें बड़े साइज के कप का इस्तेमाल करना पड़ सकता है।

मिथक-4 मेंस्ट्रुअल कप को पहन कर रात में सो नहीं सकते?

फैक्ट- मेंस्ट्रुअल कप पहन कर सोने में कोई समस्या नहीं है, बल्कि मेंस्ट्रुअल कप का यह एक फायदा है कि हेवी फ्लो के दौरान भी लीकेज की संभावना बेहद कम होती है। रक्त अंदर ही कप में ही इकट्ठा होगा और बाद में आप कप को निकाल कर खाली कर सकते हैं।

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मिथक-5 मेंस्ट्रुअल कप पहन कर आप टॉयलेट और पॉटी नहीं कर सकते?

फैक्ट- मेंस्ट्रुअल कप के साथ भी आप टॉयलेट और पॉटी कर सकते हैं। अगर आपके मेंस्ट्रुअल कप का साइज ठीक है तो आपको कोई दिक्कत नहीं होगी। लेकिन अगर प्रॉबल्म हो रही है, तो उसका कारण हो सकता है कि आपने कप को ठीक से लगाया नहीं होगा या आपके कप का साइज ठीक नहीं है।

Author: Swati Sharma

Photo Courtesy: Freepik